विधायकों को बोर्ड-कारपोरेशन में एडजस्ट करने का रास्ता साफ
-मंत्रिमंडल की बैठक में 'लाभ के पद' के दायरे में नई श्रेणियों को जोड़ा -पंजाब स्टेट लेजिस्
-मंत्रिमंडल की बैठक में 'लाभ के पद' के दायरे में नई श्रेणियों को जोड़ा
-पंजाब स्टेट लेजिस्लेचर एक्ट-1952 की धारा 2 में किए संशोधन
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राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: कांग्रेस सरकार ने नाराज विधायकों को बोर्ड व कारपोरेशन में एडजस्ट करने का रास्ता साफ कर दिया है। पंजाब कैबिनेट ने पंजाब स्टेट लेजिस्लेचर (प्रीवेंशन ऑफ डिस्क्वालीफिकेशन) एक्ट, 1952 में बदलाव किया है। इस बदलाव से विधायकों के लिए 'लाभ के पद' की नई श्रेणियों को जोड़ दिया गया है। कैबिनेट विस्तार के बाद कांग्रेस विधायकों में नाराजगी बढ़ गई थी। 78 सदस्यों वाली कांग्रेस पार्टी में बड़े स्तर पर विधायक बोर्ड व कारपोरेशन में चेयरमैन बनने की लाइन में खड़े हैं। इन संशोधनों के साथ विधायकों को लाभ के पद के कुछ और मामलों में अयोग्य न ठहराए जाने से सुरक्षा मिलेगी, जो मूल एक्ट में शामिल नहीं था। इसके लिए नया सेक्शन-1 ए शामिल किया गया है, जिसमें 'जरूरी भत्ते', 'संवैधानिक संस्था' और 'असंवैधानिक' को परिभाषित किया गया है। इस एक्ट की धारा 2 के तहत लाभ के पद की और श्रेणियों को शामिल किया गया है।
सेक्शन-1 (ए) के अनुसार 'लाजिमी भत्ता' का मतलब उस राशि से होगा जो रोजाना के भत्ते से अधिक नहीं होगा। इसके लिए वह पंजाब लेजिस्लेचर असेंबली (मेंबर के वेतन एवं भत्ता एक्ट 1942 के तहत हकदार है) की ओर से एक पद संभालने के लिए भुगतान योग्य होगा। पद के कामकाज को करते हुए विधायक की ओर से किए गए खर्च के प्रतिफल को यकीनी बनाने के लिए यात्रा भत्ता, हाउस रेंट भत्ता या यात्रा भत्ता इसमें शामिल है।
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धारा 2 के ये भी शामिल
-मंत्री (मुख्यमंत्री सहित), राज्य मंत्री या उप-मंत्री, एक्स ऑफिशियो या नाम।
-चेयरमैन, उप चेयरमैन, डिप्टी चेयरमैन, राज्य योजना बोर्ड का पद।
-विधानसभा में मान्यता प्राप्त ग्रुप, मान्यता प्राप्त पार्टी (प्रत्येक नेता और प्रत्येक डिप्टी नेता) का पद।
-चीफ व्हिप, डिप्टी चीफ व्हिप या विधानसभा में व्हिप का पद।
-यूनिवर्सिटी या यूनिवर्सिटीज से संबंधित किसी और संस्था में सिंडिकेट, सीनेट, एग्जीक्यूटिव कमेटी, कौंसिल, कोर्ट का मेंबर या चेयरमैन का पद।
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वाटर रेगुलेटरी अथॉरिटी बनाने की सिफारिश, सब कमेटी गठित
पंजाब भूजल विभाग ने राज्य में पानी को संभालने और इंडस्ट्री को अपनी स्थिति के अनुसार यूनिट लगाने के लिए वाटर रेगुलेटरी अथॉरिटी बनाने का सुझाव दिया है। कैबिनेट में 40 मिनट के लगभग विभाग के डायरेक्टर अरुणजीत सिंह मिगलानी की ओर से दी गई प्रेजेंटेशन के बाद कैबिनेट ने पांच मंत्रियों पर आधारित एक कैबिनेट सब कमेटी का गठन कर दिया। कमेटी इजरायल मॉडल का अध्ययन करने के लिए इजरायल भी जाएगी।
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12 वर्ष से कम बच्ची के साथ दुष्कर्म पर मौत की सजा
मंत्रिमंडल ने बुधवार को केंद्र सरकार के दुष्कर्म और आर्थिक अपराधों में भगोड़ों से संबंधित दो अहम अध्यादेशों को राज्य में लागू करने को हरी झंडी दे दी है। अब पंजाब में भी 12 वर्ष से कम आयु की बच्ची के साथ दुष्कर्म पर मौत की सजा होगी। दुष्कर्म पर कम से कम सजा दस साल होगी। इसके अलावा देश छोड़कर भागने वाले आर्थिक अपराधियों की जायदाद और संपत्ति को जब्त किया जा सकेगा।