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जेपी दत्ता चांदपुरी परिवार से बोले : आई लॉस्ट माई फेमिली मेंबर

विकास शर्मा, चंडीगढ़ : आई लॉस्ट माई फेमिली मेंबर, जबसे चांदपुरी साहब के जाने की खबर सुनी है

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 10:34 PM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 10:34 PM (IST)
जेपी दत्ता चांदपुरी परिवार से बोले : आई लॉस्ट माई फेमिली मेंबर
जेपी दत्ता चांदपुरी परिवार से बोले : आई लॉस्ट माई फेमिली मेंबर

विकास शर्मा, चंडीगढ़ : आई लॉस्ट माई फेमिली मेंबर, जबसे चांदपुरी साहब के जाने की खबर सुनी है, तब से बेचैन हूं। अकसर फोन करके उनका हाल जान लेता था, लेकिन कभी महसूस ही नहीं हुआ कि वो बीमार हैं। इस बार मैंने उनका हालचाल जानने में भी काफी देर कर दी। मैंने अपना सबसे अजीज दोस्त और भारत माता ने अपना सपूत खो दिया। ईश्वर उन्हें अपने चरणों में स्थान दे। जेपी दत्ता ने कुलदीप सिंह चांदपुरी के बड़े बेटे हरदीप सिंह चांदपुरी से फोन पर इन्हीं शब्दों के साथ उनके निधन पर शोक जताया। गौरतलब है कि साल 1971 में पाकिस्तान के साथ हुई जंग में लोंगोवाला घटनाक्रम को बॉर्डर फिल्म के जरिये रंगीन पर्दे पर उतारने वाले जेपी दत्ता थे, उन्होंने ही इस फिल्म का निर्देशन किया था। दिनभर लगा रहा वीआइपीज और रिश्तेदारों के आने का सिलसिला

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रविवार को सेक्टर-33 सी स्थित ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी के घर में दिनभर वीआइपीज और रिश्तेदारों के आने का सिलसिला चलता रहा। सुबह-सुबह उनके घर पूर्व पंजाब भाजपा अध्यक्ष कमल शर्मा, सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा और पंजाब के पूर्व मंत्री तीक्ष्ण सूद ने आकर शोक जताया। इसके बाद दोपहर के समय में डीजीपी केपी सिंह और पंजाब रेजीमेंट के रेजीमेंट ऑफ कर्नल पीएम बाली ने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर उनका दुख साझा किया। गौरतलब है कि साल 1971 के युद्ध के समय ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी पंजाब रेजीमेंट में थे। छोटे बेटे गगन सिंह चांदपुरी भी पहुंचे घर

रविवार देर शाम को ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी के सबसे छोटे बेटे गगन सिंह चांदपुरी भी जर्मनी से चंडीगढ़ पहुंच गए। गौरतलब है कि चांदपुरी परिवार बिग्रेडियर केएस चांदपुरी का अंतिम संस्कार करने से पहले उन्हीं के आने का इंतजार कर रहा था। पार्षद, मेयर, सांसद और अधिकारियों को नहीं लगा टाइम

ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी चंडीगढ़ नगर निगम में मनोनीत पार्षद रह चुके थे, इसके अलावा वे कई कमेटियों के भी सदस्य थे। इसके बावजूद उनके निधन पर न तो एरिया पार्षद राजेश गुप्ता, मेयर देवेश मोदगिल और सांसद किरण खेर और न ही प्रशासन का कोई अधिकारी पहुंचा। जहां कुलदीप सिंह चांदपुरी रहते थे, उस मंदिर को देखने आया हूं

चंडीगढ़ : साल 1971 के युद्ध में पाकिस्तान सेना को दिन में तारे दिखाने वाले ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी का एक फैन रविवार को सेक्टर-33 सी स्थित उनके घर में पहुंचा। कुलदीप सिंह चांदपुरी के बेटे हरदीप सिंह चांदपुरी ने बताया कि यह लड़का पेक में इंजीनिय¨रग कर रहा है और फ‌र्स्ट एयर का छात्र है। असम का रहने वाले यह लड़का जब घर पहुंचा, तो उसकी आंखों में आंसू थे। इसने बताया कि वह बचपन से कुलदीप सिंह चांदपुरी का फैन है और रविवार को वह उस मंदिर के देखने आया है, जहां महावीर चक्र विजेता कुलदीप सिंह चांदपुरी रहते थे। हरदीप ने बताया कि उसके शब्द काफी भावुक करने वाले थे। इसे पहले वे इस छात्र से और बात कर पाते, वह स्टूडेंट नम आंखों के साथ वापस लौट गया। रतनेश पांडे ने भी जताया शोक

इंदौर के रहने वाले पर्वतारोही रतनेश पांडे ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी के निधन पर दुख जताया है। रतनेश चांदपुरी को अपना गुरु मानते थे। रतनेश कुलदीप सिंह चांदपुरी के फोटो के साथ दुनिया की सबसे बड़ी चोटी माउंट एवरेस्ट पर साथ लेकर गए थे। इसके बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया था कि वह चांदपुरी को अपना गुरु मानते हैं और जब भी वह पहाड़ पर चढ़ते हैं, तो अपने गुरु को प्रणाम करते हैं। इससे उन्हें शक्ति और मुश्किलों से लड़ने की ताकत मिलती है।


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