सरकार ने लाइसेंस अवधि बढ़ाने से किया मना, नाराज ठेकेदारों का शराब ठेके खोलने से इन्कार
पंजाब में शराब ठेके नहीं खुलेंगे। अपनी दो प्रमुख मांगें न माने जाने से नाराज शराब ठेकेदारों ने फिलहाल ठेके खोलने से इन्कार कर दिया है।
चंडीगढ़ [इन्द्रप्रीत सिंह]। पंजाब सरकार ने साल 2020-21 के लिए शराब के ठेकों के लाइसेंस की अवधि बढ़ाने से साफ इन्कार कर दिया है। बुधवार को सीएम कैप्टन अमरिंदर ने आबकारी नीति को अंतिम रूप देते हुए स्पष्ट किया कि इस वर्ष शराब के लाइसेंसों की अवधि 31 मार्च, 2021 तक ही होगी। नीति में शराब ठेकेदारों की इस वर्ष के लिए न्यूनतम गारंटिड कोटा (एमजीक्यू) और न्यूनतम गारंटिड राजस्व (एमजीआर) में एडजस्टमेंट की मांगों को भी कोई स्थान नहीं दिया गया। हालांकि, कैप्टन ने 1 अप्रैल से छह मई तक शराब के ठेके बंद रहने के चलते इस अवधि के लिए लाइसेंस फीस और एमजीआर में एडजस्टमेंट को मंजूरी दे दी। वहीं, अपनी दो प्रमुख मांगें न माने जाने से नाराज शराब ठेकेदारों ने फिलहाल ठेके खोलने से इन्कार कर दिया है।
शराब ठेकेदारों को हुए नुकसान के आकलन के लिए तीन अधिकारियों प्रमुख वित्त सचिव अनिरुद्ध तिवारी, ऊर्जा विभाग प्रमुख सचिव ए वेणुप्रसाद व एक्साइज एंड टैक्सेशन आयुक्त विवेक प्रताप सिंह शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्च में नौ दिन ठेके न खुल पाने के लिए पिछले वर्ष के लाइसेंसधारकों के एमजीक्यू व इस वर्ष छह मई तक ठेके बंद रहने के लिए नए ठेकेदारों की लाइसेंस फीस और एमजीआर को भी एक्साइज विभाग दोबारा निर्धारित करेगा।
वहीं, ठेकेदारों की किसी भी समस्या के निदान के लिए मंत्रियों के समूह का गठन किया है। इसमें वित्त मंत्री मनप्रीत बादल, शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला व आवास एवं शहरी विकास मंत्री सुखबिंदर सिंह सरकारिया शामिल हैं। यह मंत्री समूह ही कोरोना सेस पर फैसला लेगा।
होम डिलीवरी का फैसला ठेकेदारों पर
कैप्टन ने कहा कि शराब की होम डिलीवरी के आदेशों पर लाइसेंसधारक ठेकेदार स्वयं फैसला ले सकते हैं। लॉकडाउन के चलते राज्य में ठेकों की आवंटन प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। कैप्टन ने कहा कि बाकी बचे ठेकों के आवंटन की प्रक्रिया भी जल्दी निपटाई जाए।
शराब ठेके के 97 ग्रुपों को आवंटित होंगे लाइसेंस
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि बचे हुए ठेकों के आवंटन की प्रक्रिया जल्द निपटाई जाए। पंजाब में पिछले साल के शराब के ठेकों के कुल 756 ग्रुपों में से 500 के लाइसेंस इस साल रिन्यू कर दिए गए थे। बाकी बचे 256 ग्रुपों को इस साल के लिए 186 ग्रुपों में समेट दिया गया था। इनमें से भी 89 ग्रुपों को लाइसेंस आवंटित कर दिए हैं, लेकिन 97 ग्रुपों को अभी लाइसेंस आवंटित किए जाने हैं।
पंजाब सरकार ने 31 जनवरी, 2020 को ही वर्ष 2020-21 के लिए एक्साइज नीति को मंजूरी दे दी थी, लेकिन 23 मार्च को राज्य में कर्फ्यू लगने के बाद नई नीति को पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सका। पंजाब सरकार ने लॉकडाउन के दौरान कई बार केंद्र सरकार को पत्र लिखकर शराब के ठेके खोलने की अनुमति मांगी थी, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय से यह अनुमति चार मई को मिली।
शराब के ठेकेदारों की तीन प्रमुख मांगें थी कि उनके इस साल के एमजीक्यू और एमजीआर को बदले आर्थिक परिवेश के हिसाब से एडजस्ट किया जाए। उनके लाइसेंस 30 जून 2021 तक बढ़ाए जाएं, लेकिन सरकार ने इन तीनों मांगों को नहीं माना। ठेकेदारों का कहना था कि इस साल आर्थिक मंदी के चलते शराब का कारोबार उस तरह नहीं हो सकेगा जैसा कि ठेकों की नीलामी के समय उम्मीद थी। इस साल विवाह, शादियां, होटल व्यवसाय, अहाते व सामाजिक समारोह पर पाबंदी रहने के चलते शराब की बिक्री पर असर आएगा। लिहाजा, उन्होंने फैसला किया है कि वह कल से ठेके नहीं खोलेंगे।