अप्रैल से महंगी हो जाएगी रजिस्ट्री, शहरी प्रॉपर्टी पर लगेगा 3 फीसद सैस
सरकार ने दो साल पहले शहरी संपत्तियों पर से हटाया 3 फीसद सोशल सिक्योरिटी फंड फिर से लगाने का फैसला किया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब में एक अप्रैल से एक बार फिर से शहरी संपत्तियों की रजिस्ट्री महंगी हो जाएगी। सरकार ने दो साल पहले शहरी संपत्तियों पर से हटाया 3 फीसद सोशल सिक्योरिटी फंड फिर से लगाने का फैसला किया है। राजस्व मंत्री सुखबिंदर सिंह सरकारिया ने सदन में अकाली विधायक परमिंदर सिंह ढींडसा के सवाल पर यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि यह सुविधा दो साल के लिए दी गई थी जो 31 मार्च 2019 को खत्म हो रही है। मंत्री ने कहा कि यह सुविधा देने के बावजूद रियल इस्टेट में मंदी के कारण सरकार को राजस्व से आने वाली आमदनी में इजाफा नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि साल 2016-17 में 2600 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन 2109 करोड़ रुपये मिले। साल 2017-18 में 2400 करोड़ का लक्ष्य रखा गया और 2153 करोड़ मिले और अब 2018-19 में 2500 करोड़ का लक्ष्य रखने पर जनवरी 2019 तक अभी सिर्फ 1891 करोड़ रुपये ही मिले हैं।
महंगी बिजली पर भी हुआ हंगामा
बिजली को लेकर भी पंजाब विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। अकाली दल ने गांव वालों को आ रहे भारी बिजली बिल को लेकर हंगामा करते हुए वाकआउट किया तो आम आदमी पार्टी ने दिल्ली से पंजाब की बिजली महंगी होने को लेकर सवाल उठाए। यही नहीं, आप ने सरकार को प्राइवेट थर्मल प्लांट से बिजली न खरीदने पर भी 446 करोड़ रुपये का भुगतान करने के करार को रद नहीं करने को लेकर घेरा। निजी कंपनियों को लेकर सरकार ने हाथ खड़े कर दिए।
काला चोंगा और उस पर बिजली के बिलों को लगाकर सदन में पहुंचे अकाली दल के विधायकों ने शून्य काल के दौरान ग्रामीण लोगों को भारी-भरकम बिल और एससी-बीसी परिवारों के सालाना 3000 को लेकर सवाल उठाए। अकाली दल के पवन टीनू ने कहा कि पूर्व में एससी-बीसी को 200 रुपये यूनिट फ्री था। कांग्रेस सरकार ने ही 2017 में 3000 यूनिट की सीमा तय कर दी थी। अब चुनावी वर्ष में सरकार इस सीमा को हटाकर लोगों को गुमराह कर रही है। इस मुद्दे को लेकर अकाली दल ने नारेबाजी भी की और वाकआउट भी किया। बाद में चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि जब यह सीमा लगाई गई थी तब अकाली दल क्यों नहीं बोला जो अब बोल रहा है। वह खुद को दलितों का हितैषी साबित करना चाहते हैं।
बकाया बिलों को माफ करने की तैयारी
ऊर्जा मंत्री गुरप्रीत कांगड़ ने हाउस में इस बात के संकेत दिए कि चुनावी वर्ष में ग्रामीण क्षेत्रों के बकाया बिलों को माफ किया जा सकता है। बकाया बिलों के कारण भारी-भरकम रकम के बिल आने को लेकर लोगों में रोष को देखते हुए गुरप्रीत कांगड़ ने कहा कि वित्तमंत्री से इस संबंध में बात हुई है। जल्द ही इसका फैसला करेंगे।