Move to Jagran APP

इसरो के वैज्ञानिकों पर भरोसा, दूर करने में कामयाब होंगे मून मिशन की अड़चनें: सर्ज हारोचे

फिजिक्स के क्षेत्र में साल 2012 में नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. सर्ज हारोचे ने कहा कि साइंस में सरप्राइज होते रहते हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 08:40 PM (IST)Updated: Thu, 12 Sep 2019 06:27 AM (IST)
इसरो के वैज्ञानिकों पर भरोसा, दूर करने में कामयाब होंगे मून मिशन की अड़चनें: सर्ज हारोचे

जागरण संवाददाता, मोहाली :

loksabha election banner

फिजिक्स के क्षेत्र में साल 2012 में नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. सर्ज हारोचे ने कहा कि साइंस में सरप्राइज होते रहते हैं। कभी सफलता हाथ लगती है तो कभी असफलता, लेकिन मुझे उम्मीद है कि इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन के वैज्ञानिक मून मिशन के रास्ते में आई अड़चनों को दूर कर पाने में जरूर कामयाब होंगे। मुझे नहीं मालूम कि लेंडर विक्रम के साथ क्या हुआ, लेकिन पूरी उम्मीद है कि मून मिशन की दिक्कत का समाधान हो जाएगा।

डॉ. हारोचे ने बुधवार को यहां आयोजित नोबेल प्राइज सीरीज इंडिया 2019 की ट्रैवलिंग एग्जीबिशन में शिरकत की। कार्यक्रम में साल 2014 में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता डॉ.कैलाश सत्यार्थी ने भी हिस्सा लिया।

इस मौके पर हारोचे ने कहा कि साइंस में विफल होना कोई बड़ी बात नहीं है। साइंस में यह पता नहीं होता कि हम कहां जा रहे हैं। कई बार अच्छे सरप्राइज मिलते हैं और कई बार बुरे। लेकिन हमें उन अच्छे और बुरे अनुभवों के आधार पर खुश या निराश होने की बजाय उनक अनुभवों से सीख लेनी चाहिए। उस नए अनुभवों के साथ नई खोज शुरू करनी चाहिए। ऐसा करके ही ब्रह्मांड के रहस्यों से दुनिया को रूबरू कराया जा सकता है। हमें प्रयास जारी रखना होगा, सफलता हर हाल में मिलेगी। सफलता-विफलता का मिश्रण है साइंस 

राष्ट्रीय कृषि-खाद्य जैव प्रौद्योगिकी संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. सर्ज हारोचे ने विज्ञान को सफलता-विफलता का मिश्रण बताया। भारत में युवाओं को वैज्ञानिकता से जोड़ने का प्रयास हो

डॉ. सर्ज हारोचे ने कहा कि आविष्कार हर बार सफल हो जाएं, यह जरूरी नहीं। लेकिन हर बार के प्रयास से एक नया अनुभव और कुछ नया करने का मैसेज जरूर दे जाते हैं। इसलिए आविष्कारों का क्रम जारी रखना होगा। भारत जैसे देश को अपने युवाओं को वैज्ञानिकता से जोड़ने का प्रयास करना चाहिए। युवा देश होने के नाते यहां इसकी ज्यादा संभावनाएं हैं। डॉ.कैलाश सत्यार्थी ने बच्चों से की मुलाकात

कार्यक्रम में पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू, वर्ष 2014 में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता डॉ.कैलाश सत्यार्थी उपस्थित थे।  उन्होंने बच्चों से भी मुलाकात की। दिल्ली और लुधियाना में होगा अगला कार्यक्रम

नोबेल प्राइज सीरीज इंडिया 2019 की ट्रैवलिंग एग्जीबिशन का अगला कार्यक्रम लुधियाना और दिल्ली में भी होगा। 12 सितंबर को पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना में नोबल प्राइज सीरीज के लेक्चर्स होंगे। वहीं 13 सितंबर को नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी दिल्ली के स्कूलों के दौरे पर जाएंगे। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पढ़ाने एवं सीखने के अहम मसलों को देश के युवाओं के सामने रखना है। प्रदर्शनी में मानवतावाद का संदेश

प्रदर्शनी में नोबल पुरस्कार विजेताओं की ओर से मानवतावाद से जुड़े कई संदेश दिए गए। इस मौके पर लगी प्रदर्शनी में लोगों की जान बचाने, मानवता के लिए भोजन सुनिश्चित करने, लोगों को आपस में जोड़ने और धरती की सुरक्षा से जुड़े खोजों और उपलब्धियों को दर्शाया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.