Move to Jagran APP

सिद्धू की रैलियों वाली 85 फीसद सीटों पर मिली कांग्रेस को जीत, पार्टी में बढ़ा कद

तीन राज्यों में कांग्रेस को मिली जीत से पार्टी में सिद्धू का कद भी काफी बढ़ गया है। सिद्धू ने जिन कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए रैलियां की उनमें 85 फीसद को जीत मिली है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 13 Dec 2018 10:44 AM (IST)Updated: Fri, 14 Dec 2018 09:57 AM (IST)
सिद्धू की रैलियों वाली 85 फीसद सीटों पर मिली कांग्रेस को जीत, पार्टी में बढ़ा कद
सिद्धू की रैलियों वाली 85 फीसद सीटों पर मिली कांग्रेस को जीत, पार्टी में बढ़ा कद

चंडीगढ़ [कैलाश नाथ]। तीन राज्यों में कांग्रेस को मिली जीत से पार्टी में कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का कद भी काफी बढ़ गया है। चार राज्यों में सिद्धू ने 18 दिनों में 70 रैलियां की। उनकी डिमांड रुकने का नाम नहीं ले रही थी। सिद्धू ने जिन कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए रैलियां की उनमें 85 फीसद को जीत मिली है। यही वजह रही कि जीत के बाद जब कांग्रेस प्रधान राहुल गांधी ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो नवजोत सिंह सिद्धू को भी इसमें विशेष तौर पर स्टेज पर बुलाया गया। हालांकि पहले वह सामने बैठे हुए थे।

loksabha election banner

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान के शपथ समारोह में वहां के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के साथ जफ्फी डालने को लेकर उनके सियासी विरोधियों ने जिस प्रकार से उन पर हमला बोला था, वह इन रैलियों के जरिए उससे भी उबर आए हैं। यही नहीं करतारपुर कॉरिडोर को लेकर जिस तरह से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ उनके मतभेदों को उभारा जा रहा था। गत दिवस सिद्धू ने कैप्टन के साथ मिलकर उनको भी सुलझा लिया है। दिल्ली से लौटते ही सिद्धू सीधा कैप्टन अमरिंदर सिंह के आवास पर गए और उनके 'कौन कैप्टन' वाले बयान पर सफाई दी।

दिलचस्प बात यह है कि जिन 70 सीटों पर नवजोत सिद्धू ने कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए रैलियां की हैं, उनमें 85 फीसद को जीत मिली है। कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि उनकी रैलियों में जिस तरह से भीड़ उमड़ रही थी, उसे देखकर अन्य उम्मीदवार भी उनकी रैलियों में उन्हें भेजने की मांग कर रहे थे। यह पहला मौका था जब सिद्धू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोला और राफेल डील, नोटबंदी और जीएसटी के मुद्दों पर उन्हें घेरा। 2014 में नरेंद्र मोदी के 'अच्छे दिन' वाले जुमले को लेकर सिद्धू ने उन्हीं की टोन में इसका जवाब देते हुए कहा कि 'बुरे दिन जाने वाले हैं, राहुल भाई आने वाले हैं।'

गुजरात और हिमाचल में नहीं अपनाया था आक्रामक रुख

सिद्धू ने इस तरह का आक्रामक रुख गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव के दौरान नहीं दिखाया था। हालांकि, उस समय भी राहुल गांधी ने उन्हें विशेष तौर पर चुनाव प्रचार के लिए भेजा था। कांग्रेस की जीत पर जब सिद्धू से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह जनता के समर्थन का सैलाब है। अब राहुल गांधी को लाल किले की प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने से कोई नहीं रोक सकता।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.