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पंजाब कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसलों पर लगी मुहर, लाल डोरे के अंदर संपत्ति का अधिकार देने के लिए बने नए नियम

पंजाब कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसलों पर मुहर लगी। कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कैबिनेट ने दी आबादी देह (रिकार्ड ऑफ राइट्स) नियम-2021 को मंजूरी दे दी है। इससे लाल डोरे के अंदर संपत्ति का अधिकार देने के लिए नियम हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 16 Aug 2021 07:43 PM (IST)Updated: Tue, 17 Aug 2021 07:03 AM (IST)
पंजाब कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसलों पर लगी मुहर, लाल डोरे के अंदर संपत्ति का अधिकार देने के लिए बने नए नियम
पंजाब कैबिनेट की वर्चुअल बैठक के दौरान सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब कैबिनेट की मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसलों पर मुहर लगी। गांवों में लाल लकीर के अंदर आने वाली संपत्तियों के अधिकारों को संकलित करने के लिए मंत्रिमंडल ने ‘दी आबादी देह (रिकार्ड ऑफ राइट्स) नियम-2021 को मंजूरी दे दी है। इससे इन संपत्तियों संबंधी पैदा होने वाले झगड़ों को निपटाया जा सकेगा।

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मंत्रिमंडल ने लीगल रिमेंबरेंसर के मसौदे को मंजूरी देने के बाद इसको अंतिम मंजूरी देने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है। इसका उद्देश्य पंजाब सरकार द्वारा स्वामित्व स्कीम अधीन भारत सरकार के सहयोग से गांवों में लाल डोरे के अंदर आती संपत्तियों का रिकार्ड तैयार करने में सहायता करना है, ताकि ‘लाल लकीर मिशन’ को लागू किया जा सके। यह नियम गांवों में बसते लोगों को संपत्तियों के मुद्रीकरण के अधिकार प्रदान करने और सरकारी विभागों व संस्थानों और बैंकों द्वारा मुहैया करवाए जाते विभिन्न लाभों का फ़ायदा लेने में सहायक होंगे।

स्वामित्व स्कीम में लाल लकीर के अंदर आने वाली ज़मीनों, मकानों और बस्ती आदि की सीमारेखा करने की व्यवस्था है। पंजाब आबादी देह (रिकार्ड ऑफ राइट्स) एक्ट-2021 बनाया जा चुका है जो सर्वेक्षण अनुसार तैयार किए स्वामित्व के रिकार्ड को एक कानूनी आधार मुहैया करवाएगा। यह कानून आपत्तियों, झगड़ों को निपटाने, रिकॉर्ड तैयार करने या उसमें संशोधन करने और एक बार तैयार हुए रिकार्ड को कृषि भूमि के रिकार्ड के बराबर कानूनी मान्यता प्रदान करेगा।

पंजाब में कृषि भूमि का बंदोबस्त और मुरब्बाबंद करते समय गांव की आबादी को लाल लकीर के अंदर रखा गया था। लाल लकीर के अंदर आए क्षेत्र की जमाबंदियां या कोई रिकॉर्ड तैयार नहीं किया गया था। लाल लकीर के अंदर किसी भी जमीन पर कब्ज़े को आधार मानते हुए मलकीयत दी गई थी, कुछ मामलों में चूल्हा टैक्स आदि के आधार पर रजिस्ट्रियां हो रही हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में लाल लकीर में आने वाली संपत्ति की मलकीयत को अनौपचारिक समझौते के अनुसार मलकीयत तबदील की जाती है और कब्ज़े को मालिकाना आधार माना जाता है।

जेलों में पेट्रोल पंप स्थापित करने के लिए सीएलयू माफ करने का फैसला

मंत्रिमंडल ने पंजाब जेल विकास बोर्ड अधीन राज्य में अलग-अलग जेलों में 12 स्थानों पर रिटेल आऊटलेट (पेट्रोल, डीज़ल, सीएनजी आदि) स्थापित करने के लिए सीएलयू (जमीन के प्रयोग की तबदीली) माफ करने की मंजूरी दे दी है। इस फ़ैसले से रिटेल आऊटलेट स्थापित करने के लिए 48,77,258 करोड़ रुपये का सीएलयू माफ होगा। यह रिटेल आऊटलेट पटियाला, फरीदकोट, फ़िरोज़पुर, अमृतसर, लुधियाना, होशियारपुर और गुरदासपुर की केंद्रीय जेल, संगरूर और रोपड़ की ज़िला जेल, नाभा की नयी ज़िला जेल और ज़िला जेल और फाजिल्का की सब-जेल शामिल हैं।

एसएएस नगर जिले में नए ब्लॉक को मंजूरी

ग्रामीण इलाकों में विभिन्न विकास गतिविधियों को और अधिक गति प्रदान करने के लिए मंत्रिमंडल ने जिला एसएनगर में नया ब्लॉक मोहाली की रचना को मंजूरी दे दी है। इस ब्लॉक में माजरी ब्लॉक से 7 पंचायतों और खरड़ ब्लॉक से 66 पंचायतें शामिल होंगी। इस नए ब्लॉक से पंजाब में ब्लॉकों की कुल संख्या बढ़कर 153 हो जाएगी।

मोसुल हादसे के 8 पीड़ितों के वारिसों को गुज़ारा भत्ता देने को हरी झंडी

पंजाब मंत्रिमंडल ने साल 2014 में मोसुल (इराक) में मारे गए 27 पंजाबियों में से आठ के पारिवारिक सदस्यों को 10,000 रुपये प्रति महीना गुज़ारा भत्ता देने की कार्य बाद मंजूरी दे दी है, जो 24 अक्तूबर, 2019 से लागू होगा। मृतकों के माता-पिता से संबंधित सात केस थे और एक केस मोसुल पीड़ित की पत्नी से संबंधित था, जो प्रांतीय नीति के अनुसार तरस के आधार पर नौकरी के लिए योग्य नहीं थे। कैबिनेट ने इन पीड़ित परिवारों को उम्र भर के लिए गुज़ारा भत्ता देने की मंजूरी दे दी।

गौरतलब है कि दर्दनाक हादसे में 2014 में मोसुल (इराक) में आइएसआइएस की तरफ से 39 भारतीओं को अगवा कर मार दिया गया था। डीएनए टेस्ट करने के बाद पंजाब से संबंधित 27 भारतीयों के शरीरों के अवशेषों को 3 अप्रैल, 2018 को अमृतसर लाया गया। यह मृतक आठ जिलों अमृतसर, होशियारपुर, जालंधर, लुधियाना, शहीद भगत सिंह नगर, संगरूर, कपूरथला और गुरदासपुर से संबंधित थे।

पंजाब पीड़ित मुआवज़ा स्कीम 2017 में संशोधन को मंज़ूरी

बठिंडा के भाई मनी सिंह अस्पताल में मेडिकल लापरवाही के कारण एचआईवी पाजिटिव ख़ून चढ़ाने के पीड़ितों को मुआवज़ा देने के लिए मंत्रिमंडल ने पंजाब पीड़ित मुआवज़ा (पहला संशोधन) स्कीम-2017 नोटिफिकेशन के मसौदे को भी मंज़ूरी दे दी। यह संशोधन दोषियों से मुआवज़े की रकम की वसूली को भी समर्थ बनाएगी। जिसके लिए संबंधित जिलों के एसएसपी अदालत में आवेदन दाखि़ल करेंगे और फिर प्रॉसीक्यूशन और लिटीगेशन पंजाब के डायरेक्टर केस की पैरवी करेंगे।

गौरतलब है कि पंजाब राज कानूनी सेवाएं अथॉरिटी के मेंबर सचिव ने भाई मनी सिंह अस्पताल बठिंडा में एक मरीज को एचआइवी पाजीटिव खून चढ़ाने का नोटिस लेते हुए पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में एक सिविल रिट्ट पटीशन -पीआइएल नंबर 205/2020 दाखि़ल की थी जिसका शीर्षक पंजाब राज कानूनी सेवाएं अथॉरिटी बनाम पंजाब सरकार और अन्य थी। इसके अंतर्गत मेडिकल लापरवाही से एचआइवी पाजीटिव खून चढ़ाने के पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए पंजाब पीड़ित मुआवजा स्कीम, 2017 में संशोधन की मांग की गई थी। राज्य सरकार की तरफ से अलग-अलग अपराधों जैसे कि तेजाबी हमला, दुष्कर्म पीड़ित आदि को मुआवज़ा देने के लिए पंजाब पीड़ित मुआवज़ा स्कीम, 2017 लागू की गई थी। पंजाब राज कानूनी सेवाएं अथॉरिटी इस स्कीम के अंतर्गत हासिल फंडों में से पीड़ितों को उपयुक्त मुआवज़ा निर्धारित करती है।

मोहाली में पलाक्षा यूनिवर्सिटी कैंपस विकसित करने के लिए मंजूरी

पंजाब कैबिनेट ने मोहाली की आइटी सिटी में पलाक्षा यूनिवर्सिटी की स्थापना को मंजूरी दे दी है। यूनिवर्सिटी इसी शैक्षिक सत्र से कार्यशील हो जाएगी। ‘पलाक्षा यूनिवर्सिटी आर्डिनेंस -2021’ के मसौदे को मंज़ूर करते हुए मुख्यमंत्री को बगैर कानूनी सलाहकार द्वारा तैयार अंतिम मसौदे को मंजूरी देने के लिए अधिकार दे दिए गए हैं। मीटिंग के उपरांत एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि 50.12 एकड़ में आधुनिक इमारती कला वाले कैंपस वाली स्थापित की जा रही पलाक्षा यूनिवर्सिटी शोध और नवीनतम प्रबंध के साथ चलने वाली यूनिवर्सिटी होगी, जो मोहाली (एसएएस नगर) के प्रमुख स्थान पर पहले पड़ाव पर 244 करोड़ और पांच वर्षों के दौरान 1145 करोड़ के निवेश से विकसित होगी। शुरुआती दौर में इसमें सालाना 300-400 विद्यार्थियों का दाखि़ला होगा जबकि कैंपस की स्थापना के बाद 1500 तक विद्यार्थी दाखि़ल हो सकेंगे। यूनिवर्सिटी एआइ, एमएल आइओटी, रोबोटिक्स और डाटा साइंस जैसी वर्तमान दौर की तकनीकों में अग्रणी होगी।


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