लेबर व किसान विरोधी कानून के खिलाफ चंडीगढ़ में इंटक का प्रदर्शन, मोदी सरकार के खिलाफ की नारेबाजी
विरोध प्रदर्शन में पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार आए दिन कोईं ना कोई धक्केशाही व तानाशाही से काले कानून पास करा रही है। ये लोकतांत्रिक व्यवस्था की हत्या नहीं है तो क्या है।
चंडीगढ़ [विशाल पाठक]। केंद्र सरकार द्वारा संसद में बिना किसी चर्चा या बहस के पास किए गए मजदूर और किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ आज इंटक चंडीगढ़ की तरफ से प्लाजा सेक्टर 17 में विरोध प्रदर्शन किया गया। इस विरोध प्रदर्शन में पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार आए दिन कोईं ना कोई धक्केशाही व तानाशाही से काले कानून पास करा रही है। ये लोकतांत्रिक व्यवस्था की हत्या नहीं है तो क्या है। पहले किसानों के खिलाफ काला कानून लाकर बड़े-बड़े अपने मित्र व्यवसायियों के हाथों गुलाम बनाने की कोशिश की जा रही है। एक महीने से किसान सड़कों पर हैं। सविधान के तहत मिले विरोध के हक को भी छीना जा रहा है। उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है। ये सरासर हिटलरशाही नहीं है, तो क्या है कांग्रेस डट के किसानों, मजदूरों, लेबर व कर्मचारियों के साथ खड़ी है।
संसद में बिना चर्चा के लेबर/कर्मचारियों के खिलाफ बिल पास कर उनके हकों को छीना जा रहा है। इंटक के कार्यकारी अध्यक्ष दविंदर लुबाना ने कहा कांग्रेस के राज में लेबर कानून लेबर के हक में बनाया गया था ताकि मालिक उनका शोषण ना कर सके लेकिन सूट बूट की मोदी सरकार से लेबर के हकों को छीन कर बड़े-बड़े उद्योगपतियों व कंपनी/फैक्ट्री मालिकों को अधिकार दे दिए है ताकि वो उनका शोषण कर सके जिसे किसी भी तरह बर्दाश्त किया जाएगा। चंडीगढ़ इंटक इसका डट कर विरोध करती है। इंटक के पूर्व अध्यक्ष कुलबीर सिंह ने कहा आज बिजली विभाग का निजीकरण किया जा रहा है। कर्मचारी सड़कों पर इसका विरोध कर रहे हैं। इस विभाग को भी मोदी सरकार उद्योगपति मित्रों को देने जा रही है।
सरकारी नौकरियों को खत्म कर आउटसोर्सिंग प्रणाली को लागू किया जा रहा है। झूठे वादे करके बनी केन्द्र की बीजेपी सरकार का चाल, चेहरा व चरित्र किसान, लेबर व कर्मचारी जा चुके है जिसका आने वाले चुनाव में सबक सिखाएंगे। प्रदर्शन में मौजूद नेताओ के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट हरजिंदर सिंह, महासचिव बलविंदर सिंह, हरमेल केसरी, यादविंदर मेहता, ममता, बलराज सिंह, भजन कौर, सुखप्रीत सिंह, हरजिंदर बावा, नरिंदर रिंकू, अमन सिंह, राकेश बरोटिया, मैरी जॉर्ज वरिदर रावत, जीत सिंह बहलाना, राम करन व अंशुल सिंह उपस्थित रहे।