पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी, गिरफ्तारी के लिए पुलिस कर रही छापामारी
ड्रग्स मामले में पूर्व अकाली मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ मोहाली के स्टेट क्राइम सेल फेज-4 में केस दर्ज किए जाने के बाद अब उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया गया है। लुकआउट नोटिस गृह मंत्रालय ने जारी किया है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। ड्रग्स मामले में पूर्व अकाली मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ मोहाली के स्टेट क्राइम सेल फेज-4 में केस दर्ज किए जाने के बाद अब उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया गया है। लुकआउट नोटिस गृह मंत्रालय ने जारी किया है। बताया जा रहा है कि पंजाब पुलिस मजीठिया की गिरफ्तारी के लिए छापामारी कर रही है, लेकिन अभी उनका कुछ पता नहीं चल पाया है।
बता दें, मजीठिया मामले में पंजाब पुलिस ने जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआइटी का गठन किया है। स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) में एआइजी बलराज सिंह, डीएसपी राजेश कुमार और डीएसपी कुलवंत सिंह को शामिल किया गया है। एआइजी के नेतृत्व में बनाई गई एसआइटी केस की जांच करेगी। इस मामले में एजी की रिपोर्ट पर सात साल पुराने केस की जांच को भी दोबारा खोला गया है।
डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने कहा कि मजीठिया के करीबियों से भी पूछताछ होगी। एसआइटी न भारत से कनाडा व अमेरिका भेजी गई सुडो एफड्रीन ड्रग की दोबारा जांच करेगी। पैसों के लेनदेन व बैंक खाते भी जांचे जाएंगे। बिक्रम मजीठिया के खिलाफ 49 पेज की एफआइआर दर्ज की गई है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि मजीठिया के खिलाफ अपनी संपत्ति और गाडि़यों के जरिए ड्रग तस्करी में मदद करने का आरोप लगाया गया है।
आरोप है कि उन्होंने नशे को बांटने और बेचने के काम को फाइनेंस किया और ड्रग तस्करी की पूरी साजिश रची।सूत्रों के अनुसार एफआइआर में यह आरोप भी लगाए गए हैं कि मजीठिया के अमृतसर स्थित घर में विदेश से आने वाले एनआरआई रहते थे। जहां उन्हें इनोवा और गनमैन तक दिए जाते थे। चंडीगढ़ स्थित सेक्टर-39 में उनके सरकारी घर में भी नशा तस्कर ठहरते रहे। इस केस में नशा तस्करी के आरोप में पकड़े गए आरोपितों के बयानों के भी शामिल किया गया है।
इस केस में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की 2018 की रिपोर्ट को अधार बनाया गया है, यह रिपोर्ट एडीजीपी हरप्रीत सिद्धू की अगुवाई में तैयार की गई थी। रिपोर्ट में मजीठिया का नाम होने का दावा किया जा रहा है। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू भी इस रिपोर्ट को खोलने को लेकर अपनी ही सरकार को घेरते रहे हैं। गौरतलब है कि पिछले सोमवार को ही पुलिस ने ब्यूरो आफ इन्वेस्टीगेशन के प्रमुख एसके अस्थाना की जांच रिपोर्ट लीक होने के मामले में मोहाली फेज-4 स्थित पंजाब स्टेट साइबर सेल में केस दर्ज किया है। पत्र में अस्थाना ने मजीठिया के खिलाफ जांच को आगे बढ़ाने को लेकर कई सवाल खड़े किए थे।
इन धाराओं के तहत दर्ज हुआ केस
- एनडीपीेएस एक्ट की धारा 25 अपराध के लिए अपने परिसर की कमीशन के लिए उपयोग करने की अनुमित देना।
- एनडीपीेएस एक्ट की धारा 27एअपराध के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से वित्तपोषण करना, अपराधियों को शरण देना।
- एनडीपीेएस एक्ट की धारा 29 आपराधिक साजिश के लिए उकसाना, साजिश में शामिल होना।