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गपशप... कांग्रेस पार्टी में कई अघोषित प्रवक्ता, जो करते हैं जानकारियां लीक, पढ़ें चंडीगढ़ की ऐसी रोचक खबरें

चंडीगढ़ कांग्रेस पार्टी ने चार प्रवक्ता नियुक्त किए हैं। बावजूद दूसरे कई नेता हैं जो अघोषित प्रवक्ता बन जाते हैं। इसी कारण कई बार कांग्रेस प्रवक्ताओं से पहले ही जानकारी शेयर होने लग जाती है। पार्टी न चाहते हुए भी अपने इन नेताओं को रोक नहीं पा रही हैं।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 02:10 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 02:10 PM (IST)
गपशप... कांग्रेस पार्टी में कई अघोषित प्रवक्ता, जो करते हैं जानकारियां लीक, पढ़ें चंडीगढ़ की ऐसी रोचक खबरें
चंडीगढ़ पार्टी में कई अघोषित प्रवक्ता हैं, जो बेवजह जानकारियां लीक करते रहते हैं।

चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ कांग्रेस पार्टी ने चार प्रवक्ता नियुक्त किए हैं। बावजूद दूसरे कई नेता हैं जो अघोषित प्रवक्ता बन जाते हैं। इसी कारण कई बार कांग्रेस प्रवक्ताओं से पहले ही जानकारी शेयर होने लग जाती है। पार्टी न चाहते हुए भी अपने इन नेताओं को रोक नहीं पा रही हैं।

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हाल ही में कांग्रेस ने अपने पांच जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की। पार्टी ने योजना बनाई कि सेक्टर-35 के कांग्रेस भवन में सभी पांच जिला अध्यक्षों को एक साथ इकट्ठा करके प्रेस कांफ्रेंस की जाए। लेकिन कार्यक्रम से पहले ही पार्टी के एक नेता ने नए बनाए गए अध्यक्षों की जानकारी वाट्सएप ग्रुपों में शेयर कर दी। जिससे सभी को नए बनाए गए अध्यक्षों के बारे में पता चल गया। पहले से वाट्सएप ग्रुपों पर जानकारी शेयर होने से कई नेता भी नाराज हो गए। उनका मानना था कि यह पार्टी के अनुशासन के लिए ठीक नहीं है। इसी तरह से पिछले सप्ताह जब पेट्रोल डीजल के बढ़े हुए दामों के लिए प्रदेश अध्यक्ष ने कार्यकारिणी की वर्चुअल बैठक बुलाई तो इससे पहले ही यह भी जानकारी लीक हो गई कि अध्यक्ष द्वारा क्यों बैठक बुलाई जा रही है। नवनियुक्त जिला अध्यक्षों के नाम सामने आने के बाद चंद ऐसे नेता भी नाराज हो गए जो खुद दावेदार थे, लेकिन वह खुलकर सामने नहीं आए।

पार्टी हो जाएगी नाराज

भाजपा के एक सीनियर पार्षद हैं जो कि चुपके से प्रशासक वीपी सिंह बदनौर को कमिश्नर केके यादव को तीन माह की एक्सटेंशन देने की सिफारिश करके आए। वह चाहते थे कि कमिश्नर को एक्सटेंशन मिल जाए लेकिन उनकी पार्टी के अन्य सीनियर नेता यह नहीं चाहते थे। ऐसे में सीनियर पार्षद दबी जुबान से इसका क्रेडिट तो ले रहे थे लेकिन जब सार्वजनिक आभार व्यक्त करने की बात आई तो वह पीछे हट गए उन्हें लगा कि ऐसा करने से उनकी पार्टी नाराज हो जाएगी। इसलिए वह खुलकर सामने नहीं आए। जबकि वह भीतर ही भीतर खुश हैं कि कमिश्नर को एक्सटेंशन मिल गई। कमिश्नर केके यादव का भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद के साथ सदन में कई बार टकराव हो चुका है। गपशप करते हुए नेता कहते हैं कि इसे ही राजनीति कहते हैं। वहीं कांग्रेस के नेताओं का कमिश्नर को एक्सटेंशन मिलने में कोई रोल नहीं है, लेकिन वह खुश हैं कि भाजपा की नहीं चली।

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चंडीगढ़ व्यापार मंडल के पदाधिकारियों की हाल ही में मेयर रविकांत शर्मा के साथ बैठक हुई। जिसमें व्यापारियों ने मेयर से प्रॉपर्टी टैक्स को माफ करने की मांग की। जिस पर मेयर ने दो टूक कहा कि नगर निगम के पहले से खर्चे काफी ज्यादा है ऐसे में टैक्स माफ नहीं हो सकता। इस बैठक में व्यापार मंडल के सलाहकार जगदीश कपूर भी मौजूद थे। मेयर ने इंकार करने पर जगदीश कपूर ने कहा कि आप उन्हें सलाहकार रख ले फिर देखों वह किस तरह से फाइनेंशियल स्थिति को मजबूत करने के आइडिया देते हैं और बताएंगे कि किस तरह से प्रॉपर्टी टैक्स माफ किया जा सकता। इस पर मेयर ने भी कह दिया कि कई बड़े सलाहकार पहले से प्रशासन और नगर निगम के पास हैं। असल में मेयर रविकांत शर्मा व्यापार मंडल के भी पदाधिकारी हैं। ऐसे में व्यापार मंडल के पदाधिकारियों को मेयर से काफी उम्मीद थीं। मेयर के इंकार करने पर एक पदाधिकारी मेयर से बोले कि आज लगता है कि आप किसी टेंशन में हो।

लॉबी के सामने नतमस्तक

नए आदेश के अनुसार इस समय शराब के ठेके शाम छह बजे बंद हो जाते हैं। लेकिन सेटिंग का बाजार इतना गर्म है कि छह बजे के बाद भी कई ठेकों का शटर तो दिखवे के लिए बंद होता हैं, लेकिन शराब को बिकने का सिलसिला जारी रहता है। जिन्हें न तो आबकारी और न ही पुलिस द्वारा रोका जाता है। ऐसा लगता ही नहीं है कि कोई पाबंदी है।गश्त कर रही पीसीआर के कर्मचारियों को भी इसकी जानकारी है लेकिन वह ठेका देखकर रास्ता बदल लेते हैं।लीकर लॉबी के सामने हर कोई नतमस्तक है। यहां तक किसी प्रशासन के आला अधिकारी भी इस सारे खेल के सामने चुप है जबकि कई लोग इन अधिकारियों को भी छह बजे के बाद चोरी चुपके से बिक रही शराब की तस्वीर की तस्वीरें खींच कर भेज चुके हैं।समय के बाद जो शराब बिक रही है वह भी ओवरचार्जिंग रेट पर भी बिक रही है। आबकारी विभाग को भी किसी ने शिकायत की तो संबंधित अधिकारी ने पहले ही ठेकेदार को फोन करके सतर्क रहने के लिए कह दिया।


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