गुरु की चुप्पी टूटी: नवजोत सिद्धू अमृतसर से चुनाव लड़ने को तैयार, लेकिन रखी यह बड़ी शर्त
पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की चुप्पी टूट गई है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल को अपने खिलाफ अमृतसर से चुनाव लड़ने की चुनौती दी है।
चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू आखिरकार अपनी लंबी चुप्पी तोड़ी। चुप्पी तोड़ते ही उन्होंने बादल परिवार पर हमला बोला। सिद्धू ने इस खास शर्त पर लोकसभा चुनाव लड़ने की बात भी कही। सिद्धू ने केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल को अमृतसर संसदीय सीट से अपने चुनाव लड़ने की चुनौती दी। उन्होंने कहा, हरसिमरत अमृतसर से चुनाव लड़ें तो मैं लोकसभा चुनाव लड़ने काे तैयार हूं।
बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू पिछले 10-15 दिनों से सार्वजनिक तौर पर नजर नहीं आ रहे थे और उन्होंने चुप्पी साध रखी थी। इसको लेकर चर्चाएं गर्म हुईं तो वह बुधवार को सामने आए। सिद्धू ने कहा, 'मुझसे व मेरी पत्नी डॉ. नवजोत कौर को बठिंडा सीट से हरसिमरत कौर बादल के खिलाफ चुनाव लड़ने को कहा जा रहा है। मैं उन्हें (हरसिमरत कौर बादल) को अमृतसर से चुनाव लड़ने की चुनौती देता हूं। वह क्यों मेरी चुनौती स्वीकार नहीं करतीं? वह अमृतसर से चुनाव लड़ें तो मैं या मेरी पत्नी उनका मुकाबला करने काे तैयार हैं
जागरण से बातचीत में उन्होंने चंडीगढ़ से पत्नी डॉ. नवजोत कौर को कांग्रेस टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने कहा कि टिकट कटने पर नाराजगी की कोई बात नहीं है। यह पार्टी को देखना है कि किसको कहां से लड़वाना है। मुझे नहीं लगता कि डॉ. नवजोत चंडीगढ़ के अलावा किसी और सीट से लडऩे की इच्छुक होंगी।
सिद्धू ने कहा कि बार-बार हमें बठिंडा जाने को कहा जा रहा है। कोई हरसिमरत से क्यों नहीं कहता कि वह अमृतसर में हमारे खिलाफ उतरकर दिखाएं? अगर मुझे अमृतसर छोड़ना होता तो पिछले चुनाव में छोड़ देता, जब मुझे कुरुक्षेत्र भेजा जा रहा था। आसानी से जीतता और केंद्र में मंत्री होता, लेकिन मैंने साफ कह दिया कि मैंने लोगों से वादा किया है कि मैं अमृतसर नहीं छोडूंगा। जिस सीट के लोगों के साथ आप न्याय न कर सको वहां से चुनाव लड़ने का क्या फायदा?
हर स्टेट में जाऊंगा प्रचार करने
कांग्रेस के स्टार प्रचारक नवजोत सिंह सिद्धू की काफी डिमांड है। उन्होंने कहा कि जहां-जहां पार्टी ड्यूटी लगाएगी, वहां-वहां जाऊंगा। उनसे पूछा गया कि कहां से मांग आ रही है, तो उन्होंने कहा कि सभी राज्यों से मांग आ रही है। हमारा मकसद ज्यादा से ज्यादा सीटेंं जितवाकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाना है।
नाराज नहीं, बीमार था
सिद्धू करीब 10-15 दिनों से सार्वजनिक तौर पर नहीं दिखे तो उनकी नाराजगी की खबरों को बल मिला। सिद्धू ने कहा कि एक हफ्ते तक वह वायरल से पीडि़त थे जैसे ही ठीक हुए दांतों के दर्द ने घेर लिया। 10 दिन पहले उनके दांतों का इलाज हुआ था। डॉक्टरों ने आराम करने व बोलने से मना किया था। नाराजगी की चर्चा फिजूल है। मैं आज भी आपके सामने दफ्तर में बैठा हूं और कामकाज निपटा रहा हूं।
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नवजोत कौर को पार्टी से ज्यादा पति पर भरोसा
दूसरी ओर ऐसा लगता है कि कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू को पार्टी से ज्यादा पति पर भरोसा है। वह चंडीगढ़ से लोकसभा का टिकट कटने से दुखी हैं, लेकिन अब पवन बंसल के लिए प्रचार करेंगी। जागरण से मुलाकात के दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें बठिंडा, अमृतसर व आनंदपुर साहिब से भी लड़ने का ऑफर मिला था तो डॉ. नवजोत ने कहा, 'चंडीगढ़ काफी छोटी सीट है। चूंकि नवजोत सिंह सिद्धू को पूरे देश में प्रचार के लिए जाना है। इसलिए मैंने चंडीगढ़ के लिए आवेदन किया था।
उन्होंने कहा कि बिना सिद्धू के लिए मेरे लिए बड़ी संसदीय सीट से लड़ऩा मुश्किल है। हमारा तो कोई बच्चा पॉलिटिक्स में है नहीं। सारा काम अपने संगी साथियों के साथ ही करना है। ऐसे में संसदीय सीट में नौ विधायकों के साथ काम करना, रूठे लोगों को जाकर मनाना, किसी भी महिला के लिए मुश्किल काम है।
चंडीगढ़ से टिकट न मिलने की निराशा डॉ. सिद्धू के चेहरे पर साफ झलक रही थी। उन्होंने कहा, 'मैंने चंडीगढ़ से टिकट जरूर मांगा था। इस सीट पर महिलाओं के लिए वैक्यूम था। पार्टी ने वरिष्ठ नेता पवन बंसल को टिकट दी। मुझे टिकट न मिलने का दुख है, लेकिन अब हम मिलकर बंसल जी को जितवाने के लिए जोर लगाएंगे। हमारा मुख्य निशाना भाजपा को हराना है।'