मंत्री से लेकर अफसर तक सभी चंडीगढ़ माडल जेल की 'जनता थाली' के है मुरीद, वजह जान आप भी होंगे हैरान
50 रुपये कीमत वाली जनता थाली में दाल चावल और रोटी पैक होती है। इसकी खरीदारी के लिए व्यक्ति को जेल गेट नंबर-1 के सामने बने कैंटीन में जाकर डिलीवरी लेनी होती है। मान्यता है कि शनि के प्रकोप से बचने के लिए रसूखदार लोग जेल का खाना खाते हैं।
चंडीगढ़, कुलदीप शुक्ला। चंडीगढ़ माडल जेल की रोटी के मंत्री और ब्यूरोक्रेट भी मुरीद है। अभी तक 41 हजार से ज्यादा लोग जेल की रोटी खा चुके है। अब कोरोना काल में ग्रह-नक्षत्रों सही करने की होड़ में माडल जेल में बनी जनता थाली की वेटिंग शुरू हो गई है। कोरोना काल में जेल के अंदर सभी गतिविधियों के साथ जनता थाली (स्पेशल पैक थाली) की मेस भी बंद कर दी गई थी।
इसके बावजूद मंत्री, अफसर, आइएएस, आइपीएस और आम आदमी की स्पेशल डिलिवरी की डिमांड आ रही थी। इस तरह बढ़ती वेटिंग को देखते हुए जेल में सभी गतिविधियों के साथ ही जनता थाली की सप्लाई भी शुरू की गई है। मान्यता है कि ग्रह-नक्षत्र को ठीक करने, जीवन में सुख-शांति बनाने के साथ-साथ शनि के प्रकोप से बचने के लिए रसूखदार लोग जेल का खाना खाते हैं।
थाली में दाल-चावल-रोटी
50 रुपये कीमत वाली जनता थाली में दाल, चावल और रोटी पैक होती है। इसकी खरीदारी के लिए व्यक्ति को जेल गेट नंबर-1 के सामने बने कैंटीन में जाकर डिलीवरी लेनी होती है। जबकि, कैदियों द्वारा बनाई मिठाइयां, मिट्टी के दीयें, डिजाइनजर कैंडल, लकड़ी के फर्नीचर सहित अन्य सामान की बिक्री इसके सेक्टर-22 स्थित सृजन शॉप पर होने के साथ-साथ आनलाइन डिलीवरी भी होती है।
2017 से हुई शुरुआत, 40 हजार लोग खा चुके है खाना
माडल जेल द्वारा 22 अप्रैल 2017 को इस योजना की शुरुआत की। लोगों की डिमांड के बाद पैकिंग खाने का नाम जनता थाली रखा गया। अभी तक जेल में कैदियों द्वारा बनाए खाने को 40,021 लोग खाना खा चुके हैं। इससे आने वाले मुनाफे को जेल प्रशासन कैदियों के वेलफेयर फंड में खर्च करता है। खाने के अलावा रिफ्रेशमेंट पैकेट भी बनाकर बेचा जाता है।
कोरोना काल में जेल के अंदर जनता थाली के साथ-साथ सभी गतिविधियां सुरक्षा के नजरिये से बंद करवाया गया था। इस बीच भी जनता थाली की डिमांड लगातार हो रही है। अब दोबारा नियमों के तहत जनता थाली सहित सभी गतिविधियों को शुरू कर दिया गया है। गुणवत्ता और नियमों के तहत कम मात्र में सप्लाई शुरू की गई है।
विराट, एडिशनल आइजी, जेल