JEE Advanced Result 2020: ट्राईसिटी के छह स्टूडेंट्स Top-100 में, मेहनत और लगन हासिल की सफलता
JEE Advanced Result 2020 जेईई एडवांस के एग्जाम सितंबर में आयोजित हुए थे। इसके आयोजन पर काफी बवाल भी मचा था। उसके बावजूद स्टूडेंट्स ने एग्जाम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। जिसका फल उन्हें सोमवार को मिला।
चंडीगढ़, [वैभव शर्मा]। JEE Advance Result 2020 : ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन एडवांस्ड (जेईई) 2020 परीक्षा के नतीजों की घोषणा सोमवार को कर दी गई। इसमें ट्राईसिटी के छह स्टूडेंट्स ने अपनी मेहनत और लगन के दम पर टॉप-100 में स्थान बनाया है। इसके अलावा 17 स्टूडेंट्स ऐसे है जिन्होंने 500 ऑल इंडिया रैंक में अपनी जगह बनाई। जेईई एडवांस्ड एग्जाम सितंबर में आयोजित हुआ था। इसके आयोजन पर काफी बवाल भी मचा था। उसके बावजूद स्टूडेंट्स ने एग्जाम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। जिसका फल उन्हें सोमवार को मिला।
श्री चैतन्य इंस्टीट्यूट के दो छात्र, ध्वनित बेनिवाल और गुरप्रीत सिंह वाधवा टॉपर बने। ध्वनित ने 396 में से 321 अंक हासिल कर ऑल इंडिया रैंक-10 (एआइआर-10) हासिल किया, गुरप्रीत सिंह वाधवा ने 396 में से 310 अंक हासिल कर ऑल इंडिया रैंक-23 (एआइआर-23) पाया। हेमंक बजाज ने 396 में से 288 अंक लेकर ऑल इंडिया रैंक 71 (एआइआर-71) हासिल किया है। वहीं एलन इंस्टीट्यूट के प्रशांत अरोड़ा ने एआइआर-54, कार्तिक शर्मा ने एआइआर-87 और तनिष तुतेजा एआइआर-96 हासिल करने में सफल रहे।
टॉपर्स ने साझा किए अपनी सफलता के राज
निरंतर मार्गदर्शन से मिली सफलता:- ध्वनित बेनिवाल (एआइआर-10)
सफलता हासिल करने के लिए सफल मार्गदर्शन की जरूरत होती है। यह मार्गदर्शन मुझे शिक्षकों और अभिभावकों से मिला। आगे जाकर आइआइटी रूड़की में कंप्यूटर इंजीनियरिंग में दाखिला लेना है। ध्वनित के पिता धर्मपाल हरियाणा स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग से चीफ इंजीनियर पद से सेवानिवृत हुए हैं।
मां के शिक्षक होने का मिला फायदा:- गुरप्रीत सिंह (एआइआर-23)
परीक्षा के समय में एक टीचर और मां से अच्छा सहयोग कोई ओर नहीं कर सकता। मैं खुशकिस्मत हूं कि मेरी मां एक शिक्षक भी है। जिन्होंने पूरी परीक्षा के दौरान मेरी बहुत मदद की। कोरोना की वजह से एग्जाम की तैयारी के लिए काफी समय मिला। कुशल मार्गदर्शन और अनुशासन ने परीक्षा की अच्छे से तैयारी करने में मदद की।
सीनियर को देखकर जेईई करने के लिए मिली प्रेरणा:-प्रशांत (एआइआर-54)
2015 में सीनियर को देख कर जेईई की तैयारी शुरू की। टीचर्स ने काफी सपोर्ट किया। आठ-नौ घंटे पढ़ाई करने के बाद स्ट्रेस दूर करने के लिए टेबल टेनिस खेलता था। आगे मुझे आइआइटी बॉम्बें में कंप्यूटर साइंस में दाखिला लेना है।
सफलता के लिए एकाग्रता भी जरूरी: हेमंक बजाज (एआइआर-71)
जो आप कर रहे हो, अगर आपका ध्यान पूरी तरह से उस पर केंद्रित है, तो फिर पढऩे के घंटों का कोई महत्व नहीं रह जाता है। इसलिए, आपको अपने लक्ष्य को दिमाग में रख कर हर कार्य को करें। मेरा हमेशा अपने टीचर्स और उनके मार्गदर्शन में भरोसा रहा है। अब मेरा लक्ष्य आइआइटी दिल्ली है।
तकनीक का होगा दौर, इसलिए कंप्यूटर साइंस चुनी: कार्तिक शर्मा, एआइआर-87
जेईई एग्जाम को लेकर पढ़ाई का कोई टाइम टेबल नहीं बनाया हुआ था। टीचर्स और पेरेंट्स ने काफी मोटीवेट किया जिनकी वजह से सफलता हासिल हुई है। आने वाला समय तकनीक का है और इस बात को ध्यान में रखते हुए मैंने कंप्यूटर साइंस चुनने का फैसला किया है। अगला लक्ष्य आइआइटी दिल्ली में दाखिला लेना है।
सफलता से खुश हूं: तनिष्क टुटेजा, एआइआर-96
जेईई परीक्षा के लिए खुद को मानसिक और शारारिक रूप से तैयार करना सबसे बड़ी चुनौती थी। कोरोना के बीच परीक्षा की तैयारी करना सच में एक अलग ही अनुभव रहा।
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