डेराबस्सी में खनन माफिया के हौंसले बुलंद, मुबारिकपुर काज-वे पर तोड़े बैरीकेड; सरकार ने आंखें मूंदी
डेराबस्सी क्षेत्र में खनन माफिया के हौंसले इस कद्र बुलंद हो गए हैं कि माफिया अब सरकार द्वारा जनता के लिए बनाए गए काज-वे को तोड़कर अपने तरीके से इस्तेमाल करने लगा है। इस मामले में कार्रवाई करने वाले विभाग खनन माफिया के आगे घुटने टेक चुके हैं।
मोहाली (डेराबस्सी), जेएनएन। डेराबस्सी क्षेत्र में खनन माफिया के हौंसले इस कद्र बुलंद हो गए हैं कि माफिया अब सरकार द्वारा जनता के लिए बनाए गए काज-वे को तोड़कर अपने तरीके से इस्तेमाल करने लगा है। इस मामले में कार्रवाई करने वाले विभाग खनन माफिया के आगे घुटने टेक चुके हैं और आम लोगों की सुविधा के लिए बनाए गए काज-वे का अस्तित्व खतरे में है।
इस मुद्दे को विभागीय अधिकारियों के समक्ष उठाने वाले ज्वाइंट एक्शन कमेटी के प्रधान सुखदेव चौधरी ने बताया कि पंजाब की पूर्व अकाली-भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान मुबारिकपुर में लोक निर्माण विश्राम गृह के निकट घग्गर नदी पर काज-वे का निर्माण किया गया था। इस छोटे पुल को हल्के वाहनों के लिए ही बनाया गया था। काज-वे की मदद से डेराबस्सी, मुबारिकपुर, मीरपुर, सुंढरा, पंडवाला आदि गावों से जीरकपुर, ढकौली व पंचकूला जाने वाले हजारों लोगों को न केवल सुविधा मिली है बल्कि उनके पैसे व समय की बचत के साथ-साथ मुख्य मार्ग पर ट्रैफिक भी कम हुआ था। इस मार्ग से हरियाणा व हिमाचल जाना भी आसान हो गया था। इस काज-वे को शुरू करते समय लोक निर्माण विभाग द्वारा घग्गर नदी पर बनाए गए पुल के दोनों तरफ बैरीकेड लगाकर भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित किया गया था। इस काज-वे से केवल कारों, दोपहिया तथा तीन पहिया वाहनों को ही निकलने की मंजूरी थी।
सुखदेव चौधरी ने बताया कि क्षेत्र के हजारों लोगों की यह सुविधा घग्गर नदी में खनन करने वाले माफिया को पसंद नहीं आई और खनन माफिया ने काज-वे के दोनों तरफ लगे भारी वाहनों को रोकने वाले बैरीकेड तोड़ दिए। अब यहा रेत व बजरी आदि से भरे हुए ट्रैक्टर, ट्रक व टिप्पर धड़ल्ले से निकल रहे हैं। खनन माफिया द्वारा भारी वाहनों को यहा से निकालने के कारण न केवल काज-वे किसी भी समय टूट सकता है बल्कि मुबारिकपुर-ढकौली-पंचकूला मार्ग पर भी जगह-जगह से टूटने लगी है।
सुखदेव चौधरी ने बताया कि आम लोगों की इस समस्या के समाधान के लिए ज्वाइट एक्शन कमेटी ने लोक निर्माण विभाग के आला अधिकारियों से मुलाकात का समय मागा है। संभ्वत इसी सप्ताह बैठक हो जाएगी। जिसमें खनन माफिया की इस करतूत को उजागर किया जाएगा। जमीन दान देने वालों में रोष सुखदेव चौधरी ने बताया कि पूर्व सरकार के समय में जब यह काज-वे बनाया गया तो हजारों लोगों की सुविधा के लिए कुछ लोगों ने इस हिस्से में आने वाली अपनी कृषि योग्य जमीन को भी दान में दिया था। मौजूदा सरकार की अनदेखी के चलते आज काज-वे का अस्तित्व खतरे में हैं और यह किसी भी समय टूट सकता है। ऐसे में जनहित में जमीन दान देने वाले लोगों में भारी रोष पाया जा रहा है।
महज सौ गज पर है लोक निर्माण विभाग का दफ्तर
खनन माफिया ने पंजाब सरकार को चुनौती देते हुए अपनी सुविधा के लिए जिस बैरीकेड को तोड़ा है उससे महज सौ गज के फासले पर लोक निर्माण विभाग का कार्यालय है। इसी विभाग को इस मामले में कार्रवाई करनी है। मुबारिकपुर स्थित लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में दिनभर विभागीय अधिकारियों का आवागमन होता है। यही नहीं बहुत से अधिकारी व कर्मचारी जीरकपुर, चंडीगढ़ और पंचकूला जाने के लिए इसी रास्ते का इस्तेमाल करते हैं। इसके बावजूद भारी वाहनों पर रोक नहीं लगाई जा रही है।