52 साल की हसरत मन में लिए लौटे मनमोहन सिंह
चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्र विभाग का कमरा नंबर 41.. और इंतजार 52 साल का। 52 स
चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्र विभाग का कमरा नंबर 41.. और इंतजार 52 साल का। 52 साल न केवल एक अर्थशास्त्री के बल्कि उन किताबों के जिसने एक प्रोफेसर को डॉ. मनमोहन सिंह बनाया। मनमोहन सिंह जो न केवल देश बल्कि विश्व के जाने-माने अर्थशास्त्री बने। फिर दस साल तक देश के प्रधानमंत्री। बुधवार को पांच दशक बाद जब वह अपनी उसी यूनिवर्सिटी में लौटे तो हसरत थी उस कमरे में जाने की। वहां जाकर उन यादों को महसूस करने, जो उन्होंने यहां रहकर गुजारी। पर कमरे में जाने की उनकी हसरत दिल में ही रह गई। कारण, उस कमरे तक जाने के लिए तीसरी मंजिल तक जाना पड़ता और वहां तक जाने के लिए कोई लिफ्ट नहीं थी। एक बार मन तो किया कि जाकर देख लें, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से जा नहीं पाए। सीढि़यों के पास ही कुछ पल खड़े रहे और कहा, 'इस विभाग ने मुझे बहुत कुछ दिया। यहां के बारे में सोचता हूं तो सब याद आ जाता है। कुछ भी नहीं भूल पाया।' बुधवार को वहां पीयू में डॉ. एसबी रंगनेकर ओरेशन लेक्चर देने के लिए पहुंचे थे। उन्हें सुनने के लिए पूरे कैंपस के प्रोफेसर और टीचर्स के अलावा सैकड़ों स्टूडेंट्स भी पहुंचे। 52 साल बाद एक प्रोफेसर के रूप में उन्होंने लेक्चर तो दिया, लेकिन दिल में ही लेकर लौट गए। क्या है कमरा नंबर 41 से नाता
डॉ. सिंह ने पीयू के अर्थशास्त्र विभाग से 1952 में एमए की। यहीं से 1957 में अध्यापन शुरू किया। अर्थशास्त्र विभाग में उनको कमरा नंबर 41 अलॉट किया गया था। इस कमरे से उनका गहरा नाता रहा। इसलिए एक बार वह कार्यक्रम के बाद अपने डिपार्टमेंट और अपने कमरे में जाना चाहते थे। बाहर ही खड़े होकर ताजा की यादें
डॉ.मनमोहन सिंह ने कार्यक्रम के बाद विभाग में जाने की इच्छा जताई तो पीयू प्रबंधन ने भी हां कर दी। उनके आने को लेकर विभाग ने भी विशेष प्रबंध किए। पर लिफ्ट नहीं होने के कारण डॉ. सिंह नहीं जा पाए। इमारत के नीचे खड़े होकर ही उन्होंने वीसी प्रो.अरुण ग्रोवर, इकोनॉमिक्स विभागाध्यक्ष और अन्य लोगों के साथ पुरानी यादें ताजा की। उनकी बातें सुन सब भावुक हो गए। विभाग है डॉ. मनमोहन सिंह चेयर
बतौर अध्यापक जो कमरा नंबर 41 दिया गया था। बाद में 80 के दशक के अंतर में इसके दो भागों में बांट दिया गया। दूसरे कमरे को रूम नंबर 40 ए दिया। इससे आगे के कमरा नंबर 39 में उनके नाम पर डॉ. मनमोहन सिंह चेयर बनाई गई है। कौन हैं डॉ. रंगनेकर
डॉ. सिंह ने डॉ. एसबी रंगनेकर ओरेशन लेक्चर दिया। वह उनके टीचर रहे हैं। उन्होंने ही 1947 में पीयू के अर्थशास्त्र विभाग की स्थापना में अहम भूमिका निभाई थी। उनसे पढ़कर ही डॉ मनमोहन सिंह पीयू के इसी विभाग में सीनियर लेक्चरर बने। उस समय डॉ. रंगनेकर ही विभागाध्यक्ष थे। उनके मार्गदर्शन में ही वो कैंब्रिंज पढ़ाई करने गए। रिपोर्ट : डॉ. रविंद्र मलिक