सीएंडडी वेस्ट प्लांट मामले में जिम्मेदार चार अफसराें काे निगम कमिश्नर ने भेजा नाेटिस Chandigarh News
एमसी कमिश्नर केके यादव ने रिपोर्ट के बाद इन अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के आदेश दे दिए हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। औद्योगिक क्षेत्र में लगे मलबा प्रोसेसिंग प्लांट (सीएंडडी वेस्ट प्लांट) की जांच रिपोर्ट में चौकाने वाला खुलासा हुआ है। तीन एक्सईएन और एक एसडीओ को मामले में जिम्मेदार माना गया है। एमसी कमिश्नर केके यादव ने रिपोर्ट के बाद इन अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के आदेश दे दिए हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि एक्सईएन राजिंद्र शर्मा और धर्मेंद्र शर्मा की जिम्मेदारी प्लांट सुपरविजन की थी। लेकिन इन्होंने अपना काम ठीक से नहीं किया। जबकि एक्सईएन अजय गर्ग ने टेंडर अलॉटमेंट के हिसाब से अपना कार्य नहीं किया। जिसे टेंडर अलॉट किया गया उसे शेड भी बनाना था।
इसके अलावा एसडीओ ट्रांसपोर्ट राकेश कुमार को भी जिम्मेदार माना गया है।शहर से मलबा पहुंचाने की जिम्मेदारी ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की है। एसडीओ ट्रांसपोर्ट को इसके लिए जरूरी वाहन खरीदने थे। लेकिन वह यह वाहन नहीं खरीद पाए। जिससे मलबा डेली लिमिट के हिसाब से प्लांट पहुंचा ही नहीं। यह प्लांट शहर के मलबे को प्रोसेस कर टाइल्स बनाने के लिए लगाया गया है। लेकिन प्लांट में रोजाना की क्षमता अनुसार मलबा पहुंचा ही नहीं। इस मामले में काउंसलर सीबीआइ जांच की मांग कर रहे हैं। पूर्व मेयर अरुण सूद ने प्लांट में ठेकेदार को फेवर देने का आरोप लगाते सवाल उठाए थे।
अतिरिक्त कमिश्नर एसके जैन ने सोमवार को यह रिपोर्ट कार्रवाई के लिए नगर निगम कमिश्नर केके यादव को सौंपी थी। बता दें कि इस प्लांट को लगाने का फैसला सदन में पीपीपी मोड पर चलाने के लिए लिया गया था। लेकिन बिना सदन की मंजूरी केअधिकारियों ने अपने स्तर पर ही कंपनी को आठ करोड़ की जमीन 15 हजार रुपयेमाह के लीज पर दे दी थी। तीन साल के रखरखाव करने की शर्त हटा कर एक साल करदी गई थी। कमिश्नर केके यादव ने भी प्लांट का दौरा किया था उस समय उन्होंने माना था कि टैंडर की शर्तों में बदलाव करके खामियां बरती गई हैं।
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