गुजरात से छतबीड़ जू लाए गए शेर ने किया कर्मी पर हमला, ऐसे बचाई जान Chandigarh News
वन्यजीवों की सेहत जांच करने वाले जू के एक कर्मचारी गोपाल दास को शेर के गुस्से का सामना करना पड़ा। शेर ने गुस्से में कर्मचारी के हाथ पर दांत गड़ा दिए जिससे वह जख्मी हो गया।
जीरकपुर, जेएनएन। बीते 17 अगस्त को छतबीड़ चिड़ियाघर में गुजरात से लाया गया अक्षित नामक शेर अभी यहां के माहौल में पूरी तरह ढल नहीं पाया है। देखरेख में जुटे कर्मियों को भी उसके रूखे बर्ताव का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच शनिवार को वन्यजीवों की सेहत जांच करने वाले जू के एक कर्मचारी गोपाल दास को शेर के गुस्से का सामना करना पड़ा। शेर ने गुस्से में कर्मचारी के हाथ पर दांत गड़ा दिए, जिससे वह जख्मी हो गया। गनीमत रही कि शेर के गुस्से का शिकार हुए कर्मी की जान बच गई।
17 अगस्त को गुजरात से छतबीड़ चिड़ियाघर में शेर अक्षित, शेरनी दृष्टि और सफेद बाघिन गौरी को गुजरात से यहां लाया गया था। शेर के दांत गड़ाने से कर्मचारी की अंगुली जख्मी हो गई। कर्मचारी को रैबीज का टीका लगवाने और इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल भेज दिया गया। शेर अक्षित यहां आने के बाद से ही आम भोजन न खाकर सिर्फ सूप ही पी रहा है। इसे लेकर उसकी देखरेख में जुटे जू के कर्मचारी भी चिंतित हैं। कर्मियों की ओर से शेर को जू के माहौल में ढालने की कोशिश की जा रही है।
किसी भी नए जानवर को नए माहौल में ढलने में लगता है वक्त : एम. सुधाकर
जू के डायरेक्टर एम.सुधाकर का कहना है कि किसी भी नए जानवर को नए माहौल में ढलने में आमतौर पर 3 से 4 हफ्ते का समय लगता है। उन्होंने कहा कि जू में पहुंचे 3 नये मेहमानों का स्वास्थ्य ठीक है और उनकी लगातार निगरानी और सेहत जांच की जा रही है। उन्होंने पुष्टि की कि जू में जानवरों के स्वास्थ्य जांच व देखरेख करने वाले कम्पाउंडर गोपाल दास की अंगुली पर शेर नें दांत गड़ा दिए थे मगर घाव कोई ज्यादा गंभीर नहीं है।
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