जज ने कहा-जेलर एक घंटे में कोर्ट नहीं पहुंचे तो होगा अरेस्ट वारंट जारी, जनाब दौड़े -दौड़े पहुंचे कोर्ट
आदेश के बाद जैसे ही जेलर अमनदीप सिविल ड्रेस में कोर्ट में पहुंचे, जज दोबारा बिफर पड़े। उन्हें खूब खरी-खरी सुनाई। इस पर अमनदीप सिंह दोबारा भागे और वर्दी पहनकर कोर्ट पहुंचे।
चंडीगढ़ [कुलदीप शुक्ला]। बुड़ैल जेल में कैदी से रिश्वत मांगने के एक पुराने मामले में मंगलवार को सीबीआई जज ने जेलर अमनदीप सिंह को जमकर फटकार लगाई। सीबीआई जज संजीव जोशी ने इस कोताही को काफी गंभीरता लिया। दरअसल अमनदीप को यह गवाही सोमवार को दर्ज करवानी थी, लेकिन अमनदीप सोमवार को कोर्ट में पेश नहीं हुए। मंगलवार को भी जब जेलर अमनदीप सिंह कोर्ट में गैरमौजूद पाए गए तो जज ने निर्देश दिए कि अगर एक घंटे के भीतर जेलर कोर्ट में पेश नहीं हुए तो उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी करके उन्हें गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया जाए। जज के इस आदेश की जैसे जेलर अमनदीप को मिले वह सिविल ड्रेस के ही कोर्ट में पहुंच गए।
जैसे ही वह कोर्ट में पहुंचे जज दोबारा बिफर पड़े और उन्हें खूब खरी-खरी सुनाई। उन्होंने कहा कि आप किसी परिवारिक समारोह में नहीं है। अधिकारी सीबीआई कोर्ट को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। इस पर अमनदीप सिंह ने दोबारा भागे और अपनी वर्दी पहनकर कोर्ट में पहुंचे। इस पर जज ने जेलर अमनदीप को निर्देश दिए कि अब बुधवार को कोर्ट में अपने बयान दर्ज करवाएं और भविष्य में कोर्ट को गंभीरता से ले।
यह था पूरा मामला
सीबीआई ने 14 जुलाई, 2014 को बुड़ैल जेल के हेड वार्डन सरवन शर्मा को एक कैदी से 5000 हजार रुपये रिश्वत मांगने के मामले में गिरफ्तार किया था। सरवन की शिकायत प्रताप सिंह बिष्ट ने की थी। दरअसल संदीप कुमार ने अपनी ड्यूटी चेंज करवाने के लिए हेड वार्डन सरवन शर्मा ने गुहार लगाई थी। इस पर सरवन ने संदीप की विजटर रूम से ड्यूटी चेंज कर दी और अपने घर में वाटर प्यूरीफायर लगाने के लिए 5000 रुपये की रिश्वत मांगी। इस काम के होने के बाद संदीप के साथ जेल सेल में बंद प्रेम सिंह बिष्ट ने अपने भाई प्रताप सिंह बिष्ट से हेड वार्डन सरवन को 5000 रुपये देने की बात कही। प्रताप ने इसी बाबत इसकी शिकायत सीबीआई से की,जिसके बाद सीबीआई ने सरवन शर्मा को गिरफ्तार किया।