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चाय पर मिले नवजोत सिद्धू व पंजाब के सीएम कैप्‍टन अमरिंदर, पंजाब कैबिनेट में री-एंट्री पर सस्‍पेंस

बुधवार शाम नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह की चाय पर मुलाकात हुई। इस बैठक के दौरान दोनों नेताओं के बीच काफी सौहार्द दिखा। कैप्‍टन और सिद्धू ने अपने मतभेद दूर रहने के संकेत दिए और एक साथ फोटो खिंचवाए।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 17 Mar 2021 06:11 PM (IST)Updated: Wed, 17 Mar 2021 10:35 PM (IST)
चाय पर मिले नवजोत सिद्धू व पंजाब के सीएम कैप्‍टन अमरिंदर, पंजाब कैबिनेट में री-एंट्री पर सस्‍पेंस
चाय पर मुलाकात के दौरान पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू। (जागरण)

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की राज्‍य के मुख्‍यमंत्री के साथ चाय पर मुलाकात समाप्‍त हो गई है। दोनों नेताओं के बीच सौहार्द पूर्ण माहौल में बातचीत हुई। इस दौरान उन्‍होंने करीबी दिखाना वाले अंदाज में फोटो भी खिचवाई। मुलाकात के बाद सिद्धू बिना मीडिया कर्मियों से बात किए चले गए। दोनों नेताओं की मुलाकात करीब 35 मिनट चली। इस मुलाकात के बाद सिद्धू के पंजाब कैबिनेट में फिर शामिल होने को लेकर चर्चाएं तेज हाे गई हैं। दूसरी ओर, थोड़ी देर पहले सिद्धू के एक ट्वीट ने मामले में रहस्‍य पैदा कर दिया है।

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मुलाकात महज 35 मिनट चली वार्ता रही बेनतीजा

बता दें कि पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू को अपने यहां चाय पर न्‍यौता दिया था। सिद्धू बुधवार सायं कैप्‍टन के यहां पहुंचे और दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई। बातचीत के दौरान सिद्धू और कैप्‍टन ने साथ बैठकर तस्‍वीर भी खिंचवाई। मुलाकात के बाद सिद्धू बाहर निकले तो मीडिया कर्मियों से बिना बात किए चले गए। इसके बाद कैप्‍टन से उनकी मुलाकात और पंजाब कैबिनेट में उनकी री-एंट्री को लेकर कयासबाजी शुरू हो गई।

 इसी बीच नवजाेत सिंह सिद्धू ने एक ट्वीट किया और इसके अपने-अपने मायने निकाले जा रहे हैं। नवजोत सिद्धू ने ट्वीट में लिखा है - 'आजाद रहो विचारों से, लेकिन बंधे रहो संस्‍कारों से...ताकि आस और विश्‍वास रहे किरदारों पे।'  इस ट्वीट को कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के साथ नवजाेत सिंह सिद्धू की मुलाकात को जाेड़ा जाने लगा।

बता दें कि कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने इससे पहले भी नवजोत सिद्धू काे अपने यहां लंच पर बुलाया था। इसके बाद उनको बुधवार को कैप्‍टन द्वारा चाय के लिए न्‍यौता देने को उनके पंजाब कैबिनेट में वापसी से जोड़ा जाने लगा। अभी तक दोनों नेताओं की बातचीत को लेकर कोई खुलासा नहीं हुआ है।

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माना जा रहा था कि आज नवजोत सिंह सिद्धू की कैबिनेट में री-एंट्री का फैसला हो जाएगा लेकिन दोनों नेताओं चर्चा में कोई भी फैसला नहीं हो सका। मीटिंग मात्र 35 मिनट में ही निपट गई। मीटिंग के बाद नवजोत सिंह सिद्धू अपनी गाड़ी से कैप्टन के फार्म हाउस से बिना किसी से बात किए निकल गए। उधर, सरकार की ओर से कुछ स्पष्ट नहीं किया जा रहा कि आखिर मीटिंग में हुआ क्या।

सीएम के निकटवर्ती सूत्रों का कहना है कि दोनों नेताओं ने आज हाथ जरूर मिलाया लेकिन गले मिलने तक नौबत नहीं आई। सिद्धू और कैप्टन ने चाय का कप जरूर साझा किया और ज्यादातर पारिवारिक बातें ही हुईं। चर्चा थी कि सिद्धू को कैबिनेट में एडजस्ट करने के बारे में आज कोई न कोई फैसला हो जाएगा और जल्द ही उनकी गाड़ी पर एक बार फिर से झंडी सज सकती है। लेकिन, उनके मीटिंग में जाने से पहले उनकी पत्नी डॉ नवजोत कौर सिद्धू ने जिस तरह से बेबाकी से अपनी बात रखी, उससे ही साफ हो गया था कि आज कुछ नहीं होने वाला। डॉ सिद्धू ने कहा कि अब कोई एक साल में मंत्री बनकर क्या परफारमेंस दिखा पाएगा। उन्होंने कहा कि वह पद के पीछे नहीं भागते बल्कि उनके लिए पंजाब ही महत्वपूर्ण है।

चुनावी साल में कांग्रेस करना चाहती है इस्‍तेमाल

सियासी हलकों में चर्चा है कि पार्टी उन्हें इस चुनावी साल में किसी भी तरह से उपयोग में रखना चाहती है। पंजाब में जिस तरह के सियासी हालात बने हुए हैं, उससे कांग्रेस को उम्मीद है कि वह दोबारा सत्ता में आ सकती है। ऐसे में अगर सिद्धू जैसा बेबाक नेता उनके साथ नहीं रहता तो इसका संदेश अच्छा नहीं जाएगा।

नवजोत सिंह सिद्धू के पार्टी प्रधान बनने की भी अटकलें पिछले कई दिनों से लग रही हैं लेकिन कांग्रेस के लिए यह फैसला लेना मुश्किल है क्योंकि मुख्यमंत्री और पार्टी प्रधान दोनों महत्वपूर्ण पद किसी एक वर्ग को ही नहीं दिए जा सकते। 2017 के चुनाव में हिंदू वर्ग खुलकर कांग्रेस के पक्ष में रहा है। सुनील जाखड़ को हटाकर कांग्रेस हिंदू वर्ग को नाराज करने का जोखिम नहीं उठाना चाहती।

दूसरा, सिद्धू के पास संगठन में काम करने का कोई अनुभव भी नहीं है। उन्हें एडजस्ट करने के फार्मूले में उन्हें इस चुनावी साल में प्रचार कमेटी का चेयरमैन बनाने की भी चर्चा है।उधर, पता चला है कि पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत भी 20 मार्च को पंजाब आ रहे हैं। उनके आने पर क्या यह रुकी हुई बात आगे बढ़ पाएगी इसको लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है।

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