Move to Jagran APP

नवजोत सिद्धू ने कांग्रेस हाईकमान को दी खुली चुनौती, कहा- समझौता करने वाले अफसरों या पीसीसी प्रधान में से एक को चुनो

नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर चन्नी सरकार पर हमला करने के साथ ही पार्टी को भी खुली चुनौती दे दी है। नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि पार्टी समझौता करने वाले अफसरों या पीपीसी चीफ दोनों में से एक को चुने।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 08 Nov 2021 02:58 PM (IST)Updated: Mon, 08 Nov 2021 05:35 PM (IST)
नवजोत सिद्धू ने कांग्रेस हाईकमान को दी खुली चुनौती, कहा- समझौता करने वाले अफसरों या पीसीसी प्रधान में से एक को चुनो
चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते नवजोत सिंह सिद्धू।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। कांग्रेस के प्रदेश प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब सरकार और अपनी पार्टी को चुनौती दी है कि वह या तो बेअदबी कांड में समझौता करने वाले दो अफसरों को चुन ले या प्रदेश कांग्रेस के प्रधान को। सिद्धू ने एक बार फिर कांग्रेस सरकार की नीयत पर सवाल खड़े किए। पंजाब भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने 9 अप्रैल 21 को बहबल कलां गोलीकांड को लेकर बनी एसआइटी की रिपोर्ट को खारिज कर नई एसआइटी बनाने और 6 माह में जांच पूरी कर रिपोर्ट देने के लिए कहा था। 7 मई को नई एसआइटी बनाई गई थी। 6 माह 1 दिन का समय बीत गया है। एसआइटी की रिपोर्ट कहां है?

loksabha election banner

एडवोकेट जनरल एपीएस देयोल का नाम लिए सिद्धू ने कहा कि उन्होंने पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी को ब्लैंकेट बेल दिलवाई थी, लेकिन पंजाब सरकार ने अभी तक ब्लैंकेट बेल को तोड़ने के लिए हाई कोर्ट में कोई भी एसआइपी दायर नहीं की। सिद्धू ने कहा कि यह सरकार की नैतिकता पर सवाल है। सिद्धू ने कार्यकारी डीजीपी इकबाल प्रीत सिंह सहोता को लपेटते हुए कहा, एक ने बादलों को क्लीन चिट दी और दूसरे ने ब्लैंकेट बेल दिलवाई।

उन्होंने सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि जो सरकार के नए सरमायेदार व पहरेदार हैं उन्होंने सैनी की ब्लैंकेट बेल को तोड़ने के लिए क्या किया। उन्होंने कहा कि मैं 6 माह तक चुप रहा। क्योंकि हाई कोर्ट ने 6 माह में रिपोर्ट देने के लिए कहा था। वह समय बीत चुका है, इसलिए मैंने सवाल उठाया है। 3 माह पहले (कैप्टन सरकार के समय) इन्हीं मुद्दों का विरोध हुआ था। तब 40 विधायकों ने कहा था कि मुझे भरोसा नहीं कि मुख्यमंत्री (कैप्टन) के रहते हुए यह मुद्दे हल हो सकते हैं। अब क्या हो गया। ड्रग्स की रिपोर्ट को क्यों नहीं सार्वजनिक किया जा रहा है। हम क्या छुपा रहे हैं, क्योंकि पंजाब में जो चुनाव होने वाले हैं। उसमें या तो डैमेज कंट्रोल होगा या फिर डैमेज कभी भी कंट्रोल नहीं हो सकेगा। पंजाब सरकार का नाम लिए बगैर सिद्धू ने कहा कि इंसाफ देना था या ढाल बनकर खड़े होना था। जिन्होंने अपने स्टैंड बदले है, उन्हें स्पष्टीकरण देना चाहिए।

पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि वह कोर्ट का सम्मान करते हैं। कोर्ट सबूतों के आधार पर चलता है। कमजोर केस पेश करोगे तो परिणाम कमजोर होंगे। मजबूत केस पेश करोगे तो परिणाम भी अच्छे आएंगे। उन्होंने कहा कि राजनीतिक इच्छा शक्ति चाहिए पर्दाफाश करने के लिए और दूसरा रोड मैप चाहिए खजाना भरने के लिए।

सिद्धू ने पेट्रोल और डीजल की कीमत घटाने का तो समर्थन किया। साथ ही सवाल उठाए की क्या अगले 5 वर्षों तक भी यह जारी रहेगा। सिद्धू ने साथ ही चुनौती दी कि या तो समझौता करने वाले दो अफसर (डीजीपी व एजी) को चुनो या प्रदेश कांग्रेस के प्रधान (सिद्धू) को। बता दें कि अप्रैल 2021 में हाई कोर्ट ने बहबलकलां गोली कांड को लेकर बनी एसआईटी, जिसका नेतृत्व आईजी कुंवर विजय प्रताप सिंह (अब सेवानिवृत्त) कर रहे की रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट ने नई एसआइटी बनाने और जांच को 6 माह में पूरा करने के आदेश दिए थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.