रोक के बावजूद हाईवे पर शराब ठेके, हाईकोर्ट ने मांगा सरकारों से जवाब
रोक के बावजूद हाईवे पर शराब ठेके खुले हुए हैं। हरियाणा व पंजाब सरकार का कहना है कि ठेके हटा दिए गए हैं, जबकि जज ने कहा कि उन्होंने खुद ठेके नेशनल हाईवे के किनारे देखे हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले वर्ष सभी नेशनल व स्टेट हाईवे के किनारे 500 मीटर के दायरे में शराब के ठेके खोले जाने पर पाबंदी लगाई थी। इसके बावजूद पंजाब व हरियाणा में बड़ी संख्या में शराब ठेके नेशनल हाईवे के किनारे चल रहे हैं। इतना ही नहीं, इनके बाहर बड़े-बड़े विज्ञापन व लाइटें भी लगाई गई हैं। सोमवार मामले की सुनवाई के दौरान पंजाब व हरियाणा सरकार ने कोर्ट में दायर जवाब में कहा कि सभी ठेके हटा लिए गए हैं।
इस पर हाईकोर्ट के जस्टिस एके मित्तल ने कहा कि वो कल ही दिल्ली से आ रहे थे और रास्ते में काफी शराब के ठेके नजर आ रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि दोनों सरकारें सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवेहलना कर रही हैं। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया 50 से ज्यादा फोटो कोर्ट को दिखाई जिसमें साफ था कि नेशनल हाइवे पर शराब की दुकान चल रही हैं।
याचिकाकर्ता ने हरियाणा की एक अधिसूचना के बारे में भी कोर्ट को जानकारी कि हरियाणा में 30 प्रतिशत अधिक फीस देकर नेशनल हाइवे पर शराब ठेका खोला जा सकता हैं। हाईकोर्ट ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हरियाणा सरकार को जवाब दायर करने का आदेश दिया।
जस्टिस अजय कुमार मित्तल एवं जस्टिस अमित रावल की खंडपीठ ने यह आदेश 'अराइव सेफ' संस्था के अध्यक्ष हरमन सिद्धू की ओर से दायर जनहित याचिका पर जारी किया है। याचिका में हाईकोर्ट को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों व केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिए थे कि वर्ष 2017-18 की एक्साइज पॉलिसी में ऐसा प्रावधान बनाया जाए, जिसके तहत नेशनल व स्टेट हाईवे के 500 मीटर के दायरे में ठेके के लाइसेंस न दिए जाएं।
इन ठेकों पर कोई साइन बोर्ड, विज्ञापन व लाइट न लगाई जाए। इसके बावजूद इनके बाहर फैंसी लाइट व विज्ञापन लगाए गए हैं। याचिकाकर्ता ने ऐसे ठेकों के फोटो भी दिखाए। उन्होंने बताया कि पानीपत से जालंधर के बीच की दूरी 291 किलोमीटर हैं, लेकिन इस हाईवे पर दुर्घटना से निपटने के लिए ट्रॉमा सेंटर काफी कम हैं, जबकि शराब की 185 दुकान हैं।
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