चंडीगढ़ में बनेंगी मल्टी स्टोरी बिल्डिंग, पुराने सिंगल स्टोरी घरों को तोड़ा जाएगा
शहर में जमीन की कमी और जनसंख्या के बढ़ते दबाव को देखते हुए पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनाने का सुझाव दिया था।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : शहर में जमीन की कमी और जनसंख्या के बढ़ते दबाव को देखते हुए पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनाने का सुझाव दिया था। मल्टीस्टोरी बिल्डिंग बनाए जाने के हाई कोर्ट के निर्देश पर अब चंडीगढ़ प्रशासन ने गौर करना शुरू कर दिया है। मंगलवार को चंडीगढ़ प्रशासन ने हाई कोर्ट को दिए जवाब में बताया कि हेरिटेज स्टेट्स की वजह से सेक्टर-7 और सेक्टर-22 में मल्टी-स्टोरी बिल्डिंग नहीं बनाई जा सकती, लेकिन अन्य सेक्टरों में अब इसकी संभावना तलाशी जा रही हैं।
चंडीगढ़ प्रशासन ने मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान बताया कि हाई कोर्ट के आदेशों के बाद शहर के प्रशासक की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी। इस बैठक में मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनाने का फैसला लिया गया। ढहाए जाएंगे जर्जर मकान
कोर्ट में प्रशासन ने बताया कि सेक्टर-7 और 22 को छोड़ जिन सेक्टरों में मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बन सकती हैं। उनकी पहचान की जाएगी। प्रशासक की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय किया गया था कि चीफ इंजीनियर इन सेक्टरों में जर्जर हो चुके ऐसे सरकारी मकानों की सूची तैयार करेंगा और इन्हें गिराए जाने के लिए प्रशासक की एडवाइजरी कमेटी को भेजा जाएगा। एडवाइजरी कमेटी मंजूरी मिलते ही इन्हें गिराया जाएगा और इनकी जगह नई बिल्डिंग बनाई जाएगी। साथ ही इन सेक्टरों में खुली जगह खोजी जाएगी जहा मल्टी-स्टोरी बिल्डिंग बनाई जा सकती है। अभी केवल तीन मंजिला निर्माण की मंजूरी
चंडीगढ़ में अभी ग्राउंड को मिलाकर तीन मंजिला घर बनाने की ही मंजूरी है। जबकि शहरवासी लंबे समय से मंजिल बढ़ाए जाने की मंजूरी माग रहे हैं। पंचकूला में स्टिल्ट पार्किंग बनाने पर एक अतिरिक्त फ्लोर की मंजूरी दी जाती है। चंडीगढ़ भी ऐसा करने की माग कर रहा है।साथ ही वहा अपार्टमेंट एक्ट भी लागू है। इससे अपार्टमेंट को फ्लोर वाइज बेचा जा सकता है। लेकिन चंडीगढ़ में एक बार शुरू करने के बाद इस पर रोक लग गई। लोग इसे भी मंजूरी दिए जाने की माग करते रहे हैं। शहर के सैकड़ों मकान एक मंजिला
चंडीगढ़ में सैकड़ों सरकारी मकान ऐसे हैं जो बहुत पुराने हो चुके हैं। अधिकतर सरकारी मकान एक या दो मंजिला ही हैं। इन्हें तोड़कर इनकी जगह मल्टीस्टोरी मकान बनाने की माग लगातार होती रही है। सिंगल स्टोरी मकान होने से इंप्लाइज को लंबे इंतजार के बाद भी घर नहीं मिल पाते। अब प्रशासन इस पर काम कर रहा है। सेक्टर-7 और 22 में सबसे ज्यादा सरकारी मकान हैं। ली कार्बूजिए ने सेक्टर-22 में पियन विलेज बसाया था। इसी वजह से यह हेरिटेज में आते हैं। आइटी पार्क में बन रही मल्टी-स्टोरी बिल्डिंग
कोर्ट को यह भी बताया गया कि हाउसिंग बोर्ड का आइटी पार्क में मल्टी-स्टोरी बिल्डिंग बनाने का प्लान है। इन्हें पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के सरकारी कर्मियों को रिहायश के लिए दिया जा सकता है । इसके साथ ही बताया गया कि 336 सरकारी मकान बनाए जा रहे हैं। जनरल हाउसिंग स्कीम में 800 और मकान भी बनाए जाने हैं। इससे शहर के सरकारी कर्मियों की रिहाइश की समस्या कुछ हद तक हल हो सकती है। हाई कोर्ट को बताया गया कि सेक्टर-25 के शमशान घाट को आधुनिक सुविधाओं से लैस कर दिया गया है इसके अलावा इंडस्ट्रियल एरिया फेज-2 का शमशान घाट जिसका अभी तक उचित उपयोग नहीं हो पा रहा था उसे विकसित किया जाएगा ।