ब्यास नदी में शीरा बहाने का मामला गर्माया, गर्वनर ने सरकार से मांगी रिपोर्ट
एक चीनी मिल द्वारा ब्यास नदी में जहरीला शीरा गिराने के मामला गरमा गया है। शीरा गिराने से हजारों मछलियाें मर गई थीं। राज्यपाल ने इस बारे में सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
जेएनएन, चंडीगढ़। एक चीनी मिल द्वारा हजारों टन शीरा ब्यास दरिया में गिराने का मामला गर्माया गया है। मामला अब राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर तक पहुंच जाने से पंजाब सरकार पर दबाव बढ़ गया है। राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पत्र लिखकर इस पर चिंता जताते हुए पर्यावरण को हुए नुकसान और सुरक्षा के लिए किए गए उपायों की रिपोर्ट भी मांगी है। दूसरी तरफ अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री डा. हर्षवर्धन को पत्र लिखकर मामले की जांच केंद्रीय टीम से करवाने और मिल मालिकों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की है।
पर्यावरण के नुकसान व सुरक्षा उपायों पर राज्यपाल ने मांगी सीएम से रिपोर्ट
आमतौर पर ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि राज्यपाल ने सीधे मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कोई रिपोर्ट मांगी हो। राजस्थान व पंजाब के निचले इलाके जहां के लोगों के लिए यह पानी पीने के काम आता है, इस पर भी राज्यपाल ने चिंता जाहिर की है। साथ ही पंजाब सरकार को सलाह दी है कि वह स्थिति में सुधार के लिए तुरंत कदम उठाए। उल्लेखनीय है कि शीरा मिलने के कारण ब्यास दरिया का पानी प्रदूषित होने से काफी मछलियों की मौत हो गई थी।
राज्यपाल के मुख्यमंत्री को पत्र लिखने से सरकार पर कार्रवाई का दबाव बढ़ा
दूसरी तरफ इस मामले पर सियासत भी शुरू हो गई है। पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल ने आरोप लगाया है कि मिल मालिक काफी पावरफुल हैं और मिल मालिकों में से एक तो मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के धार्मिक सलाहकार भी हैं। उन्होंने इस मामले को दबाने की आशंका जताते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से केंद्रीय टीम से जांच करवाने की मांग की है।
आज आ सकती है जांच रिपोर्ट
राज्य सरकार की ओर बनाई गई जांच टीम की रिपोर्ट मंगलवार को आने की उम्मीद है। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन काहन सिंह पन्नू का कहना है कि रिपोर्ट आने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।
------
जज ने कहा- किस केमिकल से कितनी मछलियां मरीं, रिपोर्ट दें
बटाला : केमिकल युक्त शीरा ब्यास दरिया में बहा कर हजारों मछलियों व जल जीवों की जान लेने के मामले में चड्ढा शुगर मिल मालिकों को सजा दिलाने के लिए वन्य जीव विभाग अदालत पहुंच गया है। बटाला के फर्स्ट क्लास जुडिशियल मजिस्ट्रेट (जेएमआइसी) सिमरनजीत सिंह की अदालत में विभाग ने मिल मालिकों व एमडी एआर सिंह के खिलाफ सोमवार को याचिका दायर की और आरोपितों को समन करने की मांग की। अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए 2 जून की अगली तारीख तय की। अदालत ने वन्य जीव विभाग से ब्यास दरिया में चीनी मिल के प्रदूषण से किस-किस किस्म की कितनी मछलियां व जल जीव मारे गए और किस केमिकल की वजह से इनकी जान गई, इसकी विस्तृत रिपोर्ट अगली तारीख पर पेश करने को कहा।
इससे पहले वन्य जीव विभाग के रेंज अफसर अमरजीत सिंह ने अदालत को बताया कि 2017 में सरकार की ओर से ब्यास दरिया का तलवाड़ा से हरिके पत्तन तक का क्षेत्र कंजर्वेटिव रिजर्व घोषित किया जा चुका है। इस वजह से वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के सेक्शन 51 और 31 के तहत इस क्षेत्र मे ब्यास दरिया में किसी भी तरह का केमिकल नहीं डाला जा सकता। इसका उल्लंघन करने पर सख्त सजा का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि चड्ढा शुगर मिल के मालिकों ने भी ऐसा ही जुर्म किया है। अमरजीत सिंह ने अदालत को बताया कि 16 मई को चड्डा शुगर मिल की तरफ से मिल का शीरा ब्यास दरिया में बहाया गया। इसी वजह से लाखों मछलियां और जल जीव मर गए। विभाग के पास मिल से शीरा बह कर दरिया में पहुंचने के सबूत और गवाह भी हैं। हैं। प्रदूषित पानी के सैंपल भी जांच को भेजे गए हैं।