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खुफिया तंत्र इतना मजबूत, वेंडर्स को कार्रवाई से पहले मिलती है जानकारी

शहर में अतिक्रमण करने वाले वेंडरों का खुफिया तंत्र इतना मजबूत है कि उन्हें नगर निगम की कार्रवाई की जानकारी पहले ही मिल जाती है।

By Edited By: Published: Sun, 16 Dec 2018 04:33 AM (IST)Updated: Sun, 16 Dec 2018 04:33 AM (IST)
खुफिया तंत्र इतना मजबूत, वेंडर्स को कार्रवाई से पहले मिलती है जानकारी

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : शहर में अतिक्रमण करने वाले वेंडरों का खुफिया तंत्र इतना मजबूत है कि उन्हें नगर निगम की कार्रवाई की जानकारी पहले ही मिल जाती है। इन दिनों सेक्टर-22 और 19 के वेंडरों को इस बात की जानकारी मिल रही थी कि जो वे रात को अपना सामान सरकारी जमीन पर बांधकर चले जाते हैं, उन्हें हटाने के लिए अतिक्रमण हटाओ दस्ता कभी भी कार्रवाई कर सकता है। ऐसे में इन वेंडरों ने यहां पर आसपास बने बंद सरकारी मकानों को अपने सामान रखने के गोदाम में तबदील कर दिया है। जबकि कई अलॉट हुए मकानों में भी सामान रखना शुरू कर दिया है।

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सूत्रों का कहना है कि इसके बदले उस मकान में रहने वालों को प्रतिदिन के हिसाब से राशि का भुगतान किया जाता है। इस बात की जानकारी अतिक्रमण हटाओ दस्ते को है, लेकिन फिर भी अपने स्तर पर वह कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। कोठियों वाले देते हैं इन वेंडर्स को शह सेक्टर-22 में कई वेंडरों ने शास्त्री मार्केट के आसपास बनी कोठियों को भी अपना सामान रखने के लिए किराये पर लिया हुआ है। जबकि प्राइवेट मकानों में इस तरह की व्यावसायिक गतिविधि की मंजूरी नहीं है। सेक्टर-22 की शास्त्री मार्केट और 19 के सदर बाजार के आसपास बने मकानों में सबसे ज्यादा गोलमाल हो रहा है। दैनिक जागरण अभियान के बाद जागा नगर निगम दैनिक जागरण में अतिक्रमण का जाल अभियान के बाद नगर निगम का अतिक्रमण दस्ते ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। बाजारों की पार्किग में वैन भरकर सामान रखने और दस्ते की ड्यूटी समाप्त होने के बाद पार्किंग में फिर से फड़ियां लगने की खबर को दैनिक जागरण ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसके बाद वेंडरों ने वैन में सामान भरकर रखना बंद कर दिया। इसकी जगह मार्केट के आसपास बने सरकारी और निजी मकानों को सामान रखने के लिए संपर्क करना शुरू कर दिया है। वहीं, अतिरिक्त कमिश्नर तिलक राज के आदेश पर अब रात के समय में भी अभियान चलाने की टीम अलग से गठित हो गई है। हद है..एक मकान में मिला तीन शोरूम के बराबर सामान अभियान के तहत नगर निगम के दस्ते ने सेक्टर-19 में एक सरकारी मकान में छापा मारा। यहां पर दस्ता भी हैरान हो गया, जब उन्होंने देखा कि तीन शोरूम के बराबर का माल यहां पर वेंडरों का पड़ा मिला। जिन्हें स्टोर किया गया है। दस्ते का नेतृत्व कर रहे एसडीओ बलराज ¨सह ने इसकी जानकारी अतिरिक्त कमिश्नर तिलक राज को दी। यह मकान पिछले तीन साल से बंद है। जिनका ताला तोड़कर वेंडरों ने इसे अपने लिए प्रयोग कर लिया। बिना मिलीभगत के ऐसा नहीं हो सकता, कार्रवाई होगी : तिलक राज अतिरिक्त कमिश्नर तिलक राज का कहना है कि बिना मिलीभगत के सरकारी मकान में वेंडर अपना सामान नहीं रख सकते हैं। जिस किसी को मकान अलॉट होता है, वह भी इस तरह से सामान रखने की मंजूरी नहीं दे सकता। ऐसा करने वाले सरकारी कर्मचारी का मकान अलॉटमेंट खारिज होता है।

उनका कहना है कि ऐसा भी नहीं हो सकता कि सेक्टर-19 में जिस एरिया सब इंस्पेक्टर की ड्यूटी है, उसे इसकी जानकारी न हो। ऐसे में जिस सरकारी मकान में यह अवैध गोदाम मिला है, उस बारे में उससे पूछा जाएगा। दूसरे एरिया में बदल-बदलकर टीमें भेजी जा रही हैं। चाहे उस एरिया का सब इंस्पेक्टर कोई भी हो। बाजारों के आसपास के मकान में रहने वाले कोई भी वेंडरों को अपना सामान रखने की मंजूरी न दे। दूसरे विभाग से कार्रवाई करवाना कामयाब निर्णय शहर में अवैध कब्जे बढ़ने में वेंडरों के साथ सें¨टग का अहम रोल है। इस बात की जानकारी आलाधिकारियों को हो गई है। ऐसे में इंजीनिय¨रग टीम के एसडीओ बलराम के नेतृत्व में एक अलग टीम बनाई गई, जोकि अलग-अलग एरिया में तैनात अतिक्रमण हटाओ दस्ते के सब इंस्पेक्टरों में तैनात बाजारों में छापा मारने जा रही है। जिससे कई दूसरी तरह की जानकारियां भी मिल रही हैं। ऐसे में अब आलाधिकारी दूसरे विभागों में तैनात कर्मचारियों को इस तरह की फ्लाइंग स्क्वॉयड टीम में शामिल करके औचक निरीक्षण करने की जिम्मेदारी देने वाले हैं।


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