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सारी रात इलाज के लिए तड़पता रहा बच्चा, आराम फरमाती रही डॉक्टर और मौत की नींद सो गया मासूम Chandigarh News

सिविल अस्पताल में डायरिया से पीड़ित पांच साल के बच्चे की मौत मामले में अस्पताल की नाइट ड्यूटी डॉक्टर की लापरवाही सामने आ रही है।

By Edited By: Published: Fri, 30 Aug 2019 11:48 PM (IST)Updated: Sat, 31 Aug 2019 11:37 AM (IST)
सारी रात इलाज के लिए तड़पता रहा बच्चा, आराम फरमाती रही डॉक्टर और मौत की नींद सो गया मासूम Chandigarh News
सारी रात इलाज के लिए तड़पता रहा बच्चा, आराम फरमाती रही डॉक्टर और मौत की नींद सो गया मासूम Chandigarh News

संवाद सहयोगी, डेराबस्सी। सिविल अस्पताल में डायरिया से पीड़ित पांच साल के बच्चे की मौत मामले में अस्पताल की नाइट ड्यूटी डॉक्टर की लापरवाही सामने आ रही है। विभाग की डिपार्टमेंटल इंक्वायरी में इमरजेंसी के दौरान बच्चे को देखने नाइट ड्यूटी डॉक्टर अपने कमरे से वार्ड तक रातभर में एक बार भी नहीं आई। इस दौरान बच्चे की तबीयत बिगड़ने पर भी न तो डॉक्टर उसके इलाज के लिए पहुंची और न ही उसे समय पर रेफर किया गया। जब परिजन डॉक्टर से मिलने उसके रूम में जाने लगे तो नर्सिंग स्टाफ ने कहा कि डॉक्टर सो रही है। इस मामले में विभागीय रिपोर्ट जांच कमेटी ने सिविल सर्जन मोहाली को सौंप दी है, जिसमें नाइट ड्यूटी डॉक्टर की लापरवाही के पुख्ता सबूत देखने को मिले हैं।

यह है मामला
24 और 25 अगस्त की रात को इमरजेंसी ड्यूटी पर सिविल अस्पताल में डॉक्टर हरलीन कौर थी। इस दौरान रात करीब 2:00 बजे विजय तिवारी अपने पांच साल के बेटे शिवम को लेकर डेराबस्सी सिविल अस्पताल पहुंचे। बच्चे को उल्टी और दस्त की शिकायत थी। शिवम के पिता विजय तिवारी ने आरोप लगाए थे कि वह बच्चे को लेकर सुबह 7:30 बजे तक सिविल अस्पताल में मौजूद रहे परंतु ड्यूटी डॉक्टर ने न तो बच्चे को चेक किया न ही उसे रेफर किया। सुबह 7:00 बजे के बाद डॉक्टर बच्चे को देखने पहुंचे परंतु वहां भी इलाज के नाम पर एक पर्ची पर दो सिरप लिख कर दे दिए। उस समय मार्केट में कोई दुकान न खुली होने के कारण वह सिरप नहीं खरीद पाया और डॉक्टर में इलाज के लिए 8:00 बजे तक इंतजार करने को कहा। हालत बिगड़ती देख विजय खुद ही बच्चे को मोटरसाइकिल पर लेकर चंडीगढ़ के सेक्टर-32 जीएमसीएच पहुंचे थे। जहां डॉक्टरों ने बच्चे को मृत बताया।

तीन डॉक्टरों की टीम ने की जांच
पीड़ित पिता विजय तिवारी ने डॉ. हरलीन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। इसके बाद विभाग में डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डॉ. राकेश सिंगला की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित कर यह मामला उन्हें सौंप दिया था। जांच कमेटी में राकेश सिंगला के अलावा चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर मेघना और डेराबस्सी एसएमओ डॉक्टर संगीता जैन भी भी शामिल हैं।

पांच घंटे तक डॉ. हरलीन कौर बच्चे को देखने नहीं आई
डॉक्टर सिंगला ने बताया कि अस्पताल में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई तो इस बात की पुष्टि हुई है कि शिवम के माता-पिता बच्चे के इलाज को लेकर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में इधर-उधर भाग-दौड़ करते रहे। इलाज के लिए स्टाफ नर्स परमप्रीत कौर दो से तीन बार बच्चे के पास गई थी। फुटेज में 5 घंटे तक कहीं भी ड्यूटी डॉक्टर हरलीन कौर नजर नहीं आई।

उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी रिपोर्ट
डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डॉक्टर राकेश सिंगला के अनुसार जांच रिपोर्ट फाइनल कर शुक्रवार सुबह सिविल सर्जन मोहाली को सौंपी जा चुकी है। उन्होंने बताया की जांच में तमाम आरोपों और उसकी सफाई से संबंधित सभी पक्षों को कंसीडर किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक अगली कार्रवाई का विशेषाधिकार सिविल सर्जन के पास है। उधर, सिविल सर्जन मोहाली डॉ. मंजीत सिंह ने बताया कि रिपोर्ट उनके पास पहुंच चुकी है, उसमें लापरवाही आंशिक तौर पर पाई जा रही है। इसपर कार्रवाई के लिए रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी।
 

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