खालिस्तान समर्थक संगठन की हिमाकत, सेनाध्यक्ष रावत से कहा- रेफरेंडम 20-20 से दूर रहें
खालिस्तान समर्थक रेडिकल ग्रुप सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने अब आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत को चेतावनी दी है कि वे रेफरेंडम 20-20 से दूर रहें।
जेएनएन, चंडीगढ़। खालिस्तान समर्थक रेडिकल ग्रुप 'सिख फॉर जस्टिस' (एसएफजे) ने अब आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत को चेतावनी दी है कि वे रेफरेंडम 20-20 से दूर रहें। एसएफजे के कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्नू ने सोशल मीडिया के द्वारा रावत को चेतावनी दी है कि रेफरेंडम 20-20 कोई विद्रोह नहीं है। अगर वे इसके बीच में आए तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए इंटरनेशनल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि यह ग्रुप मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में कत्लेआम का केस दायर कर चुका है।
बता दें, नाभा के पंजाब पब्लिक स्कूल के समारोह में जनरल रावत ने बीते सप्ताह कहा था कि पंजाब में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए कुछ लोग बाहरी ताकतों के माध्यम से प्रयास कर रहे हैं। पंजाब का माहौल खराब करने की कोशिश जा रही है। अगर तुरंत कोई कार्रवाई न की गई तो बहुत देर हो जाएगी। उन्होंने कहा था कि असम में विद्रोह को पुनर्जीवित करने के लिए 'बाहरी ताकतों' और 'बाहरी उकसावे' के माध्यम से फिर से प्रयास किए जा रहे हैं। पंजाब शांतिपूर्ण रहा है, लेकिन इन बाहरी ताकतों के कारण राज्य में उग्रवाद को फिर से पैदा करने के प्रयास किए जा रहे हैं। हमें बहुत सावधान रहना होगा। उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह ने भी सेना प्रमुख से सहमति जताते हुए इंग्लैैंड में रेफरेंडम 20-20 रैली के द्वारा खालिस्तान समर्थक गतिविधियों के जोर पकड़ने की बात की थी।
राजनाथ व डीजीपी अरोड़ा को भी धमकी
एसएफजे ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब के डीजीपी सुरेश अरोड़ा को भी सोशल मीडिया के माध्यम से धमकी दी थी। कहा था कि कैप्टन व राजनाथ जब विदेश जाएंगे तो वहां उनको विरोध का सामना करना पड़ेगा।
दरअसल ट्विटर व फेसबुक ने गुरपतवंत पन्नू का अकाउंट ब्लॉक कर दिया था। इसके बाद पन्नू ने कैप्टन व राजनाथ को कानूनी कार्रवाई को धमकी दी है। राज्य सरकार ने एसएफजे द्वारा वाट्सएप आदि पर किए जा रहे दुष्प्रचार के मामले में वाट्सएप ग्रुपों के खिलाफ केस दर्ज करने का फैसला किया है।
इसलिए डीजीपी के खिलाफ भड़का पन्नू
गुरपतवंत पन्नू अपनी संस्था के प्रचारक शबनमदीप सिंह को पटियाला पुलिस द्वारा हथियारों समेत गिरफ्तार करने के बाद डीजीपी सुरेश अरोड़ा के खिलाफ भड़क गया था। शबनमदीप की गिरफ्तारी को उसने झूठ का पुलिंदा बताया है। उसने कहा कि डीजीपी अरोड़ा की रिटायरमेंट नजदीक आ रही है, इसीलिए वे ऐसा कर रहे हैैं। वे रेफरेंडम 20-20 में शामिल नौजवानों के खिलाफ हथियारों के झूठे केस दर्ज करवा रहे हैैं।
डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने कहा कि एसएफजे के गुरपतवंत पन्नू खि़लाफ़ पहले ही पंजाब पुलिस की तरफ से कानूनी कार्रवाई की जा रही है। उसकी पंजाब में गतिविधियों की जांच की जा रही है। प्रदेश का माहौल खराब करने के उसके मंसूबे कामयाब नहीं होने दिए जाएंगे। सेनाध्यक्ष के खिलाफ सोशल मीडिया पर उसके द्वारा की गई पोस्ट की भी जांच की जा रही है। पुलिस ने पन्नू व आइएसआइ के मंसूबों को ढेर कर दिया है। शबनमदीप की गिरफ्तारी से साफ हो गया है कि पन्नू कम पढ़े-लिखे नौजवानों को धर्म के नाम पर बहलाकर अपने जाल में फंसा रहा है। हिंसक गतिविधियों में शामिल न होने और फंड मुहैया न करवाने के उसके दावे झूठे साबित हो गए हैैं।