Switzerland और फ्रांस से जुड़ा है चंडीगढ़ की कैपिटल कांप्लेक्स का लिंक, हर साल लाखों पर्यटक आते हैं देखने
चंडीगढ़ को सिटी ब्यूटीफुल के नाम से जाना जाता है। चंडीगढ़ के सेक्टर-1 में डेवलप किए गए कैपिटल कांप्लेक्स को आर्किटेक्ट ली कार्बूजिए ने डिजाइन किया था। ली कार्बूजिए का जन्म स्वीटरलैंड में हुआ। उनका पालन पोषण और नागरिकता फ्रांस की रही।
चंडीगढ़, [बलवान करिवाल]। चंडीगढ़ की शुरुआत जिन बिल्डिंग से होती है उनका लिंक देश ही नहीं स्वीटजरलैंड और फ्रांस (Switzerland and France) से भी बहुत गहरा है। बिल्डिंग (building) भारत (India) में बनी है, लेकिन इसके लिए फ्रांस और स्वीटजरलैंड भी गौरवांवित महसूस करते हैं। अब आप सोचेंगे कि आखिर ऐसी कौनसी बिल्डिंग है और उसकी ऐसी क्या खासियत हो सकती है जो तीन देशों में आपसी तालमेल की डोर को जोड़ती है। चलिए आपको बताते हैं इसी बिल्डिंग के रोचक तथ्यों के बारे में।
चंडीगढ़ के सेक्टर-1 में डेवलप किए गए कैपिटल कांप्लेक्स (Capital Complex) की बात यहां हो रही है। इस पूरे कांप्लेक्स को आर्किटेक्ट ली कार्बूजिए (Architect Le Carbusier) ने डिजाइन किया था। ली कार्बूजिए का जन्म स्वीटरलैंड में हुआ। लेकिन उसके बाद उनका पालन पोषण और नागरिकता फ्रांस की रही। भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Jawahar Lal Nehru) ने ली कार्बूजिए को एक मॉर्डन सिटी डिजाइन करने के लिए बुलाया था। उन्होंने सिटी के साथ ही पंजाब, हरियाणा के ब्रेन के तौर पर कैपिटल कांप्लेक्स (Capital Complex) को डिजाइन किया। इसके खास डिजाइन की वजह से यूनेस्को (UNESCO) ने 2016 में कैपिटल कांप्लेक्स को वर्ल्ड हेरिटेज का दर्जा दिया। स्वीटजरलैंड सरकार ने ली कार्बूजिए की उपलब्धियों को देखते हुए उनके नाम पर सिक्का जारी किया। फ्रांस सरकार भी कई सम्मान दे चुकी है।
यह है बिल्डिंग की खासियत
आर्किटेक्ट ली कार्बूजिए ने सन, स्पेस और साइलेंस के फार्मूले पर सिटी ब्यूटीफुल (City beautiful) का डिजाइन तैयार किया था। उसी आधार पर कैपिटल कांप्लेक्स भी बनाया है। इसकी खासियत है कि पूरा कॉम्प्लेक्स कंक्रीट से बना है। आर्किटेक्चर वर्क का यह पूरे विश्व के लिए अनोखा उदाहरण है। देश ही नहीं विदेश से भी इस वर्क को देखने वाले प्रोफेशनल्स और स्टूडेंट्स मुरीद हुए बिना नहीं रहते। इसे मक्का ऑफ आर्किटेक्ट भी कहा जाता है। इसके अलावा हर बिल्डिंग और मॉन्यूमेंट अपनी खास विशेषता रखता है।
शिप जैसी दिखने वाली विधानसभा
पंजाब एंड हरियाणा लेजिस्लेटिव असेंबली कांप्लेक्स की मुख्य बिल्डिंग है। इसे समुद्री जहाज जैसा बनाया है। इसका बाहरी आकार और टेरिस दूर से समुद्री जहाज का एहसास कराता है। डिजाइन इस तरह से किया गया है कि इसमें हवा और सूर्य का प्रकाश आसानी से प्रवेश कर सकता है। ताकि ऊर्जा की बचत हो। मेन गेट स्पेशल फ्रांस से आया था। ली कार्बुजिए ने खुद इसे पेंट किया था। अब भी टूरिस्ट इस गेट के सामने खड़े होकर फोटो खिंचवाते हैं।
शिप पोर्ट जैसा है हाई कोर्ट
विधानसभा के सामने ही पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट है। इसका डिजाइन शिप पोर्ट जैसा है। ऐसा लगता है जैसे शिप इसी पोर्ट पर रुकने आ रहा है। इसकी खासियत डबल रूफ है। टेरिस को शेल्टर जैसी शक्ल दी है। इसे शेल्टर ऑफ जस्टिस भी कहते हैं। यानी ऐसा शेल्टर जिसके नीचे हर कोई बराबर है। लाल, हरे, पीले और काले रंग के पिलर सभी को आकर्षित करते हैं। पत्थरों से बनी दीवारों में सैकड़ों रोशनदान और खिड़कियां पारदर्शी कार्यप्रणाली का संदेश देती हैं। खर्च कम करने के लिए रैंप बनाया है।
सेक्रेटेरिएट में सेवनस्टार होटल से ज्याद रूम
पंजाब एंड हरियाणा सेक्रेटेरिएट चंडीगढ़ की सबसे ऊंची बिल्डिंग है। इसकी 10 मंजिलों पर ऑफिस वर्क और 11वीं पर कैफेटेरिया। जहां पर्यटक फास्ट फूड के साथ ही पूरे कांप्लेक्स का विहंगम दृश्य देख सकते हैं। बिल्डिंग किसी भी सेवन स्टार होटल से ज्यादा वीआइपी रूम हैं। निर्माण में ऐसी सामग्री है कि तेज भूकंप में बिल्डिंग ढहेगी नहीं बल्कि एक तरफ झुक जाएगी।
ओपन हैंड मॉन्यूमेंट भी खास
चंडीगढ़ की पहचान ओपन हैंड मॉन्यूमेंट है। मैटल से बना ओपन हैंड मॉन्यूमेंट हवा के रुख से दिशा बदलता रहता है। मॉन्यूमेंट के नीचे ओपन असेंबली बनाई है। जिसमें हर किसी को बोलने की आजादी, सुनने की आजादी का संदेश है। बताया जाता है कि पहले कुछ दिन यहां सभाएं भी हुईं। इसका मतलब ओपन टू गिव और ओपन टू रिसीव भी है।
ऐसे पहुंचे देखने
हाई कोर्ट के एंट्रेंस पर बने टूरिस्ट इंफॉर्मेशन सेंटर से पहले फोटो युक्त निशुल्क पास बनेगा। यहां बने लॉकर में आप अपना सामान जमा करा सकते हैं। सेंटर पर कार्यरत निशांत कटोच ने बताया कि बिल्डिंग में कोई डिस्टर्ब न हो इसलिए दिन में तीन बैच रोजाना भ्रमण को जा सकेंगे। अभी कोरोना की वजह से टूर बंद है। अगले कुछ दिनों में इसकी शुरुआत हो जाएगी।