मुस्तफा हो सकते हैैं पंजाब के नए डीजीपी, पंजाब सरकार को UPSC ने भेजे तीन नाम
पंजाब सरकार ने नए डीजीपी के लिए तीन नामों का पैनल केंद्र सरकार को भेज दिया है। इस पैनल में शामिल मोहम्मद मुस्तफा के पंजाब का नया डीजीपी बनाए जाने की संभावना है।
चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। एसटीएफ चीफ मोहम्मद मुस्तफा पंजाब के अगले डीजीपी हो सकते हैं। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने जिन तीन अधिकारियों के नामों पर मुहर लगाई है उनमें मुस्तफा भी शामिल हैं। सूची में सामंत गोयल पहले नंबर पर हैं। दूसरे नंबर पर 1985 बैच के आइपीएस अधिकारी मोहम्मद मुस्तफा और तीसरे नंबर पर 1986 बैच के दिनकर गुप्ता हैं।
गोयल के रिटायरमेंट में दो साल से कम का समय रहता है। ऐसे में दूसरे सबसे सीनियर अधिकारी मोहम्मद मुस्तफा के डीजीपी बनने की उम्मीद ज्यादा है। कांग्रेस हाईकमान में भी उनकी अच्छी खासी पकड़ है। बताया जा रहा है कि वहां से भी उनके लिए दबाव पड़ रहा है।
यूपीएससी की सूची में मुस्तफा के साथ दिनकर गुप्ता व सामंत गोयल के नाम भी
सूत्रों के अनुसार, लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मुस्तफा का डीजीपी बनना लगभग तय है। वह काफी सख्त मिजाज के अधिकारी माने जाते हैं। पंजाब के बठिंडा, फिरोजपुर आदि जिलों में एसएसपी रह चुके मुस्तफा इन दिनों पंजाब से ड्रग्स को खत्म करने के लिए बनाई गई स्पेशल टास्क फोर्स के प्रमुख हैं। कांग्रेस नेताओं से नजदीकी के कारण वह अकाली-भाजपा सरकार के दौरान हाशिए पर रहे थे। तब सरकार ने उन्हें पंजाब मानवाधिकार आयोग और होमगार्ड जैसे विभागों में ही डीजीपी लगाए रखा।
सख्त मिजाज के अफसर माने जाते हैं मुस्तफा, कांग्रेस से है नजदीकी
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि यूपीएससी ने इन तीनों अधिकारियों के नामों पर मुहर लगा दी है। इनमें से पंजाब सरकार एक अधिकारी का चयन करके यूपीएससी को भेज देगी। डीजीपी के चयन को लेकर नियम बदलने से यूपीएससी ही डीजीपी के लिए पैनल तय कर सकती है। राज्य सरकार के अधिकार काफी सीमित हो गए हैं। पंजाब सरकार ने नए नियमों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी थी लेकिन कोई राहत नहीं मिली।
पंजाब सरकार ने भेजी थीं तीन सूचियां
पंजाब सरकार ने तीन अलग-अलग सूचियां यूपीएससी को भेजी थीं। इनमें एक सूची वह थी जिसमें 1987 बैच तक के सभी सीनियर अधिकारियों के नाम थे। ये सभी वे अधिकारी हैं जिनके सेवाकाल में 30 साल हो चुके हैं। दूसरी सूची में उन पांच अधिकारियों के नाम थे जिनके सेवाकाल में दो साल का समय बाकी है। इसके अलावा एक अन्य सूची ऐसी भी गई थी जिसमें उन अधिकारियों के नाम थे जो डीजीपी तो हैं लेकिन उनके सेवाकाल में दो साल से कम समय रहता है। यूपीएससी ने इन तीनों सूचियों में से तीन नाम भेजे हैं।
सामंत गोयल के नाम पर छिड़ी चर्चा
इस बात को लेकर भी काफी चर्चा है कि यूपीएससी ने सामंत गोयल के नाम को मंजूरी कैसे दे दी है। बेशक वह पैनल में सबसे सीनियर हैं लेकिन उनके कार्यकाल में दो साल से कम समय रहता है। नए नियमों के मुताबिक डीजीपी केवल उसी अधिकारी को लगाया जा सकता है जिस के सेवाकाल में दो साल का समय बाकी हो।
सुरेश अरोड़ा ने कर दिया था इन्कार
उल्लेखनीय है कि मौजूदा डीजीपी सुरेश अरोड़ा का कार्यकाल नौ महीने बढ़ गया था, लेकिन उन्होंने कह दिया कि वह अब डीजीपी के रूप में और सेवाएं नहीं दे सकते। जब तक सरकार नए डीजीपी का चयन नहीं कर लेती है तब तक ही इस पद पर रहेंगे। सितंबर में कार्यकाल पूरा होने पर उन्हें तीन महीने की एक्सटेंशन मिली थी। बाद में इसे बढ़ा दिया गया।
मुस्तफा की पत्नी के मंत्री होने से पेंच फंसने की आशंका
मोहम्मद मुस्तफा के मामले में एक पेंच अभी फंसा हुआ है। उनकी पत्नी रजिया सुल्ताना पंजाब कैबिनेट में सीनियर मंत्री हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्षी दल शिकायत कर सकते हैं कि जिस डीजीपी के हाथ में प्रदेश में चुनाव करवाने की जिम्मेदारी है उनकी पत्नी सरकार में मंत्री हैं। ऐसे में डीजीपी निष्पक्ष चुनाव कैसे करवा सकते हैं।