सिद्धू ने फिर तोड़ा प्रोटोकॉल, पद्म विभूषण दिलवाने के लिए पीएम से सीधे कर दी सिफारिश
मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने बिना सीएम की जानकारी के पीएम को पत्र लिखकर प्रसिद्ध उपन्यासकार जसवंत कंवल को पद्म विभूषण सम्मान के लिए सिफारिश कर दी।
जेएनएन, चंडीगढ़। बार-बार प्रोटोकॉल तोड़ने के कारण विवादों में घिरते आए स्थानीय निकाय व पर्यटन मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर करने तो चले थे एक अच्छा प्रयास, लेकिन तरीका इस बार भी गलत अपना लिया। आज तक पंजाब के साहित्यकारों के लिए बहुत कम मंत्रियों ने पद्म विभूषण सम्मान दिलाने की जद्दोजहद की है।
सिद्धू ने यह सम्मान प्रसिद्ध उपन्यासकार जसवंत कंवल को दिलवाने का बीड़ा तो उठाया, लेकिन उसके लिए मंत्री होते हुए भी प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया। उन्होंने जसवंत कंवल के सौवें जन्मदिन पर इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है, जबकि इसके लिए अभी मुख्यमंत्री से कोई मंजूरी नहीं ली गई है।
जसवंत कंवल विख्यात साहित्यकार हैैं। वे इस सम्मान के हकदार भी हैैं। सिद्धू ने उनके कृतित्व का पूरा विवरण पीएम को की गई सिफारिश में किया है। पर इस सिफारिश से मकसद पूरा नहीं होगा, क्योंकि तय तरीका नहीं अपनाया गया।
राज्य का कोई भी मंत्री सीधे तौर पर किसी को पद्मश्री या पद्म विभूषण देने की सिफारिश नहीं कर सकता। इसके लिए एक प्रोटोकॉल बना हुआ है। इसके तहत सीएम आफिस की मंजूरी के बाद पंजाब सरकार की ओर से संबंधित व्यक्ति जिसको पद्मश्री या पद्म विभूषण देने की सिफारिश की जानी है, बायोडाटा एक तयशुदा फार्म में भरकर चीफ सेक्रेटरी, प्रिंसिपल सेक्रेटरी एडमिनिस्ट्रेशन या फिर सेक्रेटरी प्रोटोकॉल की ओर से पीएमओ को भेजा जाता है। यूटी में यह काम प्रशासक कम राज्यपाल करते हैं। इसके अलावा केंद्र में कैबिनेट रैंक के मंत्री ऐसा कर सकते हैं।
पहले भी तोड़ा है प्रोटोकॉल
इससे पहले भी नवजोत सिद्धू प्रोटोकॉल तोड़ चुके हैैं। रेत कार्पोरेशन बनाने के मामले में अपनी सब कमेटी के सदस्यों को विश्वास में लिए बिना वे रिपोर्ट सीएम को सौंप आए थे। तीन आइएएस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भी उन्होंने मुहिम शुरू कर दी थी जिस पर न तो सीएम ने कोई कार्रवाई की और न ही पर्सनल विभाग ने।
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