पीजीआइ से 18 मिनट में ग्रीन कॉरिडोर से एयरपोर्ट पहुंचाया लीवर Chandigarh News
जालंधर की रतनी देवी 24 अगस्त को दुपट्टे में फंसकर नीचे गिर गई थी। जिससे उन्हें सिर में गंभीर चोट आई थी। काफी प्रयास के बावजूद उनकी जान नहीं बचाई जा सकी थी।
चंडीगढ़, जेएनएन। दयालपुर (जालंधर) जिले की 65 वर्षीय रतनी दुनिया से जाते-जाते तीन लोगों को जीवनदान दे गईं। इलाज के दौरान पीजीआइ में उनकी मौत के बाद परिजनों ने उनके अंग दान कर दिए। इससे पीजीआइ में भर्ती दो मरीजों के साथ ही जयपुर एनआइएमएस में भर्ती एक मरीज को जीवनदान मिला है। रतनी का लीवर, किडनी और दोनों कार्निया दान की गई हैं। इस नेक काम में अंगदाता परिवार के साथ ही चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस ने अहम भूमिका निभाई। ट्रैफिक पुलिस द्वारा बनाए गए ग्रीन कॉरिडोर की मदद से जयपुर के मरीज को ऑर्गन भेजने में सफलता मिली है। ग्रीन कोरिडोर के जरिये मात्र 18 मिनट में पीजीआई से एयरपोर्ट पहुंचाया गया।
बेटे ने मां का नाम कर दिया अमर
रतनी देवी 24 अगस्त को दुपट्टे में फंसकर नीचे गिर गई थी। जिससे उन्हें सिर में गंभीर चोट आई थी। परिजनों ने उन्हें डीएमसी लुधियाना में भर्ती कराया लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। 25 अगस्त को उन्हें गंभीर स्थिति में पीजीआइ में भर्ती कराया गया। काफी प्रयास के बावजूद उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। तीन सितंबर को उनकी मौत हो गई। उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए पीजीआइ के ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटरों ने बेटे देशराज को अंगदान के लिए प्रेरित किया। बेटे ने अंगदान की हामी भरकर अपने मां के नाम को अमर कर दिया। रोटो के नोडल आफिसी डॉ. विपिन कौशल ने बताया कि परिवार की सहमति के बाद लिवर, किडनी और कॉर्निया को सुरक्षित कर दिया गया।
लीवर भेजा जयपुर
अंगदान की प्रक्रिया के दौरान क्रॉस मैचिंग से पता चला कि पीजीआइ में मौजूदा समय में उस ग्रुप का कोई भी मरीज लीवर की प्रतीक्षा सूची में नहीं है। तत्काल उत्तरी क्षेत्र के अन्य अस्पतालों से संर्पक किया गया। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज जयपुर के एक मरीज के लिए उस ग्रुप के लीवर की डिमांड हुई। सूचना मिलते ही तत्काल सभी औपचारिकता पूरी कर ऑर्गन को ग्रीन कॉरिडोर के जरिए एयरपोर्ट भेजा गया।
पांच साल में 31 बार बनाया ग्रीन कॉरिडोर
चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस को जैसे ही इसकी सूचना मिली उनकी ओर से पीजीआइ से एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर बना दिया गया। इससे लगभग डेढ़ घंटे का सफर महज 18 मिनट में पूरा कर एंबुलेंस एयरपोर्ट पहुंची। चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस के अनुसार उन्होंने पांच सालों में 31 बार ऐसे मामलों में ग्रीन कॉरिडोर बनाया हे। पीजीआइ रोटो के नोडल ऑफिसर डॉ. विपिन कौशल ने ट्रैफिक पुलिस के इस सहयोग की सराहना की और लोगों से उनके इस काम में भरपूर साथ देने की अपील की।
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