मिसयूज की ऑक्सीजन, ईडन के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश
ईडन हॉस्पिटल जरूरत से कहीं ज्यादा मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडर इस्तेमाल करने की जानकारी नहीं दे पाया। इस पर सीएचबी सीईओ कम ऑक्सीजन सप्लाई नोडल अधिकारी यशपाल गर्ग ने जांच कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद अब हेल्थ सेक्रेटरी को डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई करने की सिफारिश कर दी है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़
ईडन हॉस्पिटल जरूरत से कहीं ज्यादा मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडर इस्तेमाल करने की जानकारी नहीं दे पाया। इस पर सीएचबी सीईओ कम ऑक्सीजन सप्लाई नोडल अधिकारी यशपाल गर्ग ने जांच कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद अब हेल्थ सेक्रेटरी को डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई करने की सिफारिश कर दी है। उन्होंने चिट्ठी लिखकर पूरी रिपोर्ट की समरी भी एडवाइजर सहित हेल्थ सेक्रेटरी को भेजी है। अब हेल्थ डिपार्टमेंट एक्ट के तहत ईडन पर कार्रवाई करेगा।
रिपोर्ट में साफ हुआ है कि पेशेंट महज 25 फीसद कम हुए और ऑक्सीजन खपत 58 फीसद तक कम हो गई। मौजूदा कंज्पशन पैटर्न के तहत पीरियड वन में 565 पेशेंट के लिए 1641 सिलेंडर का इस्तेमाल होना चाहिए था। जबकि ईडन ने 2935 सिलेंडर खर्च किए। इन दस दिनों में अतिरिक्त 1300 सिलेंडर का हिसाब ईडन के पास नहीं है।
रिपोर्ट में यह लिखा
पीसीएस जगजीत सिंह को सभी प्राइवेट हॉस्पिटल में बेड और मेडिकल ऑक्सीजन सप्लाई की कोऑर्डिनेशन का काम सौंपा गया था। इस दौरान उनकी आब्जर्वेशन में यह बात सामने आई थी कि ईडन हॉस्पिटल में असामान्य तौर पर 350 से 400 डी टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत हो रही है, जबकि उसी क्षमता के दूसरे अस्पताल में केवल 90 सिलेंडर रोजाना लग रहे हैं। इतना ही नहीं प्राइवेट हॉस्पिटल का कोटा तय करने के लिए सात मई को बुलाई मीटिग में हॉस्पिटल की ओर से डा. संजय बंसल ने 400 सिलेंडर से और डेली कोटा बढ़ाने का आग्रह किया था। नौ मई को पीसीएस जगजीत सिंह की अगुवाई में जांच कमेटी का गठन किया गया। इस कमेटी में जीएमएसएच-16 से डा. मनजीत सिंह और जीएमसीएच-32 से डा. मनप्रीत सिंह भी शामिल रहे। कमेटी ने एक अप्रैल से मई के आखिर तक सिलेंडर खपत की जानकारी मांगी थी। कमेटी की रिपोर्ट में चौंकाने वाली बातें
- गवर्नमेंट ऑफ इंडिया की गाइडलाइंस के खिलाफ ईडन ने बहुत ज्यादा हाई फ्लो रेट में इस्तेमाल किया।
- हॉस्पिटल अथॉरिटी ऑक्सीजन सिलेंडर खपत पर रिकॉर्ड नहीं दे पाई।
- अगर ईडन के सभी बेड भरे हों और सभी पेशेंट हाई फ्लो ऑक्सीजन पर हों तो भी डी टाइप सिलेंडर 160 से अधिक नहीं लग सकते। यह पेशेंट के लिए भी खतरनाक।
- ईडन हॉस्पिटल ने माना कि रोजाना बेस पर ऑक्सीजन सिलेंडर का ओपनिग और क्लोजिग बैलेंस नहीं रखा जाता था।
- महामारी के दौर में लाइफसेविग रिसोर्स ऑक्सीजन का रिकॉर्ड नहीं रखना हॉस्पिटल के गैर जिम्मेदाराना व्यवहार को दर्शाता है।
- पाइपलाइन से लीकेज भी इस खपत को साबित नहीं करती।
- ट्रेनिग और सेनिटाइजेशन प्रोग्राम में टीम की विजिट के बाद एकदम से खपत आधी हो गई।
- प्राइवेट हॉस्पिटल के डाटा को विस्तृत स्टडी में सामने आया कि उसी क्षमता के दूसरे अस्तपतालों से यह कंज्पशन कहीं ज्यादा थी।
- हॉस्पिटल पेशेंट की डेली लिस्ट तक नहीं दे पाया। एडमिशन, ट्रीटमेंट का रिकॉर्ड नहीं।
- ब्लैक मार्केटिग, अवैध तरीके से ऑक्सीजन का इस्तेमाल की संभावना।
दस दिन में फर्क को ऐसे समझिए पीरियड वन तिथि बेड ऑक्यूपाइड ऑक्सीजन सिलेंडर खपत
26 अप्रैल 53 210
27 अप्रैल 52 193
28 अप्रैल 56 232
29 अप्रैल 59 315
30 अप्रैल 60 341
01 मई 57 288
02 मई 55 345
03 मई 60 338
04 मई 56 310
05 मई 57 363
कुल 565 2935
पीरियड टू तिथि बेड ऑक्यूपाइड ऑक्सीजन सिलेंडर खपत
23 मई 47 130
24 मई 46 148
25 मई 47 145
26 मई 43 136
27 मई 42 126
28 मई 41 120
29 मई 43 132
30 मई 39 114
31 मई 37 94
01 जून 35 75
कुल 420 1220