नगर निगम ने इमारत के रेनोवेशन का 22 करोड़ का टेंडर लिया वापस, जानें क्या रहा कारण Chandigarh News
नगर निगम की इमारत की निचली तीन मंजिलों के रेनोवेशन का टेंडर अलॉटमेंट से पहले वापस ले लिया गया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। नगर निगम की इमारत की निचली तीन मंजिलों के रेनोवेशन का टेंडर अलॉटमेंट से पहले वापस ले लिया गया है। जबकि रेनोवेशन के काम का फाउंडेशन स्टोन जनवरी में तत्कालीन मेयर देवेश मोदगिल ने क्रेडिट लेते हुए रख लिया था। फाउंडेशन स्टोन नगर निगम के प्रवेश द्वार पर ही लगा है। तब से लेकर अभी तक काम नहीं शुरू हुआ। अब नगर निगम ने टेंडर इसलिए वापस ले लिया है क्योंकि जिन ठेकेदारों ने बिड दी है, उनमें से एक ठेकेदार पर आपराधिक मामला दर्ज है।
इसलिए मामला आगे अदालत में न जाए, इससे बचने के लिए नगर निगम ने टेंडर वापस लेने का फैसला लिया है। अब फिर से रेनोवेशन के काम का 22 करोड़ रुपये का टेंडर निकाला जाएगा। ऐसे में रेनोवेशन के काम में तीन से चार माह की और देरी हो गई है। रेनोवेशन का काम करने के लिए पांच ठेकेदारों ने टेंडर के लिए आवेदन किया है।
आग लगी तो बचने के इंतजाम नहीं
मालूम हो कि जब तक इमारत का यह काम नहीं हो जाता तब तक फायर नार्म्स के हिसाब से इमारत सेफ भी नहीं होगी। क्योंकि नगर निगम रेनोवेशन के बाद ही इमारत में सभी तरह के फायर उपकरण लगाकर सेफ करेगा। अभी हाल ही में इमारत सेफ न होने के कारण चीफ फायर अधिकारी अनिल गर्ग ने चीफ इंजीनियर मनोज बंसल को नोटिस जारी किया है। जबकि यह भी बताया जा रहा है कि नगर निगम के वित्तीय हालात ज्यादा अच्छे नहीं हैं, इसलिए भी नगर निगम इमारत के रेनोवेशन पर करोड़ों रुपये खर्च करने के मूड में नहीं है।
तीन साल पहले ऊपर की मंजिलों की हुई थी रेनोवेशन
नगर निगम में चौथी से लेकर छठी मंजिल तक नई इमारतों का निर्माण तीन साल पहले ही पूरा हुआ है जिस पर 40 करोड़ रुपये की लागत आई है। यहां पर स्मोक और अलार्म सिस्टम तो लगाए गए हैं लेकिन यह सिर्फ शोपीस हैं और ग्राउंड फ्लोर से लेकर ऊपर छठी मंजिल तक आग बुझाने के लिए पानी की पाइपें भी नहीं लगी हैं। जो पहली प्रथम तीन मंजिल में लगी थी, उन्हें भी ऊपर की इमारत के निर्माण के समय उखाड़ दिया गया था। जो चौथी से छठी मंजिल का निर्माण किया गया है, वहां पर सभी यंत्र लगाए गए हैं लेकिन उन्हें सप्लाई ग्राउंड फ्लोर से ही मिलनी है जो निचली तीन मंजिलें हैं, वहां पर फायर सुरक्षा के यंत्र नहीं लगे हैं।
आवेदन करने वाले एक ठेकेदार पर पहले एक मामला दर्ज हो चुका है। ऐसे में किसी भी तरह के कानूनी विवाद से बचने के लिए टेंडर वापस लिया गया है। फिर से नया टेंडर निकाला जाएगा। -केके यादव, कमिश्नर, नगर निगम
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