भ्रम न रखें , नकदी के साथ चलें क्योंकि कैशलेस नहीं है स्टेशन
अंबाला मंडल ने घोषणा की थी कि चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन मंडल का पहला कैशलेस स्टेशन बनाया जाएगा। लेकिन काफी समय बीतने के बाद भी इसी दिशा में कोई प्रयास नहीं किया गया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। नोटबंदी के दौरान नकदी की समस्या से निपटने के लिए अंबाला मंडल ने घोषणा की थी कि चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन मंडल का पहला कैशलेस स्टेशन बनाया जाएगा। महीनों बीत गए लेकिन इस घोषणा को अमलीजामा पहनाने की दिशा में कोई कदम अभी तक नहीं उठाया गया है। इस बाबत रेलवे अधिकारी भी कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। हकीकत यही है कि आप जब भी रेल सफर शुरू करें, तो आप नकदी साथ लेकर ही चलें। टिकट काउंटर, कुलियों को पैसे देने के लिए, स्टेशन परिसर में स्थित कैंटीन में पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीन तक मौजूद नहीं है।
ऐसे में जब सभी कामों के लिए नकदी ही चाहिए तो रेलवे स्टेशन के कैशलेस होने क्या मायने रह जाते हैं। चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन में कुली यूनियन के प्रधान सावर खान ने बताया कि इस बाबत उन्हें अभी कोई जानकारी नहीं है। वैसे भी कैशलेस स्टेशन कैसे हो सकता है, क्योंकि यह संभव नहीं की हर कुली गले में स्वाइप मशीन लेकर लोगों का सामान उठाए। सावर ने बताया कि रेलवे स्टेशन पर कुली का काम तभी होता है जब ट्रेन स्टेशन पर आती है या जाती है, ऐसे में यह काम काफी अफरातफरी में होता है। इसके अलावा शताब्दी को छोड़कर ज्यादा ट्रेनों में सामान्य वर्ग ही सफर करता है उनके पास न तो क्रेडिट कार्ड होता है और न ही डेबिट कार्ड होता है।
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