एक्टिंग का क्राफ्ट सीखने के बाद ही पहुंचा मुंबई
रंगमंच मुझे टीवी और सिनेमा तक लाया। इंजीनियरिग के दिनों में मैंने एक ड्रामा देखा।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : रंगमंच मुझे टीवी और सिनेमा तक लाया। इंजीनियरिग के दिनों में मैंने एक ड्रामा देखा। उसके बाद मुझे भी लगा कि मैं एक्टर बन सकता हूं। फिजिक अच्छी थी। ऐसे में किसी से पूछा कि एक्टर कैसे बन सकता हूं। किसी ने टैगोर थिएटर सेक्टर-18 और पंजाब कला भवन सेक्टर-16 का पता बताया। जहां जाकर मुझे कुछ थिएटर ग्रुप के बारे में पता चला। एकदम थिएटर नहीं सीख सकता था। ऐसे में पहले कई नाटक देखे। इसके बाद टीएफटी ग्रुप में शामिल हुआ। जहां से अभिनय की बारीकियां सीखी। इसके बाद ही मुंबई जा पाया। एक्टर राजवीर चौहान कुछ इन्हीं शब्दों में रंगमंच से टीवी में आने के सफर पर बात करते हैं। राजवीर हाल ही में जीटीवी में सीरियल ये तेरी गलियां सीरियल में काम कर रहे हैं। बोले कि वर्ष 2013 में बीटेक की डिग्री लेकर रंगमंच की दुनिया में पहुंचा। जहां से मैंने एक्टिंग के क्राफ्ट की बारीकियां सीखी। रंगकर्मी सुदेश शर्मा के निर्देशन में कई नाटक किए जिसके बाद मुझे रंगमंच से जुड़ी कई चीजों के बारे में पता चला। उरी से लेकर राजी फिल्म में किया काम
राजवीर ने कहा कि उन्होंने मुंबई जाकर भी रंगमंच से ही अपनी शुरुआत की। बोले कि मुंबई में पृथ्वी थिएटर में मकरंद देशपांडे और नादिरा बब्बर के साथ मिलकर रंगमंच किया। जहां से मैंने अभिनय में गहनता हासिल की। इसके बाद मुझे फिल्म राजी में छोटा सा किरदार मिला। जिसके बाद मेरी लुक के अनुसार मुझे उरी फिल्म में भी काम मिला। जिसके लिए हमें स्पेशल ट्रेनिग दी गई। इसकी शूटिग यूरोप में हुई। इन दिनों कबीर बेदी के साथ एक वेब सीरीज द फॉर्गोटन आर्मी कर रहा हूं। जिसकी शूटिग थाइलैंड में चल रही है। हालांकि इतना कार्य मिलने पर भी कई दिन ऐसे होते हैं जब आपके पास काम नहीं होता। मैं अपना खाली वक्त लिखने में बिताता हूं। मैंने एक पंजाबी फिल्म की स्क्रिप्ट पर भी काम किया। मैं युवाओं को अभिनय में आने से पहले इसके क्राफ्ट को जानने के लिए प्रेरित करता हूं।