शाम ढलते ही कलाग्राम पर चढ़ी लोककला की रंगत..
नेशनल क्राफ्ट फेयर का पहला दिन, कुछ इसी आपाधापी में बिता। शाम को होम सेक्रेटरी अरुण कुमार ने मेले का उद्घाटन किया।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ :
सुबह ठीक 10.45 बजे नेशनल क्राफ्ट फेयर का उद्घाटन होना था। मगर तब तक केवल स्टॉल ही सेट हो रहे थे। साथ ही दीवारों पर पेट भी बाकी था। कलाकार, इधर-उधर अपनी जगह तलाश रहे थे। मगर, कलाग्राम के एक और मंच पर विभिन्न राज्यों के कलाकार अपनी संस्कृति की छटा बिखेर रहे थे। नेशनल क्राफ्ट फेयर का पहला दिन, कुछ इसी आपाधापी में बिता। शाम को होम सेक्रेटरी अरुण कुमार ने मेले का उद्घाटन किया। बुमरो..बुमरो : कश्मीर के कलाकारों ने दी प्रस्तुति ...
मेले में पहली बार कश्मीर से पहुंचे कलाकारों ने भी प्रस्तुति दी। उन्होंने बुमरो में प्रस्तुति दी। ग्रुप की कलाकार इकरा ने कहा कि चंडीगढ़ में पहली बार प्रस्तुति के लिए पहुंचे हैं। ये शहर काफी मॉर्डन है। कश्मीर में अब समय बदल गया है। अब हम देश के अन्य हिस्सों में भी अपने लोक नृत्य को प्रस्तुत करते हैं। हालांकि आज भी कश्मीर में रूढ़ीवादी सोच है। जिसके चलते हम वेस्टर्न ड्रेस नहीं पहनते। प्रस्तुति देने पहुंची नादिया ने कहा कि कश्मीर से बाहर आकर देश का एक अलग माहौल पता चलता है। यकीनन कश्मीर में काफी समस्या है, मगर कला ही ऐसी चीज है जो दिल में फिर से प्यार को जगाती है। आसिया ने कहा कि कश्मीर में इन दिनों काफी कुछ बदला है। अब आपको वहां एजुकेशन के क्षेत्र में विकास मिलेगा। साथ ही हमें काफी आजादी मिली है। असम से लेकर गुजरात की लोक कला..
मेले में असम, उड़ीसा, गुजरात और विभिन्न राज्यों के कलाकारों ने प्रस्तुति दी। इस दौरान गुजरात के सुदूर इलाकों में अफ्रीका प्रजाति के बसे आदिवासियों ने अपने कबिलाई नृत्य को प्रस्तुत किया।
महात्मा गांधी पर आधारित पेंटिंग तैयार कर रहे हैं कलाकार..
मेले में चंडीगढ़ ललित कला अकादमी ने एक खास स्टॉल लगाया है। जिसमें शहर के कलाकार महात्मा गांधी को समर्पित पेंटिंग्स तैयार कर रहे हैं। इसके अलावा 10 नवंबर को महात्मा गांधी पर आधारित एक प्रदर्शनी का भी आयोजन होगा।
आज रणजीत बावा देंगे प्रस्तुति..
मेले में आज शाम 6.30 बजे गायक रणजीत बावा प्रस्तुति देंगे।