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औद्योगिक प्लांटों का व्यावसायिक इस्तेमाल कर सकेंगे उद्योगपति, 2,000 इकाइयों को होगा फायदा

अधिसूचना के जारी होने के बाद मोहाली के फेज-7 8 और 9 फोकल प्वाइंट में चलने वाली करीब 2000 इकाइयों को फायदा होगा।

By Vipin KumarEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 09:55 AM (IST)Updated: Sat, 08 Feb 2020 09:47 AM (IST)
औद्योगिक प्लांटों का व्यावसायिक इस्तेमाल कर सकेंगे उद्योगपति, 2,000 इकाइयों को होगा फायदा
औद्योगिक प्लांटों का व्यावसायिक इस्तेमाल कर सकेंगे उद्योगपति, 2,000 इकाइयों को होगा फायदा

मोहाली, जेएनएन।  पंजाब स्मॉल इंडस्ट्रीज एक्सपोर्ट कारपोरेशन लिमिटेड (पीएसआइईसी) उद्योगपतियों को बड़ी राहत दी है। उद्योगपति अब अपने औद्योगिक प्लांटों का व्यावसायिक इस्तेमाल कर सकेंगे। इसको लेकर पीएसआइईसी की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है।

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अधिसूचना के जारी होने के बाद मोहाली के फेज-7, 8 और 9 फोकल प्वाइंट में चलने वाली करीब 2,000 इकाइयों को फायदा होगा। अधिसूचना के अनुसार प्लांट क्षेत्र का 30 फीसद व्यावसायिक गतिविधियों के लिए उपयोग किया जा सकता है। यानि मालिक शोरूम, रिटेल आउटलेट और अन्य वाणिज्यिक इकाइयां खोल सकते हैं।इससे पहले उक्त क्षेत्रों का केवल 10 फीसद व्यावसायिक गतिविधियों के लिए उपयोग करने की अनुमति दी गई थी। मालिक को औद्योगिक क्षेत्र के कलेक्टर दर के अनुसार राशि का भुगतान करना होगा। मोहाली में शुल्क लगभग 35,000 प्रति वर्ग गज है।

ध्यान रहे कि पीएसआइईसी ने पहले ही अस्पतालों, होटलों और संस्थागत इकाइयों के रूप में उपयोग के लिए अपने केंद्र बिंदु में औद्योगिक भूखंडों के रूपांतरण की अनुमति दी है। मालिकों को अपने परिसर के भंडारण और कौशल विकास केंद्रों की स्थापना के लिए उपयोग करने की अनुमति दी गई है, बाद वाले को एक औद्योगिक गतिविधि के रूप में माना जाता है।

अधिकारियों का कहना है कि निगम प्रमुख आइटी और खुदरा बहुराष्ट्रीय कंपनियों को आकर्षित करने के लिए औद्योगिक कार्यालयों के रूप में औद्योगिक भूखंडों का उपयोग करने के लिए एक सप्ताह के भीतर अधिसूचना जारी करने की प्रक्रिया में है।

लंबे समय से थी मांग

मोहाली इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश सागर ने कहा कि यह लंबे समय से उद्योगपतियों की मांग थी। इस फैसले से छोटे उद्योगों को अपने परिचालन पर नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी और अलग-अलग व्यवस्था करने की जरूरत को ध्यान में रखते हुए उनके मामलों को अधिक प्रभावी ढंग से और कुशलता से प्रबंधित किया जा सकेगा।

यह निर्णय सरकार की अपनी नई औद्योगिक और व्यावसायिक विकास नीति के तहत व्यापार में आसानी पर ध्यान देने के साथ लिया गया है, ताकि औद्योगिक भूखंड धारकों को विभिन्न प्रकार की गतिविधियां करने में सुविधा हो जो उन्हें सेवा क्षेत्र के उद्यम के साथ व्यवहार करने की अनुमति देंगे।


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