आप विधायक दल के नेता खैहरा ने कहा, सरकार के हाथों में खेल रहे कुछ पार्टी नेता
आम नेता व पंजाब के नेता प्रतिपक्ष सुखपाल सिंह खैहरा अपनी ही पार्टी नेताओं पर बरसे। कहा कि कुछ पार्टी नेता सरकार के हाथों में खेल रहे हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। नशा तस्कर की मदद के आरोप के मामले में फाजिल्का की अदालत की ओर से गिरफ्तारी वारंट जारी होने को लेकर हाईकोर्ट से मिली राहत के बाद आम आदमी पार्टी के विधायक व विधानसभा में नेता विपक्ष सुखपाल सिंह खैहरा अपनी ही पार्टी के नेताओं पर जमकर बरसे। खैहरा ने कहा कि आप के कुछ नेताओं की नजरें उनकी कुर्सी पर हैं। वे कांग्रेस व अकाली-भाजपा के हाथों में खेल रहे हैं।
फाजिल्का की अदालत ने खैहरा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इससे एक दिन पहले कोर्ट ने समन भेजा था। खैहरा ने समन को हाईकोर्ट में चुनौैती दी थी। सोमवार को हाईकोर्ट ने इस मामले में खैहरा को थोड़ी राहत दी है। खैहरा ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल पर भी अदालतों में केस चल रहे हैं। वह अपने पदों से इस्तीफा दें, उनके इस्तीफा देने के 30 सेकेंड के अंदर वह भी अपना इस्तीफा भेज देंगे।
आप नेताओं ने की थी हटाने की मांग
आप के कई विधायकों व नेताओं ने अंदरखाते खैहरा को नेता प्रतिपक्ष के पद से हटाने की मांग पार्टी मंच पर शुरू कर दी थी। पार्टी के प्रधान भगवंत मान व उप प्रधान अमन अरोड़ा ने भी बेहद नपा-तुला बयान जारी किया था कि अगर खैहरा दोषी पाए जाते हैं, तो पार्टी स्तर पर उनके भी खिलाफ कारवाई की जाएगी। आप के छह विधायक खैहरा के खिलाफ लामबंद हो गए थे। पार्टी सूत्रों के अनुसार कुछ नेता इस मामले में दिल्ली दरबार तक दौड़ लगा आए थे कि खैहरा को हटाकर उन्हें नेता विपक्ष की कुर्सी दी जाए। सोमवार को खैहरा ने उनके खिलाफ लामबंद होने वाले आप नेताओं व विधायकों को खरी-खोटी सुनाई।
भाजपा ने सारी हदें पार कर दीं
खैहरा ने सोशल मीडिया पर जारी एक पोस्ट में कहा कि भाजपा नेताओं ने इस मामले में सारी हदें पार कर दी हैं। भाजपा उनका पासपोर्ट जब्त करवाने की मांग कर रही थी। उन्होंने सवाल किया कि क्या वह भगौड़े हैं या भाग जाएंगे। वह मैदान छोड़कर भागने वाले नेताओं में से नहीं हैं। हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ डटकर जंग लड़ी है और आगे भी जारी रखेंगे।
मजीठिया को बयान देने का अधिकार नहीं
खैहरा ने सोशल मीडिया पर मजीठिया के खिलाफ भी भड़ास निकालते हुए कहा है कि नशा तस्करों के संबंधों को लेकर मजीठिया खुद ईडी की जांच झेल रहे हैं। उन्हें ऐसे मामले में बयान देने का अधिकार नहीं है। खैहरा ने आरोप लगाया कि बिट्टू औलख, जगदीश भोला जैसों के साथ संबंधों व ड्रग्स के कारोबार को लेकर मजीठिया बेनकाब हो चुके हैं।
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