चंडीगढ़ में चिप्स के पैकेट में पटाखे बेच रहा शख्स गिरफ्तार, प्रशासन ने लगा रखा है प्रतिबंध
चंडीगढ़ में प्रतिबंध के बावजूद पटाखों की बिक्री हो रही है। ऐसे मामलों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस लगातार बाजारों का औचक निरीक्षण जारी है। इसके लिए पुलिस विभाग ने शहर के तीनों डिवीजन के डीएसपी की जिम्मेदारी तय कर दी है।
चंडीगढ़, [कुलदीप शुक्ला]। शहर में प्रशासन द्वारा पटाखों को बेचने और बजाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। डीएसपी ईस्ट गुरमुख सिंह के नेतृत्व में एरिया के मार्केट का औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान पटाखा जांच अधिकारियों को गुमराह करने की कोशिश में रंगीन चिप्स के पैकेट के बीच रंगीन पटाखा बेचते एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपित गोविंदपुरा निवासी शंकर सिंह के खिलाफ पुलिस ने धारा-188 के तहत केस दर्ज किया है। हालांकि थाने में कानूनी कार्यवाही के बाद आरोपित को जमानत पर छोड़ा गया। डीएसपी के अनुसार आगे भी इस तरह की कार्यवाही जारी रहेगी। बता दें कि पटाखों को बचाने और बेचने पर लगाम कसने के लिए विभाग ने तीनों डिवीजन के डीएसपी की जिम्मेदारी तय कर दी है। डीएसपी के नेतृत्व में सभी थाना प्रभारी अपने-अपने एरिया के जिम्मेदार होंगे।
डीएसपी गुरमुख सिंह के नेतृत्व में ईस्ट डिविजन के सेक्टर 19, इंडस्ट्रियल एरिया और मणिमाजरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कई दुकानों में रेड कर चेकिंग की गई। इस दौरान मनीमाजरा के गोविंदपुर स्थित शॉप नंबर 795 के अंदर चिप्स और लेज के पैकेट के बीच छिपाकर अवैध तरीके से पटाखों की बिक्री की जा रही थी। पुलिस ने सभी पटाखों को जब्त कर शॉप संचालक को डीसी के आदेशों की अवहेलना के तहत गिरफ्तार कर लिया।
बच्चे जलाएंगे तो पेरेंट्स को होगी जेल
चंडीगढ़ प्रशासन के सख्त आदेशों के बावजूद अगर बच्चे पटाखा जलाते हुए मिलते हैं तो उनके पेरेंट्स के खिलाफ धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में एसएसपी कुलदीप चहल ने पहले ही शहरवासियों से अपील की है कि सभी खुशियों के त्योहार दीवाली को दीपक से रोशन करे और खुशियां बांटे। इस दौरान सभी तरह की मदद के लिए चंडीगढ़ पुलिस विभाग उनके साथ हैं। लेकिन कानूनों की अनदेखी करने वालों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा।
सजा का प्रावधान
चंडीगढ़ में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत पटाखों की बिक्री और जलाने पर पाबंदी लगाई गई हैं। इसमें एक साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। जबकि इससे किसी को क्षति पहुंचती है, तो सजा का प्रावधान 2 साल बढ़ जाता है। धारा 188 के तहत 6 महीने की सजा या एक से 2000 रुपये का जुर्माना लगने का प्रावधान है।