मनीमाजरा में 24 घंटे पानी की सप्लाई का रखरखाव एमसी करेगी
यह प्रोजेक्ट बनाने के बाद नगर निगम को चलाने के लिए सौंप दिया जाएगा।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : मनीमाजरा में 24 घंटे पानी की सप्लाई शुरू करने का प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी पूरा करेगा लेकिन यह प्रोजेक्ट बनाने के बाद नगर निगम को चलाने के लिए सौंप दिया जाएगा। इसका प्रस्ताव मंगलवार को सदन ने पास कर दिया। 15 साल के रखरखाव पर खर्चा 92.11 करोड़ रुपये आएगा।स्मार्ट सिटी के अधिकारियों के अनुसार पहले से पूरे शहर में 24 घंटे पानी की सप्लाई शुरू करने का प्रोजेक्ट नगर निगम द्वारा ही लागू किया जाएगा। जनस्वास्थ्य विभाग नगर निगम के अंतर्गत ही है। ऐसे में मनीमाजरा में 24 घंटे पानी की सप्लाई के प्रोजेक्ट के रखरखाव का काम भी नगर निगम के पास ही होना चाहिए। मनीमाजरा में 24 घंटे पानी की सप्लाई शुरू करने के प्रोजेक्ट पर कुल 162.91 करोड़ रुपये का खर्चा है जिनमें 70.78 करोड़ रुपये का खर्चा इस प्रोजेक्ट के निर्माण पर आएगा। जबकि बाकी खर्चा रखरखाव का है। स्मार्ट सिटी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स मनीमाजरा में 24 घंटे पानी की सप्लाई शुरू करने के प्रोजेक्ट को पास कर चुका है। आधे दिन की स्टोरेज क्षमता बढ़ेगी
नगर निगम ने मंगलवार को सेक्टर-39 वाटर वर्क्स में आधा दिन की पानी की स्टोरेज करने की क्षमता बढ़ाने के लिए टैंक बनाने का प्रस्ताव पास कर दिया। इस पर 36 करोड़ 93 लाख रुपये की लागत आएगी। नगर निगम के अनुसार स्टोरेज टैंक की क्षमता बढ़ाने के लिए प्रशासन से फंड मांगा था लेकिन प्रशासन ने इसके लिए अलग से बजट देने से इन्कार कर दिया है। इस समय सिर्फ आधे दिन का ही स्टोरेज टैंक है लेकिन यह काम होने पर एक दिन की स्टोरेज हो जाएगी। समय-समय पर रिपेयर के कारण जब कट लगता है तो पानी की सप्लाई न आने से शहरवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। 150 करोड़ रुपये का मालिक हूं, 25 लाख भरता हूं टैक्स
सदन की बैठक के शुरुआत में कांग्रेस पार्षद दल के नेता देवेंद्र सिंह बबला ने पिछली बैठक में भाजपा पार्षदों द्वारा लगाए गए आरोप का जवाब दिया। पिछली सदन की बैठक में जब कांग्रेस के पार्षद सदन का बहिष्कार कर गए तो भाजपा के चंद पार्षदों ने कहा कि बबला और कैंथ भ्रष्टाचारी होने के कारण जेल गए हुए हैं। जिस पर बबला ने मंगलवार को सदन में कहा कि वह 150 करोड़ रुपये के मालिक हैं और हर साल 25 लाख रुपये का टैक्स भरते हैं। उनके राजनीतिक जीवन में अब तक उन पर 25 मामले दर्ज हो चुके हैं। वह लोगों के लिए जेल में गए हैं। राजनीति में कुछ नहीं पता होता कि किसी के साथ क्या हो जाए। जिसके बाद यह निर्णय हुआ कि जो पार्षद सदन में मौजूद नहीं होगा, उसके बारे में कोई आरोप नहीं लगाया जाएगा।