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निर्भया फंड से बनी पहली लैबः जहां सिर्फ दुष्कर्म, सेक्सुअल ह्रासमेंट के मामलों की जांच होगी

चंडीगढ़ में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी निर्भया फंड से बनी पहली लैब का उद्घाटन किया। लैब में सिर्फ दुष्कर्म, सेक्सुअल ह्रासमेंट के मामलों की जांच होगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 02 Jun 2018 01:40 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jun 2018 05:33 PM (IST)
निर्भया फंड से बनी पहली लैबः जहां सिर्फ दुष्कर्म, सेक्सुअल ह्रासमेंट के मामलों की जांच होगी
निर्भया फंड से बनी पहली लैबः जहां सिर्फ दुष्कर्म, सेक्सुअल ह्रासमेंट के मामलों की जांच होगी

चंडीगढ़ [कुलदीप शुक्ला]। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने चंडीगढ़ में सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री का उद्घाटन किया। निर्भया फंड से 99.76 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस एडवांस लैब में एक साल में 20 हजार मामलों की जांच होगी। ये मामले सिर्फ दुष्कर्म व सेक्सुअल ह्रासमेंट के होंगे। लैब जुलाई से काम शुरू कर देगी।

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मेनका गांधी ने कहा कि यह देश की ऐसी पहली लैब होगी, जहां सिर्फ दुष्कर्म व सेक्सुअल ह्रासमेंट के मामलों की ही जांच होगी। हैरानी की बात है कि कई बार दुष्कर्म के आरोपित इसलिए छूट जाते हैं, क्योंकि उनके खिलाफ पुख्ता सुबूत नहीं मिलते। इसको लेकर अब सभी पुलिस थानों व अस्पतालों में भी ऐसे मामलों की जांच के लिए किट दी जाएगी। किट मंगलवार तक बनकर आ जाएगी। इस संबंध में कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी। जिसमें बताया जाएगा कि दुष्कर्म केस में कौन-कौन से सुबूत इकट्ठे करने हैं।

किट में अलग-अलग बॉक्स बने होंगे, जिसमें लिखा होगा कि प्राथमिक तौर पर ही तुरंत सुबूत के रूप में पुलिस को कौन सी चीज किस बॉक्स में रखनी है। जैसे कपड़े, सीमन, ब्लड व अन्य। इसके अलावा इस किट में लॉक लगा होगा, जिसकी सील बाद में लेबोरेट्री में ही खोली जाएगी। इस लैब की तीन महीने की कारगुजारी खुद मंत्रालय द्वारा देखी जाएगी और यह व्यवस्था भी की जाएगी कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए स्टाफ भर्ती किया जा सके।

चाइल्ड हेल्पलाइन पर हर साल डेढ़ करोड़ कॉल

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर हर वर्ष डेढ़ करोड़ कॉल आती हैं। जिन पर एक घंटे के अंदर एक्शन लिया जाता है। देखा गया है कि सबसे ज्यादा बच्चे रेलवे स्टेशन से भागते हैं, जिनको देखते हुए हर ट्रेन की बोगी में एक पोस्टर लगाया गया है, जिसमें हेल्पलाइन नंबर दिए जाते हैं। इस पोस्टर के जरिए हर वर्ष 50000 महिलाएं और बच्चे रेस्क्यू किए जाते हैं। इसके अलावा मंत्रालय ने खोया-पाया के तहत लोगों को यह भी जानकारी दी है कि यदि उनका कोई खो जाता है, तो तस्वीर और डिटेल इस पर दें।

अगले सत्र में पास करवाएंगे एंटी ट्रैफिकिंग बिल

मेनका गांधी ने बताया कि वे इस सत्र में भी एंटी ट्रैफिकिंग बिल लेकर आई थी, जो पास नहीं हो पाया। अगले सत्र में इसको पास करवाएंगे। सेक्सुअल हैरासमेंट के मामलों में गृह मंत्रालय ने एक सेंट्रल रजिस्टर बनाया है, जिसमें जिन लोगों ने किसी एक शहर में सेक्सुअल हैरासमेंट की घटना को अंजाम दिया है, उनके नाम इस रजिस्टर में होंगे। यदि किसी अन्य शहर में जाकर काम करना चाहते हैं, तो उसका पूरा डाटा सामने आ जाएगा।

30 हजार महिलाओं से धोखा कर गए एनआरआइ दूल्हे

मेनका गांधी ने बताया कि देश में 30000 महिलाएं ऐसी हैं, जिनसे एनआरआइज ने शादी की, लेकिन वे वापस नहीं आए। अब अनिवार्य किया गया है कि एनआरआइ जब भी शादी करेगा, तो 48 घंटें में रजिस्ट्रेशन जरूरी है। नहीं तो पासपोर्ट पर वीजा नहीं दिया जाएगा। धोखाधड़ी के ज्यादातर मामले पंजाब के हैं। 

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