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क्रॉस वोटिंग से डरी भाजपा ने नए चेहरों को दिया मौका, अनुबंध कमेटी चुनाव के लिए मतदान नहीं होगा

इस बार नगर निगम की वित्त व अनुबंध कमेटी के चुनाव के लिए मतदान नहीं होगा, क्योंकि पांच सदस्यों की नियुक्ति के लिए पांच ही पार्षदों ने नामांकन भरा है।

By Edited By: Published: Fri, 25 Jan 2019 02:23 AM (IST)Updated: Fri, 25 Jan 2019 04:16 PM (IST)
क्रॉस वोटिंग से डरी भाजपा ने नए चेहरों को दिया मौका, अनुबंध कमेटी चुनाव के लिए मतदान नहीं होगा
क्रॉस वोटिंग से डरी भाजपा ने नए चेहरों को दिया मौका, अनुबंध कमेटी चुनाव के लिए मतदान नहीं होगा
जासं, चंडीगढ़ : इस बार नगर निगम की वित्त व अनुबंध कमेटी के चुनाव के लिए मतदान नहीं होगा, क्योंकि पांच सदस्यों की नियुक्ति के लिए पांच ही पार्षदों ने नामांकन भरा है। ऐसे में छठे उम्मीवार की ओर से नामांकन न भरने पर सदस्यों को निर्विरोध ही चुन लिया गया है। भाजपा ने मेयर पद के चुनाव की ही तरह क्रॉस वो¨टग के डर से नए चेहरों को उम्मीदवार बनाया। ऐसे में नई गठित हुई अनुबंध कमेटी के लिए जिन पार्षदों ने नामांकन भरा, वह पहली बार ही सदस्य बने हैं। इससे पहले यह पार्षद कभी भी सदस्य नहीं रहे। पार्टी में कलह न हो, इसलिए नहीं लिया पुराने चेहरों को आजमाने का जोखिम भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन ने संगठन मंत्री दिनेश कुमार के साथ बैठकर इस आधार पर ही उम्मीदवारों के नाम तय किए, जिन्हें पिछले दो साल में कोई पद नहीं दिया गया है। क्योंकि पार्टी को लगता था कि अगर पूर्व में इस पद का दायित्व निभा चुके सदस्यों और पूर्व मेयरों को अनुबंध कमेटी का सदस्य बनाया जाएगा तो पार्टी के अन्य पार्षदों में रोष बढ़ेगा। ऐसे में कोई नया विवाद न पैदा हो जाए इसलिए भाजपा ने ऐसे छह पार्षदों के नाम छटंनी किए जिनमें से चार को उम्मीदवार बना दिया गया। जबकि टंडन गुट पूर्व मेयर अरुण सूद और आशा जसवाल को अनुबंध कमेटी का सदस्य बनाना चाहता था, लेकिन इन दो नामों पर खेर गुट के पार्षदों को आपत्ति थी। कांग्रेस की ओर से शीला फूल ¨सह को मौका भाजपा से रवि कांत शर्मा,भरत कुमार, शक्ति देव शाली और महेश इंद्र सिद्ध ने बुधवार को नामांकन भरा, जबकि कांग्रेस की ओर से शीला फूल ¨सह ने नामांकन दाखिल किया। ऐसे में यह सभी अब अनुबंध कमेटी के सदस्य बन गए हैं। भाजपा के बागी कैंथ के कारण शीला फूल ¨सह को हटना पड़ा था पीछे कांग्रेस की ओर से शीला फूल ¨सह भी पहली बार अनुबंध कमेटी की सदस्य बनी हैं। कांग्रेस ने शीला फूल ¨सह को इस साल मेयर पद का उम्मीदवार बनाया था, लेकिन बागी कैंथ के मैदान में आने पर कांग्रेस ने शीला का नामांकन वापस करवा दिया था।मालूम हो कि यह नगर निगम की सबसे अहम कमेटी है जिसमे नीतिगत फैसले के अलावा 25 लाख से ऊपर के प्रस्ताव पास होने के लिए आते हैं। बबला भरना चाहते थे नामांकन लेकिन पार्टी ने रोका भाजपा के पार्षदों की गुटबाजी देखकर कांग्रेस पार्षद दल के नेता देवेंद्र ¨सह बबला नामांकन भरना चाहते थे वह चाहते थे कि कांग्रेस की शीला फूल ¨सह के अलावा वह भी मैदान में उतरे।लेकिन पार्टी ने उन्हें मना कर दिया था।बबला चाहते थे कि शीला के अलावा भाजपा की गुटबाजी के कारण वह भी जीत जाएंगे।बबला को भाजपा के बागी पार्षद सतीश कैंथ और निर्दलीय पार्षद दलीप शर्मा ने भी समर्थन देने की बात कर दी थी।लेकिन पार्टी के कुछ नेताओं को लगा कि कहीं इस लड़ाई में बबला जीत जाए और शीला हार जाए। अगर सूद और जसवाल लड़ते तो मैं भी आता मैदान में : कैंथ भाजपा के बागी पार्षद सतीश कैंथ का कहना है कि उन्होंने पहले अनुबंध कमेटी का चुनाव लड़ने के लिए नामांकन भरने की घोषणा की थी लेकिन उन्हें जब पता लगा कि भाजपा पूर्व मेयर अरुण सूद और आशा जसवाल को उम्मीदवार नहीं बना रही है तो उन्होंने ने भी नामांकन भरना टाल दिया था क्योंकि अगर यह दोनो उम्मीदवार मैदान मे होते तो भाजपा में ज्यादा वोट क्रास होती।

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