मेयर कालिया की पहली मीटिंग में ही हंगामा, बबला ने लावारिस कुत्तों का मामला उठाया
नगर निगम की मीटिंग के दाैरान कांग्रेस पार्षद दल के नेता देवेंद्र सिंह बबला ने शहर में घूम रहे लावारिस कुत्तों का मामला उठाया।
जेएनएन, चंडीगढ़। नए मेयर राजेश कालिया की पहली मीटिंग में ही हंगामा हो गया। नगर निगम की मीटिंग के दाैरान कांग्रेस पार्षद दल के नेता देवेंद्र सिंह बबला ने शहर में घूम रहे लावारिस कुत्तों का मामला उठाया। बबला ने कहा कि शहर में लावारिस कुत्ते लोगों को काट रहे हैं। लावारिस कुत्तों से सीनियर डिप्टी मेयर हरदीप सिंह को भी अपनी जान बचानी पड़ी है।
चंडीगढ़ नगर निगम की मीटिंग के दौरान उपस्थित पार्षद।
मीटिंग में बबला ने कहा कि इस समय चंडीगढ़ कुत्तों का शहर बन गया है।कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए नगर निगम कुछ नहीं कर पा रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय सिर्फ 40% कुत्तों की नसबंदी हुई है। ऐसे में चंडीगढ़ में इतने इंसानों की संख्या नहीं बढ़ रही जितनी कुत्तों की संख्या बढ़ रही है उन्होंने यह भी कहा कि डिस्पेंसरी में मिलने वाली वैक्सीन भी मरीजों को निशुल्क नहीं मिल रही है। इस मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस के पार्षद भी आपस में भिड़ गए और अंत में कमिश्नर को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। सतीश कैंथ ने कहा कि पीएम मोदी की निधि है सबका साथ सबका विकास, लेकिन नगर निगम में सबका साथ अपना विकास नीति पर काम हो रहा है।
मेयर राजेश कालिया और सतीश कैंथ बीच हुई बहस
नगर निगम की सदन की पहली बैठक में मेयर राजेश कालिया और भाजपा से बागी पार्षद सतीश कैंथ के बीच जमकर तू तू मैं मैं हुई। राजेश कालिया ने सतीश कैंथ को कहा कि अपनी सीट पर बैठ जाओ। इस पर कैथ भड़क गए कि उनका जवाब भी उसी तरीके से दिया। इस पर पूर्व मेयर अरुण सूद ने भी खड़े होकर आपत्ति जताई। भाजपा के अन्य पार्षदों ने कैंट पर मेयर पद की गरिमा का अपमान करने का आरोप लगाया। हालांकि कांग्रेस पार्षद दल के नेता देवेंद्र सिंह बबला ने कैंथ की ओर से माफी मांगी, ताकि मामला यहीं खत्म हो जाए। अंत में राजेश कालिया ने कहा की यह मामला व्यक्ति विशेष का नहीं है।