बिना बताए रोकी पांच करोड़ की स्कॉलरशिप राशि, स्टूडेंट्स की पढ़ाई पर संकट Chandigarh News
एमएचआरडी प्री मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक स्तर पर स्कॉलरशिप प्रदान करता है। जोकि छठी क्लास से लेकर पीएचडी तक के स्टूडेंट्स को अलग-अलग स्लैब में मिलती है।
चंडीगढ़, जेएनएन। पांच करोड़ की स्कॉलरशिप राशि देने के लिए चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स डिपार्टमेंट एमएचआरडी से अपील की है। शहर के 3300 से भी ज्यादा ऐसे स्टूडेंट्स हैं, जिन्हें स्कॉलरशिप मिलनी थी लेकिन एमएचआरडी की तरफ से समय पर ग्रांट रिलीज नहीं करने के कारण वह अभी तक नहीं मिली। ऐसे में कई स्टूडेंट्स की पढ़ाई खतरे में है।
एमएचआरडी प्री मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक स्तर पर स्कॉलरशिप प्रदान करता है। जोकि छठी क्लास से लेकर पीएचडी तक के स्टूडेंट्स को अलग-अलग स्लैब में मिलती है। यह स्कॉलरशिप पांच हजार रुपये सालाना से लेकर 20 हजार रुपये तक है। शहर के कॉलेजों में पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप हासिल करने वाले 1800 के करीब स्टूडेंट्स है जिन्हें चार करोड़ रूपये की ग्रांट मिलनी है जबकि प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप में 22 सौ के करीब स्टूडेंट्स हैं, जिन्हें एक करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि की जरूरत है।
बिना कारण बताए रोकी गई है स्कॉलरशिप
स्टूडेंट्स को दी जाने वाली स्कॉलरशिप की राशि अगस्त तक विभाग को मिल जाती थी लेकिन इस बार बिना कोई कारण बताए ही स्कॉलरशिप राशि को रोका गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राशि नहीं मिलने से जहां पर स्टूडेंट्स परेशान हैं, वहीं विभाग पर भी प्रेशर बढ़ता जा रहा है। स्टूडेंट्स को यदि स्कॉलरशिप राशि समय पर नहीं मिलती तो कई स्टूडेंट्स फाइनल एग्जाम देने से वंचित हो सकते हैं क्योंकि इस राशि से स्टूडेंट्स एग्जामिनेशन फीस भरते हैं।
स्कॉलरशिप राशि देने के लिए एमएचआरडी से अपील की गई है। उम्मीद है कि यह राशि जल्द मिलेगी। स्टूडेंट्स स्कॉलरशिप से ही एग्जामिनेशन फीस को भरते हैं। यदि वह समय पर नहीं आई तो कई स्टूडेंट्स एग्जाम देने से वंचित हो सकते हैं।
-बिक्रम राणा, नोडल ऑफिसर, शिक्षा विभाग।
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