International Museum Day: चंडीगढ़ ललित कला अकादमी दे रही लंदन घूमने का मौका, 8 जून तक करें अप्लाई
चंडीगढ़ ललित कला अकादमी के चेयरमैन भीम मल्होत्रा ने बताया कि स्कालरशिप के लिए कोई भी कलाकार आवेदन कर सकता है। आवेदन को शार्टलिस्ट करके चुनिंदा कलाकारों को लंदन जाने का मौका मिलेगा और उन्हें लंदन स्थित आर्ट गैलरी एंड म्यूजियम में घूमाया जाएगा।
सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़। International Museum Day: अंतरारष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के उपलक्ष्य पर चंडीगढ़ ललित कला अकादमी शहर के कलाकारों को विदेश लेकर जाएगी। अकादमी की तरफ से लंदन स्थित आर्ट गैलरी एंड म्यूजियम में कलाकारों को घूमलने और वहां जाकर सीखने का मौका दे रही है। चंडीगढ़ ललित कला अकादमी ने अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस पर स्कालरशिप 2022-2023 की घोषणा की, जिसमें मोहाली, पंचकूला और चंडीगढ़ से नियमित तौर पर कला के क्षेत्र में काम करने वाले कलाकारों से आवेदन मांगे हैं।
इस स्कालरशिप के लिए 20 से 30 वर्ष आयु वर्ग का कोई भी कलाकार अप्लाई कर सकता है। स्कालरशिप के लिए अप्लाई करने की अंतिम तिथि 8 जून रखी गई है। चंडीगढ़ ललित कला अकादमी की अधिकारिक वेबसाइट से फार्म डाउनलोड करके आवेदन को भरकर सुबह 11 बजे से शाम चार बजे तक रानी लक्ष्मी बाई भवन सेक्टर-38 स्थित ललित कला अकादमी में जमा कराना होगा।
चंडीगढ़ ललित कला अकादमी के चेयरमैन भीम मल्होत्रा ने बताया कि स्कालरशिप के लिए कोई भी कलाकार आवेदन कर सकता है। आवेदन को शार्टलिस्ट करके चुनिंदा कलाकारों को लंदन जाने का मौका मिलेगा ताकि वह लंदन स्थित आर्ट गैलरी एंड म्यूजियम से सीख सकें और खुद की कला को निखार सकें।
यह कलाकार कर सकते हैं आवेदन
स्कालरशिप के लिए ड्राइंग, ग्राफिक्स और प्रिंट मेकिंग, मल्टीमीडिया, पेटिंग, फोटोग्राफी और स्कल्पचर में काम करने वाले कलाकार अप्लाई कर सकते हैं। कलाकार को फार्म भरने के साथ अब तक किए गए अपने कार्यों की जानकारी, अवार्ड, की डिटेल के साथ खुद के काम को भी किसी कलाकार से वैरीफाई कराना होगा। चंडीगढ़ ललित कला अकादमी वार्षिक स्कालरशिप के साथ राेम, पैरिस से लेकर विभिन्न देशों का कलाकारों को भ्रमण करवा चुकी है।
बेहतर सीखने के साथ करने का मौका
अकादमी के चेयरपर्सन भीम मल्होत्रा ने कबताया कि इस स्कालरशिप का मुख्य उद्देश्य कलाकारों को बेहतर प्लेटफार्म देते हुए उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस स्कालरशिप में कलाकार के विदेश जाने, रहने-खाने का खर्च अकादमी उठाती है ताकि कलाकारों को सीखने मे और खुद की प्रतिभा को निखारने में कोई परेशानी न हो। वर्ष 2008 से अब तक करीब 15 कलाकारों को विदेश भ्रमण करवाते हुए इतिहास, संस्कृतिक और उनकी धरोहर से जोड़ चुके हैं।