Move to Jagran APP

Bribery Case : पूर्व SHO जसविंदर कौर को हाईकोर्ट का झटका, अग्रिम जमानत याचिका खारिज

हाईकोर्ट से पहले जिला अदालत भी जसविंदर कौर की अग्रिम जमानत की मांग खारिज कर चुकी है। जसविंदर कौर अभी फरार चल रही हैं।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Tue, 21 Jul 2020 12:35 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jul 2020 12:35 PM (IST)
Bribery Case : पूर्व SHO जसविंदर कौर को हाईकोर्ट का झटका, अग्रिम जमानत याचिका खारिज
Bribery Case : पूर्व SHO जसविंदर कौर को हाईकोर्ट का झटका, अग्रिम जमानत याचिका खारिज

चंडीगढ़, जेएनएन। पांच लाख के रिश्वत मामले में फंसी मनीमाजरा थाने की पूर्व एसएचओ जसविंदर कौर को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने झटका देते हुए उनकी अग्रिम जमानत की मांग खारिज कर दी है। जसविंदर कौर पर धोखाधड़ी एक के केस में आरोपी पर केस दर्ज करने की धमकी देकर पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है। इस मामले में सीबीआई ने पूर्व एसएचओ पर केस दर्ज किया था। जसविंदर कौर अभी फरार है। इससे पहले जिला अदालत भी उनकी अग्रिम जमानत की मांग खारिज कर चुकी है।

loksabha election banner

मनीमाजरा के मॉडर्न हाउसिंग कॉम्प्लेक्स निवासी गुरदीप सिंह ने सीबीआई में शिकायत दी थी कि एसएचओ ने पहले पुलिस भेजकर और फिर खुद अपने फोन कर उसे ऑफिस बुलाया। जब वह पुलिस स्टेशन पहुंचा तो संगरूर निवासी रंधीर सिंह और एसएचओ का जानकार भगवान सिंह वहां मौजूद थे। एसएचओ ने कहा कि रंधीर ने शिकायत दी है कि उसकी पत्नी को हरियाणा में ईटीओ लगवाने के लिए उसने 28 लाख रुपए लिए हैं। गुरदीप ने मना किया कि उनका इन लोगों से कोई दूसरा मसला है। एसएचओ ने धमकी दी और कहा कि वह पैसे दे, नहीं तो केस दर्ज करके उसे गिरफ्तार कर लेगी।

सीबीआई ने मौके पर दबोचा था एक आरोपित

गुरदीप के मुताबिक एसएचओ ने खाली कागजातों पर उसके साइन करवाए और अलग-अलग तारीखें लिख दीं कि वह रंधीर को करीब 23 लाख रुपए चेक के जरिए अदा करता रहेगा। जसविंदर ने अपने हिस्से के पांच लाख रुपए भगवान सिंह को कैश देने को कहा। उसने 2 लाख रुपए 26 जून को दे दिए। 3 लाख रुपए 1 जुलाई से पहले देने की बात कही। 3 लाख एसएचओ के कहने पर गुरदीप सिंह ने भगवान सिंह को दिए। इसी दौरान सीबीआई ने उसे दबोच लिया। सीबीआई ने एसएचओ जसविंदर कौर के घर, सरकारी घर और ऑफिस में रेड की थी, लेकिन वह नहीं मिली।

चंडीगढ़ प्रशासन, डीजीपी, सीबीआइ को हाईकोर्ट का नोटिस

चंडीगढ़ निवासी प्रेम सिंह बिष्ट की एक याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन, डीजीपी व सीबीआइ को  नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। बिष्ट ने अपनी याचिका में कहा कि उसके खिलाफ चंडीगढ़ पुलिस ने एनडीपीएस व आर्म्स एक्ट के तहत 19 जून को सेक्टर-39 पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया था। याचिकाकर्ता  मनीमाजरा थाने  की पूर्व एसएचओ जसविंदर कौर व सब इंस्पेक्टर मान सिंह रिश्वत मामले में सीबीआइ का गवाह व शिकायतकर्ता है। चंडीगढ़ पुलिस के आलाधिकारी आरोपितों को बचाने में लगे हैं और उस पर दबाव बना रहे हैं। बिष्ट ने आरोप लगाया कि जसविंदर कौर के खिलाफ गवाही न देने के लिए चंडीगढ़ पुलिस के कुछ पुलिस कर्मी धमका रहे थे और न मानने पर झूठे ड्रग्स के मामले में फंसाने की धमकी दी थी। उसके खिलाफ दर्ज सभी एफआइआर बदले की भावना से प्रेरित है। याची ने एफआइआर की सीबीआइ से जांच करवाने की मांग की है। अपनी जान को खतरा बताते हुए उसकी जान-माल की रक्षा करने की भी हाई कोर्ट से गुहार लगाई है। हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए चंडीगढ़ के डीजीपी को आदेश दिया है कि वो अगली सुनवाई पर इस मामले में हलफनामा दायर कर पक्ष स्पष्ट करे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.