स्थानीय निकाय सचिव ने दिए जांच के आदेश
प्रशासन ने खुद संज्ञान ले लिया है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : मेयर राजेश कालिया पर जेई द्वारा लगाए गए आरोपों के मामले में प्रशासन ने खुद संज्ञान ले लिया है। प्रशासन के स्थानीय निकास सचिव ने बुधवार को नगर निगम कमिश्नर को पत्र जारी कर कहा कि इस मामले में जांच करके रिपोर्ट जल्द से जल्द भेजी जाए। प्रशासन भी इस मामले को काफी गंभीर मानकर चल रहा है। मालूम हो कि 4 फरवरी को नगर निगम के जेई सुभाष चंद ने कमिश्नर केके यादव को लिखित में शिकायत देकर कहा था कि मेयर उन पर जूझार नगर में बनी निजी कोठी पर फ्री में काम करने का दबाव बना रहे हैं। मेयर राजेश कालिया ने भी कार्यवाहक कमिश्नर संजय झा को इस मामले में जांच करने के लिए पत्र लिखा था। इस मामले में जनस्वास्थ्य विभाग के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर एनपी शर्मा को जांच सौंप दी गई है। प्रशासन द्वारा मामले पर संज्ञान लेने के बाद अब एसई को जल्द से जल्द मामले की जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। जेई ने दी थी शिकायत, नौकरी करनी है तो काम करना ही होगा
जेई ने कमिश्नर को दी शिकायत में कहा है कि उन पर मेयर ने जूझार नगर में अपनी निजी कोठी में व्हाइट वॉश, डिस्टेंप¨रग और पें¨टग का दो लाख का वर्क फ्री में करवाने का दबाव बना रहे हैं। ऐसा न करने पर मेयर कालिया ने धमकी दी है कि उनका तबादला करवा दिया जाएगा। मेयर कालिया ने कहा कि वे शहर के मेयर हैं, जो बोलेंगे, वही होगा। अगर आपने नौकरी करनी है, तो मेरी बात को सुनना पड़ेगा। मेयर की धमकी और कार्यकारी अभियंता धर्मेद्र शर्मा के कहने पर उन्होंने कोठी में एएचए कंस्ट्रक्शन एजेंसी से काम भी करवाना शुरू कर दिया था। लेकिन ठेकेदार ने दो दिन बाद उनसे राशि मांगी, जो नहीं देने पर उन्होंने कार्यकारी अभियंता को मिलने के लिए कह दिया। इस पर कंपनी कार्यकारी अभियंता धमेंद्र शर्मा को मिली। शर्मा ने जेई सुभाष चंद को अपने कमरे में बुलाया और कहा कि मेयर ने उनका तबादला करने के लिए बोला है। शर्मा ने कहा कि नौकरी करनी है, तो मेयर की सुननी होगी। लेकिन जेई ने कोठी में काम करवाने से साफ मना कर दिया। सतीश कैंथ ने की थी जांच की मांग
मामले में भाजपा के बागी पार्षद सतीश कैंथ ने भी सलाहकार मनोज परिदा को शिकायत की थी। इसके बाद एक और जेई अशोक कुमार ने नगर निगम कमिश्नर को शिकायत देकर आरोप लगाया था कि उन पर मेयर के दबाव में कार्यकारी अभियंता धर्मेद्र शर्मा द्वारा मलोया में तबादला किया जा रहा है। लेकिन वह धनास और डड्डूमाजरा के वार्ड से शिफ्ट नहीं होना चाहते हैं। नगर निगम कमिश्नर केके यादव का कहना है कि मामले की जांच एसई की ओर से की गई है। प्रशासन ने भी इस मामले में रिपोर्ट मांगी है। मेयर हाउस में झूला और फर्नीचर खरीदकर देने की नहीं है मंजूरी
मेयर राजेश कालिया द्वारा जो अपने सरकारी आवास में झूला, फर्नीचर और माइक्रोवेव मांगा था। वह उन्हें नहीं मिलेगा, क्योंकि नगर निगम ने नियम चेक कर लिए हैं। जिसके अनुसार ऐसा कोई रूल्स नहीं है कि मेयर को सरकारी खजाने से ये चीजें खरीदकर दी जा सके। वहीं, मेयर द्वारा जो आइफोन-10 मांगा गया था, उसमें लिखित में मेयर को जानकारी दे दी गई है कि वे खुद इसे खरीद लें और बिल नगर निगम के अकाउंट ब्रांच में दें। उन्हें वह राशि नगर निगम की ओर से दे दी जाएगी। एक साल बाद मोबाइल की उस समय की वेल्यू काटकर बाकी राशि कालिया को नगर निगम में जमा करवानी होगी।