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Lockdown ने बढ़ाई गोशाला प्रबंधन की मुश्किलें, तूड़ी के वार्षिक स्टॉक ने बढ़ाया आर्थिक संकट

गोशाला में गायों के लिए दानी सज्जनों की सहायता से एकत्र किए जाने वाले तूड़ी के वार्षिक स्टॉक को जुटाने में गोशाला प्रबंधन के सामने आर्थिक संकट बड़ी समस्या साबित हो रही है।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Sun, 10 May 2020 01:27 PM (IST)Updated: Sun, 10 May 2020 01:27 PM (IST)
Lockdown ने बढ़ाई गोशाला प्रबंधन की मुश्किलें, तूड़ी के वार्षिक स्टॉक ने बढ़ाया आर्थिक संकट
Lockdown ने बढ़ाई गोशाला प्रबंधन की मुश्किलें, तूड़ी के वार्षिक स्टॉक ने बढ़ाया आर्थिक संकट

कुराली, [चेतन भगत]। कोरोना वायरस के चलते पिछले करीब डेढ़ महीने से जारी लॉकडाउन ने जहां जिंदगी की रफ्तार को थाम सा लिया है। वहीं इसका बड़ा असर शहर की एकमात्र गोशाला पर भी पड़ने लगा है। गोशाला में गायों के लिए दानी सज्जनों की सहायता से एकत्र किए जाने वाले तूड़ी के वार्षिक स्टॉक को जुटाने में गोशाला प्रबंधन के सामने आर्थिक संकट बड़ी समस्या साबित हो रही है।

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स्थानीय डेरा बाबा गोसाईं आणा परिसर में स्थित गोशाला की प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष दयाल चंद और कैशियर अरविंद अग्रवाल ने बताया कि गोशाला में लगभग 400 गोवंश है जिनकी सेवा संभाल गोशाला में की जाती है। गोशाला में गायों के चारे के लिए हर वर्ष अप्रैल-मई में लगभग 2400 क्विंटल तूड़ी का स्टॉक खरीदा जाता है, जिस पर करीब 10 से 12 लाख रुपये खर्च होता था। इस राशि को शहर के दानी सज्जनों से एकत्र किया जाता था।

शहरवासियों एवं प्रशासन से की सहयोग की अपील

गोशाला प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष दयाल चंद और कैशियर अर¨वद अग्रवाल का कहना था कि तूड़ी का स्टॉक एकत्र करने के लिए मात्र 10 से 15 दिनों का समय शेष बचा है। उसके बाद जहां गायों के लिए वर्ष भर के तूड़ी के स्टॉक की व्यवस्था करना बेहद मुश्किल हो जाएगा, वहीं, तूड़ी का भाव भी डेढ़ से दो गुना तक बढ़ सकता है। आर्थिक संकट के इस दौर में गोशाला प्रबंधन ने तूड़ी के स्टॉक की व्यवस्था करने के लिए शहरवासियों सहित प्रशासन से हर संभव सहयोग की अपील की।

दानी सज्जनों पर पड़ी लॉकडाउन की मार

अरविंद अग्रवाल के मुताबिक नगर काउंसिल कुराली द्वारा भी गोशाला के लिए 20 हजार रुपये मासिक आर्थिक सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया गया है और बीते महीने 20 हजार की रकम का पहला चेक गोशाला को दिया गया था। इसके इलावा शहर की दुकानों और दानी सज्जनों के सहयोग से हर माह डोनेशन की कलेक्शन से गोशाला को ऑपरेट करने का सारा खर्च चलाया जाता है। लॉकडाउन के कारण सभी दुकानें एवं व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं, जिससे डोनेशन की कलेक्शन संभव नहीं है। लिहाजा आर्थिक संकट गहराने से गायों के लिए तूड़ी के स्टॉक की व्यवस्था करना मुश्किल हो रहा है।


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