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नाबालिग नौकरानी पर चोरी के आरोप, मालिक ने घर में और पुलिस ने थाने में पीटा

उसके मालिकों द्वारा उस पर शक जताकर घर में बंधक बनाकर मारपीट की गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Nov 2019 10:56 PM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 10:56 PM (IST)
नाबालिग नौकरानी पर चोरी के आरोप, मालिक ने घर में और पुलिस ने थाने में पीटा
नाबालिग नौकरानी पर चोरी के आरोप, मालिक ने घर में और पुलिस ने थाने में पीटा

जागरण संवाददाता, मोहाली : स्थानीय फेज-6 के एक घर में काम करने वाली नाबालिग लड़की ने आरोप लगाया है कि कुछ दिन पहले घर में हुई लाखों की चोरी की वारदात के बाद पहले उसके मालिकों द्वारा उस पर शक जताकर घर में बंधक बनाकर मारपीट की गई। फिर उसको चोरी के आरोप में पुलिस के हवाले कर दिया गया जहां थाने में भी उसके साथ एसएचओ ने मारपीट की। पीड़ित लड़की ने इस संबंधी एसएसपी मोहाली को शिकायत देकर मामले की जांच करने व उसको इंसाफ दिलाने की मांग की है। वहीं, काउंसलर आरपी शर्मा ने कहा कि नाबालिग लड़की को महिला कांस्टेबल के बिना इंटेरोगेट किया नहीं जा सकता और मारपीट करना भी गलत है। वे पीड़ित परिवार को लेकर चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट को भी शिकायत देंगे। आठ लाख के गहने व कैश चोरी करने के लगे आरोप

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पीड़िता ने एसएसपी को दी शिकायत में बताया कि वह फेज-6 स्थित किराये पर रहने वाले डॉक्टर नीतिन शर्मा व डॉ. गरिमा ठाकुर के पास उनके बच्चे की देखरेख का काम करती थी। जून से वह उनके घर पर काम कर रही थी। 13 नवंबर को डॉक्टर के घर पर दो लड़के दरवाजे का लॉक ठीक करने आए थे, उस समय घर पर डॉक्टर भी मौजूद थी। परंतु अगले ही दिन डॉक्टर परिवार ने उस पर आठ लाख गहने व चोरी होने का आरोप लगाया। जब उसने चोरी करने से इन्कार किया तो उसे घर में बंधक बनाकर मुंह में कपड़ा ठूंसकर मारपीट की गई। मारपीट के बाद जब नाबालिग ने इन्कार किया तो उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया। एसएचओ ने मां-बाप को भी नहीं छोड़ा

पीड़िता ने बताया कि उसे फेज-1 थाने में एसएचओ लखविदर सिंह ने बिना महिला कांस्टेबल के खुद इंटेरोगेट किया और उसे व उसके मां-बाप को गालियां दी। कुछ समय बाद एसएचओ ने उसके मां-बाप व उसे मुंह पर थप्पड़ मारे। एक थप्पड़ लगने से उसकी मां के कान से सुनना बंद हो चुका है जिसका फेज-6 में इलाज चल रहा है। सीआइए पर चप्पलों से पीटने के लगे आरोप

पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि एसएचओ लखविदर सिंह ने उनके साथ मारपीट करने के बाद उन्हें घर भेज दिया और अगले दिन उन्हें दोबारा से सीआइए स्टाफ ले गया। जहां फिर से उसे महिला कांस्टेबल ने नहीं बल्कि एक पुलिस मुलाजिम ने इंटेरोगेट किया और उसे वहां चप्पलों से पीटा गया। काफी जलील करने के बाद उसके मोबाइल से निकले उसके एक दोस्त को भी वहां बुलाया गया और उसके साथ भी मारपीट की गई। पीड़िता ने आरोप लगाया कि पुलिस उनके साथ मारपीट कर उनसे जबरदस्ती चोरी करने की बात कबूल करवाना चाहती थी। नाबालिग के साथ कोई मारपीट नहीं की गई है। उसे फेज-6 चौकी पुलिस वाले थाने लाए थे जिनके साथ महिला कांस्टेबल भी मौजूद थी। उन्हीं ने पूछताछ की है। लड़की के खिलाफ शिकायत आई थी जिसे पूछताछ के लिए बुलाया गया था। लड़की झूठ बोल रही है, उसे सीआइए स्टाफ नहीं ले गया।

-लखविदर सिंह, एसएचओ, थाना फेज-1


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