मुस्तफा नाराज, बोले- डीजीपी पैनल से नाम काटने को सुप्रीम कोर्ट में दूंगा चुनौती
पंजाब में नए डीजीपी की नियुक्ति में पिछड़ गए मोहम्मद मुस्तफा नाराज हैं। डीजीपी के लिए बनाए पैनल से नाम काटे जाने से नाराज मुस्तफा ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब में नए डीजीपी की नियुक्ति हो गई है। इससे इस पद के दावेदार रहे मोहम्मद मुस्तफा नाराज हैं। डीजीपी के पद के लिए यूपीएससी द्वारा भेजे गए नए पैनल में दूसरे सबसे सीनियर अधिकारी मोहम्मद मुस्तफा का नाम काट दिया गया। अब मुस्तफा ने कहा है कि वह इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।
काबिले गौर है कि यूपीएससी को 1987 बैच तक के अधिकारियों की सूची भेजी गई थी जिनमें मोहम्मद मुस्तफा 1985 बैच के हैं और दूसरे सबसे सीनियर अधिकारी हैं। उनसे सीनियर केवल सामंत गोयल है जो इस समय केंद्रीय डेपुटेशन पर कार्यरत हैं। सामंत गोयल की रिटायरमेंट में दो साल से कम समय रह गया है इसलिए डीजीपी के पद के लिए मोहम्मद मुस्तफा ही सबसे सीनियर माने जा रहे थे।
इससे पहले मोहम्मद मुस्तफा, सामंत गोयल और दिनकर गुप्ता के नाम वाला पैनल मंजूर होने की बात सामने आई थी। मोहम्मद मुस्तफा का कहना है कि एक साजिश के तहत उनके नाम को हटा दिया गया है। उन्होंने कहा, मैं अपने अधिकार की लड़ाई को अब अदालत में लडूंगा। इससे पहले जो पैनल तैयार किया गया था उसमें मेरा का नाम शामिल था लेकिन एक साजिश के तहत इसे हटाया गया है। वह इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।
उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने लंबे करियर में पूरी तत्परता और क्षमता से पुलिस फोर्स की सेवा की है और उनका करियर बिल्कुल बेदाग है। यही नहीं डीजीपी लगने के लिए दो साल का सेवाकाल बाकि होना चाहिए। वह इस शर्त को भी पूरा करते हैं, इसके बावजूद उनका नाम सूची से हटा दिया गया है। हालांकि मुस्तफा ने यह नहीं कहा कि इसके पीछे कौन है लेकिन उनके तेवर से लग रहा है कि वह पैनल से अपना नाम हटाए जाने को लेकर खासे नाराज हैं और इसे लेकर कदम उठाने के मूड में हैं। मुस्तफा की पत्नी रजिया सुल्ताना कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। समझा जाता है कि उनका नाम पैनल से हटाए जाने में यह बड़ा कारण रहा है।
मोहम्मद मुस्तफा ने कहा कि यूपीएससी में कोई मीटिंग के दौरान पैनल से उनका नाम हटाने संबंधी साजिश का पर्दाफाश कर के रहेंगे। उन्होंने कहा कि जब नए नए नियमों के मुताबिक डीजीपी लगने के लिए सबसे पहली शर्त सीनियरिटी और दूसरी सर्विस का अच्छा रिकॉर्ड है। वह दोनों शर्तों को बखूबी पूरा करते हैं तो ऐसे में उनका नाम क्यों हटाया गया। काबिले गौर है कि मोहम्मद मुस्तफा इस समय ड्रग्स को खत्म करने के लिए बनाई गई स्पेशल टास्क फोर्स के प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलने के लिए समय मांगा है ताकि इस पूरे प्रकरण की जानकारी मिल सके।