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करोड़ो के सिंचाई घोटाले मे चालान पेश

विजिलेस ब्यूरो ने करोड़ो रुपये के सिचाई घोटाले मे शनिवार को जिला अदालत मे चालान पेश कर दिया।

By Edited By: Published: Sat, 10 Feb 2018 07:37 PM (IST)Updated: Sun, 11 Feb 2018 09:10 AM (IST)
करोड़ो के सिंचाई घोटाले मे चालान पेश
जागरण सवाददाता, मोहाली : विजिलेस ब्यूरो ने करोड़ो रुपये के सिचाई घोटाले मे शनिवार को जिला अदालत मे चालान पेश कर दिया। इस घोटाले मे ब्यूरो ने घपलेबाजी मे शामिल सेवामुक्त सिचाई अधिकारियो समेत मुख्य आरोपी ठेकेदार गुरिदर सिह को नामजद किया था, जिनमे ठेकेदार समेत पाच अधिकारी पहले ही दबोचे गए थे। केस मे शामिल मुख्य आरोपी गुरिदर सिह और सेवामुक्त इजीनियरो को अदालत मे देरी से चालान पेश होने का लाभ लेने से रोकने के उद्देश्य के साथ ये पहला चालान पेश किया गया है। केस से सबधी सभी आरोपियो के खिलाफ मुकदमा अदालत मे अनुपूरक चालान के बाद मे दाखिल किया जाएगा। वही, मामले की जाच भी जारी रहेगी। इन अधिकारियो के खिलाफ पेश किया चालान इस केस मे विजिलेस द्वारा कार्यकारी इजीनियर गुलशन नागपाल, बजरग लाल सिगला, मुख्य इजीनियर (सेवामुक्त) परमजीत सिह घूमन, हरविदर सिह और गुरदेव सिह सियान पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके है। ब्यूरो द्वारा दायर किए गए इस पहले चालान मे तीन केस शामिल किए गए है। जिसमे 100 करोड़ रुपये की निर्माण लागत वाला शाहपुर कडी हाईडल डैम, लगभग 15 करोड़ रुपये के निर्माण वाली कडी नहर और लगभग 25 करोड़ की लागत वाला होशियारपुर जिला के नारा गांव मे एक छोटा डैम शामिल है। सिचाई विभाग को पिछले वर्षो मे चलाए गए 42 प्रोजेक्टो के विवरण पेश करने के लिए कहा है। जिनकी जाच ब्यूरो द्वारा की जा रही है। परतु ब्यूरो को अब तक सिर्फ 35 प्रोजेक्टो के दस्तावेज ही प्राप्त हुए है। कडी नहर के निर्माण मे भी कई कमिया मिली है, जिसमे उसकी लागत मे विस्तार शामिल है। जिक्र योग्य है कि शाहपुर कडी डैम के अभी आने वाले सालो मे मुकम्मल होने के आसार नही है। परतु डैम से निकलने वाली कडी नहर को ठेकेदार की मदद के लिए अधिकारियो ने पहले ही तैयार करवा लिया। नारा के डैम से कमाए थे दो करोड़ रुपये जांच के दौरान खेती के लिए बनाए गए गांव नारा के डैम के निर्माण मे कई कमिया पाई गई थी। जहा से गुरिदर सिह ने करीब 2 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई की। इस ठेकेदार ने मिट्टी उठाने के लिए महकमे से एक करोड़ रुपये की अदायगी तो प्राप्त कर ली। लेकिन इस डैम के लिए गाव की जमीन मे से ही मिट्टी उठाकर पचायत को मिट्टी बदले बनते 80 लाख रुपये वापस नही किए। सरकार पहाड़ी से ली थी मिट्टी, बाद मे किया फर्जीवाड़ा इस चालान मे यह दोष भी शामिल है कि ठेकेदार गुरिदर सिह ने निर्माण के दौरान के साथ लगती सरकारी मलकियत की एक छोटी पहाड़ी को ही गिराकर डैम मे मिट्टी के तौर पर इस्तेमाल कर लिया। महकमे को यह बिल भेजकर बड़ी रकमे प्राप्त की कि उसने बहुत दूर से मिट्टी लाकर डैम का निर्माण किया है। इस केस मे सिचाई विभाग ने सारा हिसाब रखने वाली किताबे (एमबीज) भी नष्ट कर दी। विभाग के अधिकारियो ने मिलीभगत से गुरिदर सिह को ठेके देने के समय पर बहुत पक्षपात किया। कई कामो को जोड़कर मर्जी मुताबिक टेडर बनाकर एक ही टेडर देने वाली इस ठेकेदार की अकेली कपनी को डीएनआइटी की शर्तो के विपरीत करीब 27 फीसद अधिक दरो पर कामो के ठेके अलॉट किए थे। कुल कामो का 60 फीसद एक ही ठेकेदार को दिया गया इसके अलावा ई-टेडरो द्वारा अलॉट किए कई कामो के ठेके की पड़ताल दौरान यह पाया कि पिछले समय दौरान एक ही ठेकेदार गुरिदर सिह को विभाग के कुल कामो मे कीमत मुताबिक 60 प्रतिशत से अधिक काम स्थापित नियमो और हिदायतो की अनदेखी करते हुए अलॉट किए थे। अधिकारियो ने इस ठेकेदार द्वारा किए गए कामो दौरान मानक और सामान की मात्रा को भी अनदेखा किया। जिससे अधिक कमीशन और रिश्र्वत मिल सके। 7-8 साल मे लिए थे एक हजार करोड़ के टेडर ठेकेदार गुरिदर सिह ने विभाग के अधिकारियो के साथ मिलीभगत करके पिछले 7-8 सालो दौरान करीब 1000 करोड़ रुपये के कामो के ठेके लिए। विजिलेस को दस्तावेजो की जाच दौरान यह भी पता लगा कि गुरिदर सिह एड कपनी का सालाना कारोबार साल 2006 -07 दौरान 4.74 करोड़ रुपये से ज्यादा कर साल 2016 -17 मे करीब 300 करोड़ रुपये हो गया था।

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